पंजाब पुलिस के AIG कलेर को झटका:अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी की लटकी तलवार, कई इलाकों में छापेमारी

पंजाब पुलिस के AIG कलेर को झटका:अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी की लटकी तलवार, कई इलाकों में छापेमारी
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पंजाब के मोहाली में बिजनेसमैन को ब्लैकमेल कर सुसाइड करने के मामले में AIG गुरजोत सिंह कलेर को अदालत से झटका लगा है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब उन्हें जेल जाने से बचने के लिए हाईकोर्ट जाना पडे़गा। इससे पहले सीए सुमीर अग्रवाल व उसके गनमैन रिशी राणा की याचिका भी खारिज हो चुकी है। 10 सितंबर को बिजनेसमैन राजबीर सिंह ने मोहाली के प्राइवेट बैंक में जाकर सुसाइड किया था। वहीं, सुसाइड से पहले उसने दो पेज का सुसाइड नोट घर में दूध की डायरी में छोड़ा था, जबकि एआईजी द्वारा तंग करने संबंधी वीडियो बनाकर अपने दोस्त के फोन पर भेजा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर थाना फेज-आठ में बीएनएस की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने और 61(2) धमकी और दबाव डालकर अवैध वसूली की धाराओं तहत केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में मृतक के पिता परमजीत सिंह ने पुलिस को बयान दिए थे। उन्होंने बताया कि अधिकारी मेरे बेटे को ब्लैकमेल कर रहा था। झूठे केस में फंसाने की धमकियां दे रहा था। बिजनेस में किया था निवेश मृतक के पिता ने बताया कि मेरी दो बेटियां हैं, जो शादीशुदा हैं। छोटा बेटा न्यूजीलैंड में है, जबकि बड़ा बेटा राजदीप सिंह पिछले 7-8 साल से मोहाली में प्राइवेट बिजनेस कर रहा था। मेरे बेटे के साथ धमेंद्र सिंह थिंद भी काम करता था। बेटा इमिग्रेशन के साथ-साथ प्रॉपर्टी का काम भी करता था। मेरे बेटे के इमिग्रेशन के काम में एआईजी गुरजोत ने पैसे इन्वेस्ट किए थे। जब उसने पैसे इन्वेस्ट किए थे, तो मेरे बेटे से खाली कागजों और खाली चेक पर साइन करवाए थे। फरवरी महीने गुरजोत ने अपना इन्वेस्ट किया हुआ एक करोड़ 60 लाख रुपए वापस ले लिए थे। जबकि मेरे बेटे ने 2 करोड़ 46 लाख सुमीर अग्रवाल के पास प्रॉपर्टी के कारोबार में निवेश किए थे। समीर मेरे बेटे का सीए का काम देखता था। बेटे ने अपनी जिम्मेदारी पर 5 करोड़ 50 लाख गुरदियाल सिंह के भी सुमीर अग्रवाल के पास इन्वेस्ट किए थे। परिवार को कर रहा था ब्लैकमेल इसी तरह मेरा लड़का फिरोजपुर के रिंकू और उसकी दोस्त साइना अरोड़ा, जो आरसीजी इमिग्रेशन नाम से फिरोजपुर में काम करते हैं, उनके साथ भी इमिग्रेशन का काम करता था। इन्हें मेरे बेटे के 40 लाख देने थे। समीर न तो बेटे और न ही उसके दोस्त के पैसे वापस कर रहा था, न ही प्रॉपर्टी दे रहा था। एआईजी कलेर बेटे को परेशान कर रहा था। अपने पैसे ले चुका था, लेकिन जो उसने पहले खाली चेक और कागजों पर साइन करवाए थे, उनके जरिए परेशान करता था। कभी उसके दफ्तर, कभी घर पहुंच जाता था। पूरे परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकियां दे रहा था। घर से उठा ले गए, फिर जलील किया 8 तारीख को बेटे ने फोन कर सारी बात बताई थी। उसका कहना था कि मैं काफी परेशान हूं, मेरा दिल करता है कि मैं सुसाइड कर लूं। वहीं, 9 तारीख को गुरजोत सिंह कलेर के कहने पर उसकी सरकारी गाड़ी, उसका पुलिस मुलाजिम रिशी राना और एक अज्ञात व्यक्ति सेक्टर-80 स्थित घर से बेटे को गुरजोत के घर ले गए, जहां पर इन्होंने मेरे बेटे को जलील किया और उसकी वीडियो बनाई। पत्नी को फोन कर भेजा सुसाइड नोट इसके बाद उसे धमकी दी कि एचडीएफसी बैंक में अपने नाम पर लोन मंजूर करवाकर उन्हें और रकम चुकाए। वहीं, वे धक्के से मेरे बेटे को एचडीएफसी बैंक ले गए, जहां पर मेरे बेटे ने सारी वीडियो बनाकर अपने दोस्त के फोन पर वॉट्सऐप भेजी। इसके बाद उसने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सुसाइड कर लिया। उसने घर में डायरी में दो पन्नों का सुसाइड नोट रखा था। पत्नी पहले देख लेती तो बच जाती जान मृतक ने पत्नी छवि को मैसेज किया था- जिसमें लिखा था, “मिल्क वाली डायरी में तेरे लिए एक चीज रखी है, आकर देख लेना।” उस समय छवि ड्यूटी पर थी। पत्नी को सुसाइड की सूचना मिली तो वह सीधे अस्पताल पहुंची। इसके बाद घर पहुंची तो उसने दूध वाली डायरी से वह सुसाइड नोट देखा। परिवार का कहना है कि वह पहले डायरी देख लेती तो शायद जान बच जाती। 2012 बैच के पुलिस अधिकारी गुरजोत सिंह कलेर एक भारतीय पुलिस अधिकारी, लेखक और गायक हैं। वह 2018 में प्रकाशित बेस्ट सेलिंग पुस्तक न्यू इंडिया – द रियलिटी रीलोडेड के लेखक हैं। वर्तमान में वह पंजाब पुलिस में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में सेवारत हैं। मई 2019 में उन्होंने हिमालय की मचाधार श्रेणी के हुरो पर्वत पर चढ़ाई की, जो 14,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।


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