असम में बाढ़ के हालात में सुधार, बारिश में कमी से घटा नदियों का जलस्तर; अब भी 1.7 लाख लोग प्रभावित

असम में बाढ़ के हालात में सुधार, बारिश में कमी से घटा नदियों का जलस्तर; अब भी 1.7 लाख लोग प्रभावित
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असम में पिछले दिनों से बनी हुई बाढ़ की स्थिति में सुधार होने लगा है। मंगलवार तक कम बारिश होने के कारण जलस्तर भी घटा है। वहीं बाढ़ प्रभावितों की संख्या भी घटकर 1.7 लाख ही रह गई है। जो कि रविवार को दो लाख से अधिक थी। नौ जिले अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। भारी बारिश के कारण असम के अधिकांश हिस्से में बाढ़ से जूझ रहे थे। रविवार को राज्य के लगभग 9 जिलों के दो लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित थे। लेकिन कम बारिश के कारण इस स्थिति में सुधार आने लगा है। मंगलवार को असम राज्य आपदा प्रबंधनक प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि वर्तमान में बाजाली, बारपेटा, कछार, दरंग, गोलपारा, कामरूप, करीमगंज, नागांव और होजई जिलों में 1,70,377 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि वर्तमान में बाजाली, बारपेटा, कछार, दरंग, गोलपारा, कामरूप, करीमगंज, नागांव और होजई जिलों में 1,70,377 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों बारिश कम होने से प्रमुख नदियों का जलस्तर घटा है। इसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कमी आई है। इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है, सोमवार को कछार में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला करीमगंज है। जहां 96,440 लोग बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। दूसरे स्थान पर कछार है जहां 52,400 से अधिक लोग बाढ़ के पानी में डूबे हैं, उसके बाद दरांग में लगभग 10,802 लोग बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। करीमगंज में अभी भी कुशियारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि अन्य प्रमुख नदियाँ और उनकी सहायक नदियां पिछले दो दिनों में बारिश में कमी के बाद घटने की प्रवृत्ति दिखा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया कि कुल मिलाकर 13,094 लोग वर्तमान में प्रभावित जिलों में 149 राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। कम से कम 641 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। बाढ़ के मौजूदा दौर के कारण पूरे राज्य में 2,273.44 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है। अधिकांश प्रभावित जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।


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