चीन से तल्खी के बीच मालाबार युद्धाभ्यास की मेजबानी करेगा भारत

चीन से तल्खी के बीच मालाबार युद्धाभ्यास की मेजबानी करेगा भारत
Share Now

नई दिल्ली।हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन के बढ़ते आक्रामक तेवरों के बीच अगले सप्ताह 8 अक्टूबर से भारत की मेजबानी में ‘मालाबार-2024 नौसैन्य युद्धभ्यास’ की शुरुआत की जाएगी। यह चार देशों का एक चतुष्कोणीय युद्धाभ्यास है। जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं भाग लेंगी। नौसेना ने एक बयान जारी कर यह जानकारी देते हुए बताया कि यह युद्धाभ्यास 8 से 18 अक्टूबर तक नौसेना की पूर्वी कमांड के मुख्यालय विशाखापट्टनम में होगा। इसके समुद्री चरण में सभी भागीदार देशों की नौसेनाएं अपने जंगी बेड़े के साथ बेहद जटिल नौसैन्य ड्रिल करेंगी। युद्धाभ्यास का बंदरगाह चरण विशाखापट्टनम में होगा।
नौसेना ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में बड़े पैमाने पर सहयोग और रणनीतिक क्षमता में बढ़ोतरी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान (एसएमईई) के जरिए विशेष अभियानों, सतह, हवाई और पनडुब्बी रोधी युद्ध जैसे मामलों पर चर्चा की जाएगी। जटिल समुद्री अभियानों में पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह पर लड़ा जाने वाला युद्ध, समुद्र में किए जाने वाले हवाई रक्षा अभ्यास के साथ समुद्री परिदृश्य के बीच परिस्थिति को लेकर जागरूकता में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 1992 में भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय नौसैन्य युद्धाभ्यास के रूप में हुई थी। 2015 में जापान और 2020 में  ऑस्ट्रेलिया इसमें शामिल हुआ था। चीन इस अभ्यास का सबसे बड़ा आलोचक है। शुरुआत में द्विपक्षीय होने के बाद अंतर संचालनीयता, आपसी समझ को बढ़ाने और हिंद और प्रशांत महासागर में साझा समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह एक बहुपक्षीय अभ्यास के रूप में परिवर्तित हो गया। मालाबार युद्धाभ्यास में मिसाइल नाशक डिस्ट्रॉयर, बहुउद्देशीय फ्रिगेट, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर समेत कई भारतीय नौसैन्य प्लेटफार्म शामिल हुए। 


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *