ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आज ग्रामीण महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘पलाश मार्ट’ की तर्ज पर ‘पलाश हाट’ पर सरकार विचार करेगी। जिससे ग्रामीण महिला उद्यमियों के उत्पादों को व्यापक बाजार मिलेगा। जेएसएलपीएस द्वारा सखी मंडल के माध्यम से महिलाओं को संगठित कर उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आया है। कहा, राज्य सरकार अबुआ आजीविका को लेकर गंभीर है। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह सोमवार को अबुआ आजीविका संवाद कार्यक्रम में झारखंड एवं अन्य राज्यों से आई महिला उद्यमियों से संवाद कर रहीं थी। कार्यक्रम में जेसोवा मेला में स्टॉल लगाने वाली विभिन्न जिलों की नाबार्ड से जुड़ी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों की महिलाएं एवं जेएसएलपीएस से जुड़ी महिला उद्यमी ने अनुभव साझा किए। उत्पादों को मजबूत विपणन तंत्र मिले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर अनुशासित वित्तीय लेन-देन कर रही हैं। अब आवश्यकता है कि इन उत्पादों को मजबूत विपणन तंत्र मिले। इसी दिशा में रांची में पलाश मॉल की स्थापना की जा रही है। नाबार्ड की सीजीएम दीपमाला घोष ने कहा कि नाबार्ड द्वारा महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए कई पहलें की गई हैं। नाबार्ड लगातार एफपीओ को प्रोत्साहित कर रहा है। ग्राम दुकान एवं रूरल मार्ट जैसी पहलें की जा रही हैं। इस दौरान नाबार्ड, जेएसएलपीएस एवं सर्ड के कर्मी भी उपस्थित रहे। जेएसएलपीएस के सीईओ अनन्य मित्तल ने कहा कि इस वर्ष ब्रांड पलाश और अदिवा के फीडबैक पर मैकेनिज्म को सशक्त किया जा रहा है।
पलाश मार्ट की तर्ज पर पलाश हाट पर विचार करेगी सरकार
