64 को मिली थी प्रोन्नति, उनमें से सिर्फ एक को दी गई थी पोस्टिंग, क्योंकि रिटायर होने वाले थे झारखंड में 64 इंस्पेक्टर को प्रमोशन देकर 25 जून को डीएसपी बनाया गया था। इन्हें पुलिस के वरीय अधिकारियों ने बैच लगाकर सम्मानित भी किया। हालांकि अबतक 63 डीएसपी की किसी दूसरी जगह पर पोस्टिंग नहीं हुई। जबकि राज्य में 100 से अधिक डीएसपी के पद खाली है। इंस्पेक्टर से डीएसपी बने सिर्फ अजय कुमार की स्पेशल ब्रांच में पोस्टिंग की गई थी क्योंकि वह सेवानिवृत्त होने वाले थे। प्रमोशन मिलने के बाद डीएसपी बने 8 पुलिस अधिकारी ऐसे भी हैं जो अब भी इंस्पेक्टर के पद ही तैनात हैं। इनमें 3 थाना प्रभारी बने हुए हैं, जबकि 5 डीएसपी को सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर रखा गया है। डीएसपी बनाए जाने के बाद भी इनसे इंस्पेक्टर का ही काम लिया जा रहा है। प्रोन्नत सभी डीएसपी लगातार अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 3 महीने बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है। डीएसपी के रैंक में प्रमोशन दिए जाने के बाद भी इंस्पेक्टर के रूप में काम कराना राज्य की पुलिस व्यवस्था का सच उजागर कर रही है। कौन डीएसपी सर्किल इंस्पेक्टर लोहरदगा: सुधीर प्रसाद साहू अब भी सदर सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। गिरिडीह: मंटू कुमार अब भी पचंबा सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। बोकारो: नवल किशोर सिंह अब भी बेरमो सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। बोकारो: मुकेश कुमार पांडे अब भी चंदनकियारी सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। बोकारो: आरके राणा अब भी मुफ्स्सिल सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। क्या है नियम सरकार का प्रावधान है कि 15 दिन से अधिक किसी की पोस्टिंग में विलंब न हो। हालांकि इसके बावजूद प्रोन्नति के तीन महीने बाद भी राज्य पुलिस सेवा के 63 अधिकारी नीचे के पद पर ही काम कर रहे हैं। जानिए…कौन डीएसपी अब भी थाना प्रभारी दुमका जिले में प्रमोशन मिलने के बाद डीएसपी बने श्यामानंद मंडल अब भी जरमुंडी थाना प्रभारी के पद पर तैनात हैं। असर क्या… विभागीय स्तर पर सीनियरिटी को लेकर असंतोष: प्रमोशन मिलने के बाद डीएसपी बने पुलिस अफसरों के बीच विभागीय स्तर पर सीनियरिटी को लेकर भी असंतोष बढ़ने लगा है। काम के दौरान समकक्ष रैंक के पदाधिकारी के सामने इंस्पेक्टर रैंक के काम करने में वह असहज महसूस करते हैं। मनोबल पर असर : प्रमोशन दिए जाने के बाद भी पोस्टिंग में देरी होने से पुलिस पदाधिकारियों के मनोबल पर काफी असर पड़ रहा है। नव प्रोन्नत डीएसपी को अब कैरियर ग्रोथ में रूकावट का अंदेशा सताने लगा है। सार्वजनिक स्थान पर अप्रोच करने में झिझक : थानेदार का काम सीधा क्षेत्र की जनता से जुड़ा होता है। डीएसपी में प्रमोशन दिए जाने के बाद भी थानेदारी करना चुनौती होता है। सार्वजनिक स्थान पर जाकर लोगों से अप्रोच करने में झिझक होती है। रांची जिले में प्रमोशन मिलने के बाद डीएसपी बने मनोज कुमार अब भी बरियातू थाना प्रभारी के पद पर तैनात हैं। चाईबासा जिले में प्रमोशन मिलने के बाद डीएसपी बने तरूण कुमार अब भी सदर थाना प्रभारी के पद पर तैनात हैं।
डीएसपी बने, पर अब भी थानेदार; क्योंकि तीन महीने के बाद भी पोस्टिंग नहीं मिली
