भारतीय मूल के अमेरिकी विदेश विभाग के सीनियर एडवाइजर एश्ले टेलिस को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर देश की सुरक्षा से जुड़े गोपनीय डॉक्यूमेंट्स अपने पास रखने और चीनी अधिकारियों से सीक्रेट मुलाकात का आरोप है। 64 साल के टेलिस के वर्जीनिया वाले घर से FBI को 1,000 से ज्यादा पेज के सीक्रेट दस्तावेज मिले हैं। अगर वे दोषी पाए गए तो 10 साल जेल और 2.5 लाख डॉलर (करीब 2 करोड़ रुपए) का जुर्माना हो सकता है। टेलिस की सुनवाई वर्जीनिया कोर्ट में होगी। उन्हें जमानत मिलने की संभावना कम है, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। आरोप- रक्षा मंत्रालय से सीक्रेट दस्तावेज निकाले FBI का कहना है कि टेलिस ने सितंबर-अक्टूबर 2025 में विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय से सीक्रेट कागजात निकाले। इनमें एयरफोर्स की प्लानिंग, नई तकनीकें (जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मिलिट्री विमानों की जानकारी थी। FBI ने 12 अक्टूबर को टेलिस के वर्जीनिया वाले घर की तलाशी ली। वहां कई सीक्रेट कागजात मिले, जो ठीक तरह से नहीं रखे गए थे। टेलिस उस दिन परिवार के साथ रोम जाने वाले थे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट में दायर हलफनामें में कहा गया है कि टेलिस 15 सितंबर 2022 को एक रेस्तरां में एक लिफाफे के साथ बाहर आए थे, लेकिन जाते वक्त वह लिफाफा उनके पास नहीं था। मुलाकात में वे चीनी अधिकारियों के साथ ईरान-चीन और अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों पर बात करते सुने गए। उन्हें चीनी अधिकारियों से गिफ्ट में एक लाल बैग भी मिला था। टेलिस की संवेदनशील जानकारी तक पहुंच थी टेलिस के पास ‘टॉप सीक्रेट’ सिक्योरिटी क्लीयरेंस था, जो उन्हें संवेदनशील जानकारी तक एक्सेस देता था। हालांकि, अभी यह साबित नहीं हुआ कि उन्होंने चीनी अधिकारियों को कोई दस्तावेज सौंपा, लेकिन मुलाकातें जासूसी की आशंका पैदा करती हैं। वर्जीनिया के पूर्वी जिले की US अटॉर्नी लिंडसे हॉलिगन ने कहा- ये आरोप अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। हम कानून का सख्ती से पालन करेंगे। 2001 से अमेरिकी विदेश विभाग में सलाहकार हैं मुंबई में जन्मे एश्ले टेलिस का शुमार अमेरिका के बड़े डिफेंस एक्सपर्ट में है। वे 2001 से अमेरिकी विदेश विभाग में सलाहकार हैं। उन्होंने 2008 में हुए अमेरिका-भारत परमाणु समझौते में अहम भूमिका निभाई थी, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत किया। टेलिस ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ भी काम किया है। ट्रम्प ने अगस्त में भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, तब टेलिस ने मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा था कि ट्रम्प को लगता है कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट उन्हें नहीं मिला है। ————————— यह खबर भी पढ़ें… चीन बोला- अमेरिका लड़ना चाहता तो आखिर तक लड़ेंगे:बातचीत करना है, तो धमकियां देना बंद करे; ट्रम्प ने 100% टैरिफ लगाया है चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 100% टैरिफ लगाने के फैसले का विरोध किया है। चीनी वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि अगर अमेरिका लड़ना चाहता है, तो हम आखिर तक लड़ेंगे; अगर बातचीत करना चाहता है, तो धमकियां देना बंद कर दे। यहां पढ़ें पूरी खबर…
भारतीय मूल का अमेरिकी अधिकारी गिरफ्तार:चीनी अफसरों से सीक्रेट मुलाकात का आरोप; 10 साल जेल और ₹2 करोड़ जुर्माना हो सकता है
