यूपी में वाराणसी स्थित BHU (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) की स्टूडेंट रहीं सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी। नेपाल की लोकल मीडिया का दावा है कि सुशीला कार्की को Gen-Z का समर्थन मिला है। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं। उन्होंने 1973-74 में BHU से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है और टॉपर रही हैं। सुशीला और उनके पति दुर्गा सुबेदी कई आंदोलन से जुड़े रहे हैं। सुशीला कार्की के पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी ने 10 जून 1973 को प्लेन हाईजैक किया था, जिसमें 22 लोग सवार थे। इस प्लेन में 32 लाख रुपए का बैग था, जिसको गिरजा प्रसाद कोइराला को सौंपा था। जिसका उद्देश्य महेंद्र सरकार (राजा महेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव) को गिराना था। नकदी निकालकर विमान को रवाना कर दिया गया, उसके अपहरणकर्ता वाराणसी आ गए। दुर्गा प्रसाद सुबेदी की इंदिरा गांधी सरकार में इमरजेंसी लगने के बाद वाराणसी के नगवां इलाके में एक घर से गिरफ्तार किया गया था। सुशीला कार्की ने 1979 में वकालत में अपने करियर की शुरुआत की। वह 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश रहीं थीं। 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था। सुशीला कार्की पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप के आरोप लगे थे। BHU के प्रोफेसर का कहना है कि अगर सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बनती हैं तो भारत में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 2 तस्वीरें देखिए- सुशीला कार्की बोलीं- निष्पक्ष चुनाव जरूरी
सुशीला कार्की ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा- Gen Z प्रदर्शनकारियों ने मुझ पर भरोसा जताकर अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी दी है। मेरी पहली जिम्मेदारी है कि जिन लोगों ने आंदोलन में जान गंवाई, उन्हें सम्मान दिया जाए और देश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं। BHU के पूर्व प्रोफेसर ने क्या कहा, पढ़िए- 5 घंटे की बैठक के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति
Gen-Z ग्रुप की 5 घंटे लंबी ऑनलाइन बैठक में यह तय हुआ कि अंतरिम सरकार का नेतृत्व वही करेंगी। इस फैसले के बाद कार्की ने एक फोन कॉल पर खुद सरकार की बागडोर संभालने की इच्छा जताई। फिर Gen-Z के प्रतिनिधि सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से मुलाकात करेंगे। उनके समर्थन से अंतरिम सरकार का गठन करने की कोशिश करेंगे। अगर सेना प्रमुख सहमत हो जाते हैं, तो कार्की देश का नेतृत्व अपने हाथ में लेंगी। आज बुधवार को 5 हजार आंदोलनकारी युवाओं ने वर्चुअल बैठक की थी। बैठक में काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नाम पर भी चर्चा की गई थी, लेकिन उन्होंने युवाओं की अपील का कोई जवाब नहीं दिया। इससे बाद दूसरे नाम पर चर्चा की गई। सुशीला कार्की- भ्रष्टाचार विरोधी चेहरा
सुशीला कार्की को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की और बाद में जज बनीं। जब सुशीला 2016 में नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं, तो यह अपने आप में ऐतिहासिक था। एक साल बाद 2017 में उन पर संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। आरोप लगाया गया कि वे फैसलों में राजनीतिक दबाव के खिलाफ खड़ी हो रही हैं और न्यायपालिका की आजादी का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। असल में, नेताओं को डर था कि अगर कार्की कोर्ट में ऐसे ही सख्ती दिखाती रहीं, तो उनकी राजनीति और सत्ता को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए उन्होंने संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाने की कोशिश की। महाभियोग प्रस्ताव आने के बाद सैकड़ों छात्र, महिलाएं और आम लोग काठमांडू की सड़कों पर उतर आए। सुप्रीम कोर्ट ने भी एक ऐतिहासिक आदेश देकर कहा कि जब तक महाभियोग की सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक सुशीला कार्की को काम करने से नहीं रोका जा सकता। जून 2017 में उनकी रिटायरमेंट से सिर्फ एक दिन पहले संसद ने महाभियोग प्रस्ताव वापस ले लिया गया। अब 8 साल बाद वे पीएम बनने की सबसे बड़ी दावेदार कही जा रही हैं। वाराणसी में पढ़ाई के समय दुर्गा प्रसाद सुबेदी से मुलाकात, फिर उन्हीं से शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुशीला कार्की अपने माता-पिता की 7 संतानों में सबसे बड़ी हैं। वह नेपाल के विराटनगर के कार्की परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनकी शादी दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई। दुर्गा प्रसाद सुबेदी की मुलाकात वाराणसी में पढ़ाई के दौरान हुई थी।
1979 में कार्की ने वकालत शुरू की
1972 में सुशीला कार्की ने नेपाल के महेंद्र मोरंग परिसर, विराटनगर से कला स्नातक (BA) की डिग्री पूरी की। 1973-74 में कार्की ने BHU से राजनीति विज्ञान में MA किया। उन्होंने 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। 1979 में उन्होंने विराटनगर में अपनी वकालत शुरू की। कार्की ने शुरुआत में 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका के रूप में काम किया। 2007 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। कार्की को 22 जनवरी 2009 को सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस नियुक्त किया गया। 18 नवंबर 2010 को स्थायी जस्टिस नियुक्त किया गया। कार्की ने 13 अप्रैल 2016 से 10 जुलाई 2016 तक नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया, फिर 7 जून 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। ——————– ये खबर भी पढ़िए- नेपाल में फिर हिंसा- यूपी बॉर्डर पर हाई अलर्ट; 12 कैदियों को SSB ने पकड़ा नेपाल में दो दिन से जारी हिंसा और उपद्रव का असर यूपी से लगे नेपाली जिलों को चपेट में ले लिया है। महराजगंज से लगे नेपाल वाले हिस्से में बुधवार को फिर से हिंसा भड़क गई। सरकारी दफ्तर को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। कुछ जगह पर तोड़फोड़ भी की गई है। नेपाल से लगी यूपी की 600 किमी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। नेपाल की जेल से भागे 12 कैदियों को SSB ने हिरासत में लिया है। महराजगंज के सोनौली बॉर्डर से 4 और सिद्धार्थनगर के खुनवा बॉर्डर से 8 कैदियों को पकड़ा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां कैदियों से पूछताछ कर रही हैं। पढ़ें पूरी खबर…