दिवाली और छठ में बाहर से धनबाद आनेवाली ट्रेनों की सीटें फुल हो चुकी हैं। हवाई किराया भी आसमान छूने लगा है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को और छठ महावर्व 25-28 अक्टूबर तक है। हवाई मार्ग से धनबाद आने के लिए रांची, दुर्गापुर और देवघर की फ्लाइट पकड़नी पड़ती है। 18 अक्टूबर को दिल्ली से इन तीनों जगहों का हवाई किराया सामान्य के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। वहीं, मुंबई और बेंगलुरु से रांची, दुर्गापुर और देवघर का किराया तीन गुना से भी ज्यादा हो गया है। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें न मिलने के कारण दिवाली और छठ के आसपास जो लोग विमान से आना पसंद करते हैं, वे किराया बढ़ने से परेशान हैं। पर्व के बाद वापसी की फ्लाइट में 1 नवंबर का किराया फिलहाल ज्यादा नहीं बढ़ा है, पर सीटें बुक होते जाने पर बढ़ सकता है। पर्व नजदीक आने के साथ ही बढ़ता जाएगा किराया त्योहारों के मौसम में सभी एयरलाइंस किराए के लिए डायनामिक फेयर प्राइसिंग करती हैं। मांग बढ़ने पर टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती हैं। हर रूट की फ्लाइट के लिए किराया दिन में कई बार बढ़ सकता है। इंडिगो एयरलाइन के एक अधिकारी के बताया कि अगर विमान 180 सीटों का है, तो डायनामिक फेयर के तहत पहली 10 सीटें सामान्य किराए पर बुक होती हैं। लेकिन, उसके बाद की हर 10 सीट का किराया बढ़ता जाता है। जैसे-जैसे सीटें बुक होती जाएंगी, किराया बढ़ता जाएगा।
सड़क मार्ग का विकल्प पटना, वैशाली, छपरा, सीवान जाने के लिए धनबाद के लोग नवादा, गया या जमुई होकर जाते हैं। पटना के लिए गिरिडीह, जमुई, शेखपुरा होकर जाना आसान होगा। सड़क भी ठीक है। बाजार छोड़ ट्रैफिक भी सामान्य रहता है। आरा के लिए औरंगाबाद, सहार होकर जाना सुविधाजनक होगा। बिहार की ट्रेनें होने लगीं फुल यहां से बड़ी संख्या में लोग छठ करने परिवार के साथ बिहार जाते हैं। 21 से 24 अक्टूबर के बीच गंगा-दामोदर, वनांचल, मौर्य समेत बिहार जानेवाली विभिन्न ट्रेनों में सभी श्रेणी की सीटें फुल हो चुकी हैं। हालांकि, धनबाद-पटना और पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में कुछ सीटें उपलब्ध हैं।
दीपावली व छठ में घर आना हुआ मुश्किल:बाहर से धनबाद आने वाली ट्रेनों में टिकट नहीं, हवाई किराया आसमान पर
