पंजाब के अमृतसर में किडनी की गंभीर बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम से जूझ रहा 8 साल का मासूम अविजोत सिंह जिंदगी की जंग हार गया। अविजोत को बचाने की कोशिश में खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान और बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद भी शामिल थे। अविजोत का परिवार उस समय भी मुश्किलों में था, जब पंजाब में भीषण बाढ़ आई थी। उसका इलाज होना था लेकिन वह बाढ़ में फंस गया था। उस दौरान सोनू सूद ने उनकी मदद की थी। अब अविजोत के निधन पर सोनू सूद ने एक भावुक संदेश लिखते हुए कहा, अविजोत, तुम्हारी बहुत याद आएगी। अलविदा छोटे फरिश्ते। चिंता मत करो, मैं तुम्हारे माता-पिता का ख्याल रखूंगा अस्पताल में घर जाने के लिए इधर-उधर भागता था अविजोत
अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अविजोत को सबसे ज्यादा अपने घर लौटने की जल्दी थी। वह रोज घर जाने की जिद करता और इधर-उधर भागता रहता था। अविजोत के पिता ने कहा कि वह करीब चार साल पहले बीमार हुआ था। पहले अजनाला, फिर अमृतसर, और बाद में चंडीगढ़ के पीजीआई में उसका इलाज चला। अविजोत की वजह से पूरा परिवार नमक तक नहीं खाता
पीजीआई में भी हर दो महीने में ले जाना पड़ता था। परहेज के चलते डॉक्टरों ने उसे नमक खाने से मना किया था। इस वजह से पूरा परिवार बिना नमक का खाना खाने लगा, ताकि बच्चा अकेला महसूस न करे या जिद न करे। डॉक्टरों ने जो भी परहेज बताए, पूरा परिवार उन्हें अपनाता था। परिवार का कहना है कि उन्हें हर तरफ से मदद मिली और इलाज भी सही चल रहा था। उन्हें लगने लगा था कि अब वह धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा और जल्द अपने घर लौट आएगा, लेकिन गुरुवार को उसने अपनी आखिरी सांस ले ली। पिता ने कहा- बाढ़ से खेतीबाड़ी बर्बाद हो गई
अविजोत के पिता जसबीर सिंह ने बताया था कि पंजाब में आई बाढ़ ने उनकी हालत और खराब कर दी थी। बाढ़ की वजह से खेतीबाड़ी पूरी तरह से बर्बाद हो गई और घर की आमदनी भी बंद हो गई। हालत ये हो गई थी कि वे गांव के उस पार जाकर दवाइयां तक नहीं ला पाए। कई बार गांव वालों को तैर कर जरूरी सामान लाना पड़ा। ऐसी कठिन और विपरीत परिस्थितियों में अविजोत का इलाज कराना लगभग नामुमकिन हो गया था। CM ने कहा था- उनकी टीम कर रही अविजोत का इलाज
सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद अभिनेता सोनू सूद और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दोनों ने परिवार की आर्थिक मदद का वादा किया। सोनू सूद खुद पंजाब जाकर अविजोत और उसके माता-पिता से मिले। इससे पूरे गांव में उम्मीद जगी कि अब अविजोत का इलाज सही तरीके से हो सकेगा और वह धीरे-धीरे ठीक होकर सामान्य जीवन जी पाएगा। इसके बाद पंजाब सरकार ने अविजोत को रेस्क्यू किया और PGI के डॉक्टर्स की मदद से उसका इलाज चलाया गया। पूरा इलाज पंजाब सरकार की तरफ से किया जा रहा था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा था कि उनकी टीम अविजोत का इलाज कर रही है और उसे 50 हजार रुपए का चेक भी दिया गया था, लेकिन सारी कोशिशों, दवाइयों और उम्मीदों के बावजूद किस्मत ने अविजोत का साथ नहीं दिया और उसका निधन हो गया। क्या हुआ था अविजोत को?
अविजोत सिंह एक बेहद गंभीर बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित था, जिसमें उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं। डॉक्टरों के अनुसार, अगर उसका नियमित इलाज चलता रहता, तो वह 18 साल की उम्र तक सामान्य जीवन जी सकता था। इलाज के लिए हर 2 महीने में अमृतसर से चंडीगढ़ स्थित PGI अस्पताल जाना पड़ता था। हर बार के सफर, दवाइयों और जांच का कुल खर्च करीब 45 हजार रुपए आता था, जो उसके परिवार के लिए बहुत मुश्किल था।
अमृतसर के बच्चे ने AIIMS में दम तोड़ा:किडनी की बीमारी थी, बाढ़ में भी फंसा रहा; सोनू सूद बोले- अलविदा, छोटे फरिश्ते
