43 साल में तौकीर रजा पर पहली बार कड़ा एक्शन:84 लोग जेल गए, 200 करोड़ की अवैध इमारतें मिट्टी में मिलाई

43 साल में तौकीर रजा पर पहली बार कड़ा एक्शन:84 लोग जेल गए, 200 करोड़ की अवैध इमारतें मिट्टी में मिलाई
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यूपी के बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर बवाल होने के बाद सारे सरकारी महकमे एक्शन मोड में हैं। पुलिस अब तक तौकीर रजा और उनके 7 करीबियों सहित 84 लोगों को बलवा में जेल भेज चुकी है। बरेली विकास प्राधिकरण और नगर निगम अब तक 220 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी को सील या ध्वस्त कर चुका है। पावर कॉरपोरेशन भी एक्शन में है। लगातार चेकिंग अभियान चलाकर दर्जनों कनेक्शन काटे गए हैं। वहीं, डेढ़ करोड़ रुपए के रिकवरी नोटिस जारी किए हैं। बाकी सरकारी विभाग भी अपने-अपने स्तर पर एक्शन में जुटे हैं। संभल हिंसा के बाद जिस तरह की कार्रवाई हुई थी, ठीक वैसा ही एक्शन बरेली में लिया जा रहा। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा और उनके करीबियों पर 43 साल के आपराधिक इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है। राजनीतिक रसूख और आला हजरत दरगाह से नाम जुड़ा होने की वजह से तौकीर रजा पर कभी किसी सरकार ने इतना बड़ा एक्शन नहीं लिया। दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। हमने जाना कि अब तक कितना एक्शन हुआ है? स्थानीय लोग क्या कहते हैं? पुलिस अब क्या करने जा रही? पूरी रिपोर्ट पढ़िए… बिजली विभाग भी एक्शन में
1 अक्टूबर को पावर कॉरपोरेशन ने अभियान चलाकर मौलाना तौकीर रजा के रिश्तेदार मोहसिन रजा, सपा पार्षद मोहम्मद नदीम सहित 8 लोगों के यहां बिजली की चोरी पकड़ी। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कुल 1 करोड़ 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा वसीम खान को 15.39 लाख, मोनिश खान को 22.29 लाख, बरकान रजा खान को 37.32 लाख, अमन राजा को 26.92 लाख और गुलाम नबी के नाम पर 26.57 लाख रुपए की आरसी जारी की गई है। 37 दुकानें सील, सड़क पर आए दुकानदार
बरेली में नॉवेल्टी चौराहे के पास दरगाह है। इस दरगाह में मार्केट बनी हैं, जिसमें 37 दुकानें हैं। कहा जाता है कि ये प्रॉपर्टी वक्फ की है, लेकिन मौलाना तौकीर रजा का इस पर होल्ड है। नगर निगम ने इस पूरी मार्केट को सील कर दिया है। इसके बाद दुकानदार सड़क पर आ गए हैं। दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों से सामान बाहर निकाल लिया। अब वो लोग सड़क पर रेहड़ी लगाकर सस्ते रेट पर सामान बेचने को मजबूर हैं। हमने कई दुकानदारों से ऑन कैमरा बातचीत करने की कोशिश की। लेकिन, सरकारी एक्शन के डर से कोई बात करने को तैयार नहीं हुआ। हालांकि, दुकानदारों ने इतना जरूर कहा कि नगर निगम ने सीलिंग की कार्रवाई से पहले दुकान खाली करने का कोई नोटिस नहीं दिया। इस मार्केट पर एक बैनर टंगा है। इस पर लिखा है- पहलवान साहब की मजार और उससे संबंधित प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड यूपी, लखनऊ के अधीन है। यह प्रॉपर्टी किसी निजी व्यक्ति या राजनीतिक संगठन की नहीं है। इससे संबंधित कोई भी वाद हाईकोर्ट इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन है। सभी न्यायालयों से वक्फ बोर्ड के पक्ष में स्टे ऑर्डर है। इंतजामिया कमेटी सेक्रेटरी की तरफ से ये बैनर दुकानों के बाहर लगाया गया है। यह सीधे नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दे रहा है। सपा नेता बोले- देश संविधान से चलता है, बुलडोजर से नहीं
समाजवादी पार्टी के नेता प्रमोद यादव बरेली में चल रही बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। कहते हैं- देश संविधान से चलता है, न कि बुलडोजर से। अखिलेश यादव भी यही बात कहते हैं कि बुलडोजर का दिमाग नहीं होता। जब कभी हम लोगों की सत्ता आएगी, बुलडोजर का मुंह उन लोगों की तरफ घूमेगा, जो आजकल हमारी तरफ है। क्या जब निर्माण हो रहे थे, तब प्रशासन ने उन्हें नहीं देखा? बरेली में ये एकतरफा कार्रवाई हो रही। ये तानाशाही है। हम लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा। समय बदलता है, ये योगी को ध्यान रखना चाहिए। जिनके निर्माण तोड़े, उनके लिए मांगा मुआवजा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने भी यूपी मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराकर बरेली की बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा- यह संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन श्रेणी में आता है। अगर अवैध निर्माण थे, तो पहले सूचना दिए उन्हें ध्वस्त नहीं किया जा सकता। पहले नोटिस देना चाहिए, फिर उस पर प्रॉपर सुनवाई होनी चाहिए। यह अनुच्छेद 300-A के तहत नागरिकों के संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। इस नुकसान के लिए नागरिकों को मुआवजा मिलना चाहिए। DIG बोले- इलेक्ट्रॉनिक और वैज्ञानिक तरीके से होगी विवेचना
बरेली बवाल में पुलिस ने अब तक क्या-क्या कार्रवाई की? इसके जवाब में बरेली रेंज के DIG अजय साहनी ने बताया- उपद्रव में अब तक कुल 84 गिरफ्तारियां की गई हैं। इसमें मुख्य आरोपी तौकीर रजा और साथियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा SSP ने 7 आरोपियों पर 15-15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। ये वो लोग थे, जो पुलिस और कोर्ट के सामने पेश नहीं हो रहे थे। लगातार ये लोग अपने ठिकानों से फरार चल रहे थे। इस पूरे प्रकरण में अब तक कुल 11 FIR दर्ज की गई है। इन सभी मुकदमों की जांच के लिए एक SIT बनाई गई है। SP रैंक के ऑफिसर SIT को लीड कर रहे हैं। इसकी हेल्प के लिए 2 राजपत्रित ऑफिसर और 10 इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर दिए गए हैं। उद्देश्य यह है कि इन सभी मुकदमों की विवेचना इलेक्ट्रॉनिक और वैज्ञानिक तरीके से हो और चार्जशीट कोर्ट में लगाई जाए। तौकीर रजा को बनाया 10 मुकदमों में आरोपी
बरेली में IMC अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद लोगों से इस्लामिया ग्राउंड में जुटने और वहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने का आह्वान किया था। पुलिस ने तौकीर रजा और उनसे जुड़े लोगों को पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया। जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने इस्लामिया ग्राउंड की तरफ रुख करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोका, तो 4 जगह भिड़ंत हो गई। पुलिस पर पथराव, फायरिंग हुई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठियां चलाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े। इस मामले में 11 मुकदमे दर्ज हुए। तौकीर रजा सहित 84 लोग जेल जा चुके हैं। पुलिस ने कुल 10 मुकदमों में तौकीर रजा को आरोपी बनाया है। ———————— ये खबर भी पढें…. अखिलेश बोले- आजम पर केस करके भाजपा रिकॉर्ड बना रही, आजम ने कहा- सब तिनका-तिनका हुआ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान के जेल से छूटने के बाद पहली बार मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में 2 घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान आजम की पत्नी और बेटे भी मौजूद नहीं थे। बाहर निकलने पर अखिलेश ने कहा- आजम साहब बहुत पुराने नेता हैं। उनका गहरा साया हमेशा हमारे साथ रहा है। आजम खान हमारी पार्टी का दरख्त (पेड़) हैं। आजम परिवार पर भाजपा केस करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। यह बड़ी लड़ाई है और उसमें हम सब मिलकर लड़ेंगे। इससे पहले, सपा प्रमुख को आजम ने खुद रिसीव किया। इसके बाद अखिलेश और आजम एक ही कार में बैठकर घर पहुंचे। अखिलेश बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे लखनऊ से निजी विमान से रामपुर के लिए रवाना हुए। वह पहले बरेली एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां से हेलिकॉप्टर से दोपहर 12:45 बजे रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में लैंड हुए। पढ़िए पूरी खबर…


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