अमेरिका ने ईरान के तेल और गैस व्यापार में शामिल 50 से ज्यादा व्यक्तियों, कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें 8 भारतीय नागरिक और कई कंपनियां भी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों और कंपनियों ने मिलकर अरबों डॉलर के ईरानी तेल और गैस उत्पाद दुनियाभर में भेजे। इससे ईरान को आतंकवादियों को फंड देने में मदद मिली। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह कदम ईरान को फंड पहुंचाने से रोकने के लिए उठाया गया है। इन लोगों और कंपनियों पर अमेरिका में कारोबार करने और वहां प्रवेश करने पर रोक लगेगी। अमेरिका ने 8 भारतीयों पर प्रतिबंध लगाएं अमेरिका ने 8 भारतीयों और उनकी कंपनियों को प्रमुख तौर पर निशाना बनाया है। इसके अलावा अन्य भारतीय कंपनियों में बीके सेल्स कॉर्पोरेशन, सीजे शाह एंड कंपनी, मॉडी केम, पारीकेम रिसोर्स एलएलपी और शिव टेक्सकेम लि. शामिल हैं। पहले भी दो बार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए अमेरिका ने ईरान से व्यापार करने पर इस साल तीसरी बार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले जुलाई में 6 और फरवरी में 4 भारतीय कंपनियों को निशाना बनाया गया था। ये प्रतिबंध ईरान पर अमेरिका की मैक्सिमम प्रेशर की नीति का हिस्सा हैं। अमेरिका का दावा है कि ईरान अपने तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री से जो आमदनी करता है, उसका इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने और आतंकी संगठनों को समर्थन देने में करता है। प्रतिबंधों का असर क्या होगा इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों और अमेरिकी नागरिकों/कंपनियों के साथ इनके लेनदेन को तुरंत फ्रीज कर दिया गया है। कोई अमेरिकी व्यक्ति या कंपनी इन प्रतिबंधित कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर सकती। इसके अलावा इन कंपनियों की जिन दूसरी कंपनियों में हिस्सेदारी 50% से अधिक है, वे भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आ जाएंगी।
अमेरिका ने 8 भारतीयों समेत 50 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएं:इन पर ईरान से तेल और गैस के व्यापार में शामिल होने का आरोप
