मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से अबतक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने देशभर में सिरप बनाने वाली फॉर्मा कंपनियों की जांच और सैंपल टेस्टिंग करने का फैसला किया है। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सिरप बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट मांगी है, ताकि उनकी क्वालिटी और सुरक्षा की जांच की जा सके। CDSCO ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया कि तीन सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बाजार में बिक्री और उनके प्रोडक्शन पर भी रोक लगा दी है। वहीं, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि दवा बनाने से पहले कच्चे माल और तैयार दवाओं की टेस्टिंग जरूर की जाए। जांच में पाया गया है कि कई दवा कंपनियां हर बैच की सही तरीके से जांच नहीं कर रहीं, जिससे दवाओं की क्वालिटी खराब हो रही है। इससे पहले मध्य प्रदेश की SIT टीम ने बुधवार रात चेन्नई में कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तारी कर लिया था। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। पूरी खबर पढ़ें… CBI जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में इस मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है। अभी तक कोई भी राज्य पूरी तरह से सुधारात्मक और निवारक कार्रवाई (CAPA) गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाया है। यह गाइडलाइन दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बनाई गई है। सरकार के आदेश के बाद 18 राज्यों के ड्रग डिपार्टमेंट ने ऑनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम (ONDLS) पर रजिस्ट्रेशन किया है। यह एक सिंगल-विंडो डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिससे दवाओं से जुड़े सभी लाइसेंस और परमिशन ऑनलाइन दी जा सकती हैं। कोल्ड्रिफ की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिलीं तमिलनाडु सरकार की जांच कमेटी को कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिली थीं। जिन्हें क्रिटिकल और मेजर श्रेणी में रखा गया था। तमिलनाडु के ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने 7 अक्टूबर को सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सरकार ने पांच दिन के अंदर कंपनी से जवाब मांगा था। तमिलनाडु में बनने वाली कोल्ड्रिफ सिरप में 48% जहर कांचीपुरम जिले के सुंगुवर्चत्रम में स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल की यूनिट से कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) जब्त किया गया। जांच में पता चला कि इसमें नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल हुआ, जो संभवतः डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। दोनों ही केमिकल किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले पदार्थ हैं। जैसे ही सैंपल चेन्नई की सरकारी ड्रग्स टेस्टिंग लैब में भेजे गए, वहां से 24 घंटे में रिपोर्ट दी गई। इसमें पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप का यह बैच 48.6% w/v DEG से जहरीला और ‘Not of Standard Quality’ है। जबकि अन्य चार दवाओं (रेस्पोलाइट D, GL, ST और हेप्सैंडिन सिरप) को स्टैंडर्ड क्वालिटी का पाया गया। सबसे पहले इन पर लगा था बैन बच्चों की मौतों के बाद कोल्ड्रिफ बैच नंबर SR-13 और नेक्स्ट्रो-डीएस बैच नंबर AQD-2559 कफ सिरप को बैन कर दिया गया। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर की आर्क फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के सिरप ‘डिफ्रॉस्ट’ के बैच नं. 11198 को बाजार से रिकॉल करने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश सरकार ने क्लोरफेनिरामाइन मलेट (Chlorpheniramine Maleate) और फिनाइलफ्रिन एचसीएल (Phenylephrine HCl) जैसे केमिकल के उपयोग को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। —————————————— ये खबर भी पढ़ें… कफ सिरप से मौत पर राजस्थान-एमपी सरकार को नोटिस, NHRC ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जांच करने को कहा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर नकली कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले में जांच करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही नकली दवाओं की बिक्री पर तुरंत बैन लगाने का निर्देश भी दिया। पूरी खबर पढ़ें…
सरकार देशभर में कफ-सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच करेगी:राज्यों से लिस्ट मांगी; 3 सिरप की बिक्री पर रोक, MP में अबतक 25 बच्चों की मौत
