पोल पर किसी प्रकार का इंसुलेटर भी नहीं लगा हुआ था। जब बणेश्वर मरांडी अपनी भैंस को चराने के लिए उक्त खदान के बगल में गया। जहां भैंस पोल से लगे हुए लोहे की रॉड के संपर्क में आ गया। बिजली करंट की चपेट में आने से भैंस छटपटाने लगा। जब भैंस को बचाने का बणेश्वर ने प्रयास किया तो उसे भी बिजली का झटका लगा। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के झारखंड आंदोलनकारी स्व चरण मरांडी का पुत्र था।
उल्लेखनीय है कि उक्त खदान संचालक ने खदान के कार्यालय तक बिजली लाने के लिए अतिरिक्त पोल का इस्तेमाल नहीं कर 11 हजार वोल्ट के उसी पोल का इस्तेमाल किया गया था। इस पूरे प्रकरण से बिजली विभाग के कामकाज और खदान संचालक की लापरवाही उजागर होती है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर काफी रोष है। मृतक के छोटे भाई नागेश्वर ने इस संबंध में बिजली विभाग और खदान मालिक अमरदीप के खिलाफ थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच मृतक के शव को पोस्टमार्टम करा के परिजनों को सौंप दिया।