भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी फटा:बैरन आइलैंड में 8 दिन में 2 बार धमाका; अंडमान-निकोबार द्वीप में है

भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी फटा:बैरन आइलैंड में 8 दिन में 2 बार धमाका; अंडमान-निकोबार द्वीप में है
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अंडमान-निकोबार के बैरन आइलैंड में बीते 8 दिनों के भीतर दो बार हल्के ज्वालामुखी विस्फोट हुए हैं। यहां भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी है। यह ज्वालामुखी 13 और 20 सितंबर को फटा, हालांकि दोनों बार विस्फोट हल्के दर्जे के थे और आसपास के इलाकों पर किसी तरह का खतरा नहीं है। बैरन आइलैंड पोर्ट ब्लेयर से करीब 138 किलोमीटर दूर है और यह दक्षिण एशिया का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी है। यह लगभग 3 वर्ग किलोमीटर का निर्जन द्वीप है, जिस पर ज्वालामुखी की राख और पत्थर फैले रहते हैं। यह द्वीप 354 मीटर ऊंचा है और अंडमान-निकोबार की खास पहचान माना जाता है। विस्फोट की 3 तस्वीरें… इससे पहले जुलाई में भी विस्फोट हुआ था रिकॉर्ड के मुताबिक यहां पहली बार विस्फोट 1787 में हुआ था। इसके बाद कई बार यह ज्वालामुखी सक्रिय हुआ। हाल में 2017 और 2022 में बड़े विस्फोट हुए थे। इस साल जुलाई में भी गतिविधि दर्ज की गई थी। बैरन आइलैंड में कोई नहीं रहता बैरन आइलैंड पूरी तरह से निर्जन द्वीप है, यानी यहां कोई इंसान नहीं रहता। यह जगह सिर्फ ज्वालामुखी, राख और पत्थरों से भरी हुई है। इस द्वीप की ऊंचाई करीब 354 मीटर है, जो समुद्र की सतह से काफी ऊपर उठी हुई दिखाई देती है। यहां हरी-भरी खेती या बड़े पेड़ नहीं मिलते, बस थोड़ी बहुत झाड़ियां और पतली घास जैसी वनस्पति ही दिखाई देती है। यही कारण है कि यह जगह इंसानों के रहने लायक नहीं है। फिर भी, यह द्वीप अंडमान-निकोबार की एक खास पहचान माना जाता है। समुद्र के बीचों-बीच खड़ा यह ज्वालामुखी वैज्ञानिकों और यात्रियों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है। अब जानिए ज्वालामुखी कैसे फटता है ————————–


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