उन्होंने नगर में अत्यधिक जल बिल, रिसावग्रस्त पाइप लाइनों, खराब मीटरों, जर्जर टंकियों और निष्क्रिय फायर हाइड्रेंटों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
कार्की ने पत्र में कहा है कि नगरवासियों को पानी के अत्यधिक बिल मिल रहे हैं, जिनकी समीक्षा कर यथोचित दरें तय की जानी चाहिए। कई स्थानों पर पाइप लाइन से रिसाव होने से पानी की भारी बर्बादी हो रही है, जिसकी तत्काल मरम्मत जरूरी है। उन्होंने नालियों के भीतर पड़ी पुरानी पाइप लाइनों को हटाने की मांग की ताकि जल निकासी प्रणाली सुचारू रह सके।
उन्होंने बताया कि नगर में लगे अधिकांश पेयजल मीटर ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनकी जांच कर दोषपूर्ण मीटरों को बदला जाना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को सही बिल मिल सके। उन्होंने राजभवन वार्ड के अम्तुल सनी बैंड स्थित जर्जर टंकी का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने कहा कि नैनीताल में कुल 83 फायर हाइड्रेंट हैं, जिनमें से 33 पूर्व में खराब पाए गए थे।
जुलाई माह में निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब इनकी मरम्मत की स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। साथ ही, अग्निशमन विभाग, पुलिस और स्थानीय नागरिकों को इनके उपयोग की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने का सुझाव दिया। साथ ही पत्र में नगर में सुबह-शाम दो घंटे की जलापूर्ति बढ़ाने, तथा जल संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए राज्य सरकार के टोल फ्री नंबर 1916 और 18001804100 के व्यापक प्रचार की मांग की गई है। कार्की ने कहा कि यदि इन बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई की जाए तो नगर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।