भानवी सिंह बोलीं- राजा भैया को दूसरी शादी की जल्दी:कोर्ट में गिड़गिड़ा रहे थे…इंतजार नहीं कर सकता; भानवी से खास बातचीत

भानवी सिंह बोलीं- राजा भैया को दूसरी शादी की जल्दी:कोर्ट में गिड़गिड़ा रहे थे…इंतजार नहीं कर सकता; भानवी से खास बातचीत
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‘कोर्ट में राजा भैया गिड़गिड़ा रहे थे कि मैं 3 साल इंतजार नहीं कर सकता। जज पूछती रहीं कि आखिर 3 साल इंतजार क्यों नहीं कर सकते? जज ने कहा कि पहले बेटियों की शादी हो जाने दीजिए, फिर फैसला होने दीजिए। तभी मैंने उनका मोबाइल छीनकर जज को दिखाया कि क्यों इन्हें तलाक की जल्दी है? मोबाइल की तस्वीर में इनके साथ एक महिला थी। उस महिला को राजा भैया से शादी की जल्दी है। मैंने घर भी तब छोड़ा, जब आधी रात के समय राजा भैया ने मुझ पर गोली चलाई थी। राजा भैया के हर बुरे काम पर एमएलसी गोपाल पर्दा डालने का काम करते हैं। अब मेरे बेटों को भी मोहरा बनाकर मेरे खिलाफ लिखवाया जा रहा है।’ ये सनसनीखेज दावा भदरी रिसायत की बहू भानवी सिंह के हैं। भानवी सिंह और राजा भैया के बीच तलाक का केस चल रहा है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को लेकर किए गए दावे-प्रतिदावे पर दैनिक भास्कर ऐप से बातचीत में भानवी सिंह ने हर आरोपों के जवाब दिए। बताया, क्या है राजा भैया से विवाद? अक्षय प्रताप सिंह से क्या है नाराजगी? खुद के बेटे, बहन-चचेरे भाई और मां-पिता को लेकर क्या कहा? पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: अक्षय प्रताप कहते हैं, जैसे आरोप आप राजा भैया पर लगाती हैं, वैसा कोई पत्नी नहीं लगा सकती?
भानवी सिंह: शादी के 20 साल तक सब कुछ ठीक रहा। मेरे 4 बच्चे हुए, तब भी सब ठीक रहा। मुझे झूठे आरोप लगाकर छोड़ना होता, तो शादी के तुरंत बाद ऐसा कर सकते थे। राजा भैया के अन्य महिलाओं से नाजायज संबंधों का पता चलने पर उन्हें टोका, तो झगड़ा शुरू हुआ। उन्होंने 17 साल की एक करीबी रिश्तेदार तक को नहीं छोड़ा था। उसका अबॉर्शन तक कराना पड़ा था। बाद में इनके चलते ही उसकी शादी तक टूट गई। उसे अपनी माइनर बेटी की कस्टडी तक कोर्ट से नहीं मिली। राजा भैया पश्चिम बंगाल की एक टीवी पत्रकार रही महिला से शादी करना चाहते हैं। मैंने 2020 में घर तब छोड़ा, जब उसी महिला पत्रकार से मेरी कहासुनी के चलते आधी रात को राजा भैया मुझे पिस्टल लोड कर धमकी दे रहे थे। सवाल: राजा भैया के अवैध संबंधों की जानकारी कब हुई?
भानवी सिंह: करीबी रिश्तेदार का मामला तो बहुत पहले ही सामने आ गया था। लेकिन, उस समय ये सोचकर चुप रह गई कि फिर गलती नहीं करेंगे। 2015 में मुझे पश्चिम बंगाल की रहने वाली महिला पत्रकार के साथ राजा भैया के संबंधों का पता चला। इसी के बाद हमारे बीच झगड़े शुरू हुए। 2016 में तो उन्होंने इसी विवाद में मुझ पर फायर भी कर दिया था, लेकिन मैं बच गई थी। सवाल: महिला पत्रकार के बारे में कब पता चला?
भानवी सिंह: 2015 में उनके संबंधों के बारे में जानकारी हुई। हमारे बेडरूम में उक्त महिला पत्रकार के गंदे कपड़े मिले। वह जब भी आती थी, तो मेरे घर पर रुकती थी। बाथरूम में दुल्हन जैसे कपड़े पहनती थी। इसके फोटो भी मेरे पास हैं। तभी यह भी पता चला कि राजा भैया से मेरी वो निकट की महिला रिश्तेदार भी मिलती रहती है। महिला पत्रकार का पति से तलाक हो चुका है। वह बहुत महत्वाकांक्षी महिला है। उसके टारगेट पर अधिक उम्र और पैसे वाले लोग रहते हैं। यूपी के एक नेता और देश के एक बड़े कवि तक को वह अपने चंगुल में फंसा चुकी है। तलाक ले चुके महिला पत्रकार के पति से मेरी बात हुई थी। उसे भी शादी के 3 महीने बाद इस महिला की सच्चाई खुद उसके पुराने मोबाइल से पता चली थी। सवाल: MLC अक्षय प्रताप आरोप लगाते हैं कि आपने घर के मामले को पब्लिक में पहुंचा दिया?
भानवी सिंह: वह झूठा है। वह राजा भैया के हर बुरे काम पर पर्दा डालता रहता है। मैं 2020 में तब घर छोड़कर निकली, जब महिला पत्रकार से मेरा मोबाइल पर झगड़ा हुआ था। इसी बात को लेकर आधी रात को राजा भैया ने मुझ पर फिर गोली चलाई। मेरे पास इसके सबूत भी हैं। इसके पहले वह 2016 में भी गोली चला चुके थे। तब भी उसी को लेकर झगड़ा हुआ था। 2015 में तो उक्त महिला पत्रकार को लेकर मुझे इतना मारा-पीटा था कि मुझे लखनऊ के मेयो (वर्तमान नाम डॉ. केएन सिंह) हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा था। मेरे सीने में गंभीर चोटें लगी थीं। पसलियां भी फ्रैक्चर हो गई थीं। तब राजा भैया की रेपुटेशन के लिए झूठ बोला गया कि मैं बाथरूम में गिर गई थी। इसके बाद 2 घंटे के भीतर ही मुझे डिस्चार्ज करा दिया गया, जिससे बात और ज्यादा न फैले। सवाल: एमएलसी गोपाल जी से आपका क्या झगड़ा है?
भानवी सिंह: राजा भैया के हर बुरे कामों में साथ देते हैं। गोपाल ने राजा भैया के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए मेरी खुद की खड़ी की गई कंपनी श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की डायरेक्टर और मेजारिटी शेयर होल्डर हथिया लिए। बाद में खुद को कंपनी का डायरेक्टर नियुक्त कर लिया। अप्रैल- 2023 में इसकी एफआईआर दिल्ली ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई है। तब राजा भैया ने मेरी बजाय गोपाल का पक्ष लिया। तब मुझे सार्वजनिक तौर पर सामने आना पड़ा। सवाल: गोपाल जी के आपके परिवार से क्या रिश्ता है?
भानवी सिंह: कहां के रिश्तेदार? जान न पहचान, मैं तेरा मेहमान। वो मेरे परिवार के रिश्तेदार नहीं हैं। उनकी मां बचपन में उन्हें और उनके भाइयों को छोड़कर चली गई थीं। तब उन्हें लेकर पिता अक्सर भदरी दाऊ साहब (उदय प्रताप सिंह) से मिलने आते थे। मेरी सास टूटी चप्पल देखकर गोपाल के लिए नई चप्पल और कपड़े खरीदवा देती थीं। हमउम्र होने के चलते राजा भैया से दोस्ती हो गई। वो मेरे परिवार में बेवजह घुसे हुए हैं। मेरी मानसिक स्थिति खराब होने की बात कहते हैं। पढ़े-लिखे तो हैं नहीं, और क्या बोलेंगे? उनकी जब शादी हुई थी, तो उनका घर टूटा था। घर की सीढ़ी तक टूटी थी। घर में पर्दे तक नहीं थे। मैं लखनऊ से पर्दे लेकर गई थी। सवाल: राजा भैया ने दिल्ली की अदालत में तलाक का केस लगाया है?
भानवी सिंह: मैं तो तलाक नहीं देना चाहती। यहां तक कि बड़े दाऊ (ससुर उदय प्रताप सिंह) ने कोर्ट में लिखकर बताया है कि मेरी बहू बहुत अच्छी है। मेरा बेटा ही नालायक है। उसका तलाक नहीं होना चाहिए। इस बयान को तो जज ने कोर्ट की प्रोसिडिंग में लिखा भी है। राजा भैया को उक्त महिला पत्रकार से शादी करने के लिए तलाक चाहिए। राजा भैया ने लखनऊ कैंट वाला मेरी सास का घर उनसे दस्तखत कराकर एक नौकर के नाम कर दिया है। लेकिन, उस घर में उक्त महिला पत्रकार आकर रहने लगी है। 2018 में इसके भी मेरे पास फोटो आए थे। हमने बहुत सहा है। सवाल: गोपालजी और खुद आपके बेटे ने भी आप पर आरोप लगाए हैं?
भानवी सिंह: तलाक का केस कोर्ट में है। इस पर मैं कोई अभी टिप्पणी नहीं कर सकती। मैं अब बेटों के बारे में क्या जवाब दूं? वो मेरे खून हैं। उनको मोहरा बनाकर लिखवाया जा रहा है। उन्हें भी सच्चाई पता है। सवाल: आरोप है कि आपके नाम प्रतापगढ़ और उत्तराखंड में प्रॉपर्टी है। फिर और दौलत क्यों चाहिए?
भानवी सिंह: राजा भैया ने बिना मेरी सहमति और बगैर मुझसे वकालतनामा लिए एक वकील को कोर्ट में बहस के लिए खड़ा कर दिया था। वह वकील राजा भैया का दोस्त है। जिसके चलते वो संपत्ति राज्य सरकार ने जब्त कर ली। वो संपत्ति मेरे बच्चों के लिए थी। डीएम ने जो ऑर्डर निकाले, उसमें उक्त वकील के नाम तक नहीं लिखे हैं। मेरे पास इतने ही पैसे होते, तो मैं अपनी बड़ी बेटी को अमेरिका पढ़ने के लिए भेज देती। सवाल: आप पर आरोप लगते हैं कि आप घर के नौकरों के साथ मारपीट करती थीं?
भानवी सिंह: ये आरोप झूठे हैं। नौकर तो जो राजा भैया बोलेंगे, वही कहेंगे। नौकरों से मेरे खिलाफ इस तरह के झूठे बयान दिलवा कर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। राजा भैया का डर न हो, तो सारे नौकर सच्चाई बता देंगे। सवाल: आप पर आरोप है कि आपकी सास-ससुर, मां-पिता, बहन-भाई तक से नहीं बनती?
भानवी सिंह: मेरे ससुर को राजा भैया की सारी करतूत पता हैं। उन्होंने तो दिल्ली कोर्ट में लिखकर दिया है कि मेरी बहू बहुत अच्छी है, बेटा ही नालायक है। जज साहब तलाक स्वीकार मत कीजिए। जहां तक मेरी सास की बात है, तो उनकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। जिसमें वो कहती हैं कि मेरे भाई साहब (मामा साहब) जिंदा होते, तो मैं बाबा साहब और उस महिला पत्रकार के रवैए से परेशान होकर कब का उनके पास चली गई होती। मैं मरूंगी, तो मेरे शव को मेरी पोती आग दे। मेरे पिता से अच्छे संबंध नहीं होते, तो क्या वो अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी मेरे नाम करते? मेरी छोटी बहन के दबाव में वह छिपकर मुझसे मिलने आते हैं। मेरी छोटी बहन अक्सर मां को धमकाती है कि मुझसे बात करोगी, तो सुसाइड कर लूंगी। उसके ही दबाव में मां से झूठे बयान दिलाए जाते हैं। कुछ दिन पहले मैं बड़ी बहन के साथ लखनऊ में मां-पापा से मिलने गई थी। तब उसने पापा को कमरे में बंद कर दिया था। फिर पुलिस बुला ली। घर की नौकरानी ने पूरी सच्चाई बताई। उसके भी सबूत मेरे पास हैं। जहां तक बेटों की बात है, तो उन पर दबाव डालकर इस तरह के पोस्ट कराए जा रहे हैं। जहां तक मेरे चचेरे भाइयों की बात है, तो उनका मेरी छोटी बहन से प्रॉपर्टी को लेकर केस चल रहा है। उन्हें लगता है कि वे मेरे खिलाफ बोलेंगे, तो राजा भैया की गुड लिस्ट में आ जाएंगे। तब शायद राजा भैया के प्रभाव में रहने वाली मेरी छोटी बहन प्रॉपर्टी का केस वापस ले ले। सवाल: आपकी और राजा भैया की गृहस्थी बचाने की पहल सीएम योगी भी कर चुके हैं?
भानवी सिंह: मैंने ही योगी महाराज से मिलकर सारी बात बताई थी। तब उन्होंने कहा था कि अभी आप ससुर के पास ही रहिए, मैं राजा भैया से बात करता हूं। मैंने सिर्फ राजा भैया और महिला पत्रकार के रिश्तों के बारे में बताया था। परिवार के निकट वाली महिला के संबंधों के बारे में नहीं बताया था। बाद में पता नहीं राजा भैया ने महाराजजी को क्या बताया कि इसके बाद फिर मुझे कभी उनसे मुलाकात का समय नहीं मिला। कई बार मैं और मेरी बेटियों ने मिलने का योगी महाराज से समय मांगा, लेकिन नहीं मिला। सवाल: आपके बेटे ने पोस्ट किया है कि बहनों की शादी की बजाय आप राजा भैया से उलझी हैं?
भानवी सिंह : मैं तो लगातार राजा भैया को ई-मेल करती हूं कि मुझे घर आने दिया जाए। कोर्ट में भी इस पर बात हो चुकी है। बेटियों की शादी होने तक अगले 3 साल तलाक न लेने की जज साहब की सलाह पर राजा भैया कोर्ट में गिड़गिड़ाने लगे थे। उनके होंठ कांप रहे थे। बोलने लगे कि तब तक तो बहुत देर हो जाएगी। जज साहब ने पूछा भी कि बेटियों की शादी के लिए 3 साल क्यों नहीं रुक सकते? तब तक क्या लेट हो जाएगा? मैं राजा भैया के बगल में ही थी। वह मोबाइल पर खुद की और महिला पत्रकार की अश्लील फोटो देख रहे थे। तब मैंने वो फोटो जज को दिखाते हुए कहा कि इससे शादी में देर हो जाएगी। वो महिला पत्रकार इतनी महत्वाकांक्षी है कि 3 साल और इंतजार नहीं कर सकती। सवाल: आपके दोनों बेटे कैसे आप से दूर हो गए?
भानवी सिंह: सिंधिया ग्वालियर स्कूल से पासआउट होने के बाद मेरे दोनों बेटे मुंबई से स्नातक करना चाहते थे। दाऊ साहब और मैं इसके खिलाफ थे। सिर्फ इस कारण कि जब तक बच्चे हैं, महिला पत्रकार का दखल नहीं बढ़ पाएगा। लेकिन, बच्चे ये नहीं समझ पाए। राजा भैया को जैसे ही बच्चों की इच्छा का पता चला, तो उन्हें मौका मिल गया मां और बेटों की दूरी बढ़ाने का। मुंबई जयहिंद कॉलेज में तब तक एडमिशन भी क्लोज हो चुका था। इसके बावजूद उन्होंने बच्चों को मुंबई भेज दिया। बाद में वे और गोपाल मुंबई गए। वहां राज्यपाल से मिलकर उनका एडमिशन कराया। इसके बाद से वे उनके साथ ही रह रहे हैं। बेटों से मेरी बात होती है। बेटे राजा भैया से डरते हैं। उनकी डर और दहशत के चलते ही वह उनके इशारे पर कुछ भी पोस्ट कर रहे हैं। आखिर पति-पत्नी के विवाद में बच्चों को घसीटना कहां तक उचित है? मेरी बेटियों ने कुछ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे, लेकिन मैंने उसे डिलीट करा दिया। मेरे बेटे और मैं एक-दूसरे की मजबूरी को समझते हैं। सवाल: आरोप है कि आप राजनीति में आना चाहती हैं। इसीलिए राजा भैया की छवि खराब कर रही हैं?
भानवी सिंह: कहां राजनीति में आऊंगी? बच्चों को संभाल लूं, यही मेरे लिए बड़ी बात होगी। मेरी बेटी का पिछली बार अमेरिका में एडमिशन हो गया था, लेकिन पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। इस बार फिर उसने एडमिशन के लिए अप्लाई किया है। वह कोशिश में है कि स्कॉलरशिप मिल जाए। मेरे पास पैसे होते, तो उसे भेज नहीं देती? जानिए कौन हैं भानवी सिंह
बस्ती राजा के छोटे बेटे कुंवर रवि प्रताप सिंह की तीसरी बेटी हैं। उनका जन्म 10 जुलाई 1974 को हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई बस्ती में ही हुई लेकिन बाद में वह लखनऊ चली गई थीं। 17 फरवरी 1995 को उनकी शादी बेंती राजघराने के रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) से हुई। शादी के समय राजा भैया करीब 28 वर्ष के थे और भानवी सिंह की उम्र 20 वर्ष थी। उनकी शादी में तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव समधी के तौर पर गए थे। शादी का एक वाकया काफी चर्चित है। भानवी सिंह की मां मंजुल सिंह ने रस्म के तौर पर मुलायम सिंह पर लाल रंग फेंक दिया था। इससे सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया। बाद में मुलायम सिंह ने समझाया कि ये रस्म अदायगी है, जो समधी के साथ की जाती है। जानिए कौन हैं राजा भैया
रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह भदरी रियासत के राजा हैं। उनकी मां का नाम मंजुल राजे है। उनके दादा बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। राजा भैया को घुड़सवारी और शूटिंग का शौक रहा है। राजा भैया 1993 से कुंडा से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। वर्तमान में वह जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी पार्टी के दो विधायक हैं। भानवी के बेटे और बेटियां क्या कर रही हैं?
राजा भैया और भानवी सिंह की 2 बेटियां राघवी और बृजेश्वरी और जुड़वां बेटे शिवराज और बृजराज हैं। दोनों बेटियां मां भानवी के साथ, तो बेटे पिता राजा भैया के साथ रहते हैं। बृजेश्वरी वकालत कर रही हैं। राघवी अमेरिका में पढ़ाई के लिए कोशिश में लगी हैं। दोनों बेटे शिवराज और बृजराज मुंबई से पढ़ाई पूरी कर अब पिता के साथ में राजनीति का ककहरा सीख रहे हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में पिता के साथ प्रचार में सक्रिय थे। 2025 में दोनों बेटों ने जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) की सदस्यता ग्रहण की है। माना जा रहा है कि देर-सवेर राजा भैया दोनों बेटों को राजनीति में सक्रिय कर देंगे। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… क्या गानों से भी हटेंगे ठाकुर-ब्राह्मण और यादव, यूपी में कितना खतरनाक है जाति का जहर यूपी सरकार ने जातीय भेदभाव रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब पुलिस रिकॉर्ड, नोटिस बोर्ड और गिरफ्तारी मेमो में आरोपी की जाति नहीं लिखी जाएगी, बल्कि पिता के साथ मां का नाम दर्ज होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जारी इस फैसले के तहत वाहनों पर जाति लिखने, स्टिकर-नारे लगाने और जाति आधारित रैलियों पर भी रोक रहेगी। पढ़िए पूरी खबर…


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