वायुसेना में आएगा स्वदेशी तेजस:इसके पंखों में 9 जगह मिसाइलें फिट की जाती हैं; रक्षा मंत्री 17 अक्टूबर को सौंपेंगे

वायुसेना में आएगा स्वदेशी तेजस:इसके पंखों में 9 जगह मिसाइलें फिट की जाती हैं; रक्षा मंत्री 17 अक्टूबर को सौंपेंगे
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महाराष्ट्र के नासिक में स्थित ओझर में एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) ने ‘तेजस एमके 1ए’ फाइटर जेट का परीक्षण पूरा कर लिया है। वायुसेना के लिए तेजस विमान बना रही HAL को सितंबर में ही अमेरिका ने इसका चौथा इंजन भेजा था। LCA मार्क 1A, तेजस एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हैं। LCA मार्क-1A के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं। इसकी खूबियों में से एक है कि इसके पंखों में 9 जगह मिसाइलें फिट होती हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में शुक्रवार को इसे वायु सेना को सौंपा जाएगा। इसके उत्पादन में देश की 500 से ज्यादा घरेलू कंपनियों का योगदान है, इसलिए इसे स्वदेशी तेजस भी कहा जा रहा है। मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर को HAL को भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। केंद्र ने HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की है। मार्क-1A एयरक्राफ्ट वायुसेना के मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा। इसे पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। मिग-21 26 सितंबर को रिटायर हो चुका है। इसने 62 साल की सर्विस के दौरान 1971 युद्ध, कारगिल और कई बड़े मिशन में अहम भूमिका निभाई थी।


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