साल-1995: आरा के गांवों में 9 साल का बच्चा स्टेज पर दिखने लगा था। उसे शुरू में 10 रुपए मिल जाते थे। जैसे-जैसे चर्चा होने लगी, यह रकम बढ़कर 100 रुपए हो गई। यह कोई और नहीं, पवन सिंह थे। आज पवन सिंह की पावर और फेम ऐसा है कि एक स्टेज शो का 20 लाख तक लेते हैं। विदेश में 35 लाख। आज फिल्म इंडस्ट्री में इन्हें पावर स्टार के नाम से जाना जाता है। एक से बढ़कर एक हिट गाने और फिल्में दीं। लेकिन, हर समय कन्ट्रोवर्सी में रहे। पहली पत्नी की मौत हुई तो सवाल उठे, अक्षरा सिंह के करीब आए तो विवाद हुआ। राजनीति में गए तो एक साल भी नहीं टिके। इस समय पत्नी ज्योति सिंह से तलाक का विवाद चल रहा। सबकी निगाहें इसी पर हैं। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए पावर स्टार की पूरी कहानी… पहले जानिए क्या है ताजा विवाद हाल ही में पवन सिंह की अमित शाह और भाजपा के बड़े नेताओं से मिलने की तस्वीरें सामने आई। चर्चा शुरू हुई की भाजपा से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले हैं। एक साल से चुप बैठीं उनकी पत्नी ज्योति सिंह सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गईं। लिखा- वो पवन सिंह से मिलने आ रही हैं। फिर 5 अक्टूबर को लखनऊ में पवन सिंह के आवास पर मिलने पहुंच गईं। घर के बाहर हंगामा किया और भावुक होकर पुलिस के सामने जहर खाने की धमकी दे डाली। ज्योति का आरोप था कि पवन सिंह ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है। लेकिन, पुलिस ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। पुलिस ने कहा कि उन्हें सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस पर पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- वो ऐसा सिर्फ बदनाम करने के लिए कर रहीं। चाहती हैं कि मैं उन्हें विधायक बना दूं, टिकट दिलवा दूं। इसीलिए ये सब कर रही हैं। अब तक कहां थीं? चुनाव के कुछ महीने पहले ही बस मेरी याद आई। इस पर ज्योति सिंह ने जवाब दिया। कहा- मुझे पत्नी के रूप में अपना लें, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी। पवन सिंह ने 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ज्योति केवल ये चुनाव के लिए कर रही है। मैं बच्चे के लिए तरस रहा हूं। मैं घर जाता हूं तो मेरी मां दरवाजा खोलती हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी फैमिली मेरे साथ रहे। ज्योति सिंह ने कहा- मैं काराकाट (बिहार) से चुनाव लड़ना चाहती हूं। क्योंकि, पवन सिंह उस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद से एक बार भी उस क्षेत्र में नहीं गए। जिन लोगों ने उन्हें वोट दिया था, उनकी उम्मीदों और भावनाओं के साथ विश्वासघात किया गया। ज्योति सिंह ने कहा- पवन सिंह ने इस बात को चुनाव से जोड़कर कहा, तो ये गलत है। मैं तो उनसे रिश्ता जोड़ने गई थी। पवनजी अगर मुझसे कहेंगे तो मैं उनके साथ रहने के लिए अपने परिवार को छोड़ सकती हूं। और न ही मैं चुनाव लडूंगी। पवन सिंह बच्चे की बात कर रहे हैं। मैं कहना चाहूंगी कि अगर उनको बच्चा चाहिए होता तो वो मुझे दवा नहीं देते। वो मुझे गर्भपात की दवा खिलाते थे। ज्योति सिंह ने आगे कहा कि मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं पवन सिंह से। क्या जब उन्होंने मुझे लोकसभा चुनाव में बुलाया तो क्या उस समय कोर्ट में हम लोगों का मामला नहीं था? पवन सिंह ने जब दोबारा मेरी मांग में सिंदूर भरा तो क्या हमारा केस कोर्ट में नहीं था? (दोनों के बीच तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है। बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के दौरान पवन सिंह ज्योति को साथ लेकर प्रचार कर रहे थे। चुनाव हारने के बाद दोनों अलग रहने लगे।) अब पढ़िए… पवन सिंह का पावर स्टार बनने का सफर
पवन सिंह का जन्म बिहार के आरा जिले में 5 जनवरी, 1986 को हुआ था। पवन पिता रमाशंकर सिंह के साथ कोलकाता (तब का कलकत्ता) में रहते थे। पिता वहीं काम करते थे। पवन सिंह के चाचा अजीत सिंह आरा में संगीत मंडली थी। कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर शादी, छठी, मुंडन जैसे इवेंट पर जाते थे। वह एक बार कलकत्ता गए। मजाक-मजाक में अजीत सिंह ने पवन को गाने के लिए बोला। चाचा को पवन की आवाज पसंद आई और वो उनको आरा ले आए। फिर पवन सिंह गाना गाने लगे। पवन सिंह के करीबी नीरज बताते हैं- वह कई इंटरव्यूज में खुद बता चुके है कि शुरुआती दिनों में स्टेज पर 10 रुपए मिलते थे। कभी-कभी 100 रुपए मिलते थे, तो वह बहुत खुश हो जाते थे। पवन सिंह का 11 साल की उम्र में पहला एल्बम था ‘ओढ़नियां वाली’। यह 1997 में रिलीज हुआ था। हालांकि, उन्हें पहचान मिली थी 2008 में रिलीज हुए एल्बम ‘लॉलीपॉप लागेलू’ से, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस गाने ने अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भी धूम मचाई थी। हर भाषा के लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया था। पवन सिंह ने इसके बाद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। 2007 में फिल्म ‘रंगली चुनरिया तोहरे नाम’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। साल 2016 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सिनेमा अवॉर्ड में बेस्ट मेल सिंगर के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। शोहरत बढ़ती गई, विवाद जुड़ते गए परिवार: पहली पत्नी की मौत, तो उठे सवाल; दूसरी से तलाक का केस
पवन सिंह का दिल पहली बार बड़े भाई की साली नीलम सिंह पर आया। दोनों ने 1 दिसंबर, 2014 को शादी कर ली। शादी के सभी फंक्शन काफी धूमधाम से हुए थे। लेकिन, 8 मार्च 2015 को नीलम ने मुंबई में पवन सिंह के फ्लैट में पंखे से लटककर सुसाइड कर लिया। नीलम की मौत के बाद उनकी बहन और पवन सिंह की भाभी ने इसका रीजन बताया था। कहा था कि पवन सिंह अपने काम में काफी व्यस्त हो गए थे। जिस कारण नीलम मानसिक रूप से बहुत परेशान रहने लगी थीं। देर रात घर लौटने और पत्नी को समय न दे पाने की वजह से नीलम ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। हालांकि अभी भी पवन सिंह अपनी पहली पत्नी को अक्सर करके याद करते रहते हैं। हाल ही में राइस एंड फॉल शो में ही उन्होंने अपनी पहली पत्नी को देवी बताया। इस शो के दौरान पवन सिंह ने कहा- मैं भगवान के सामने खड़ा होता हूं और कहता हूं कि इतनी क्या परीक्षा लेनी? मैंने किसका क्या बिगाड़ा है? मैं सोता हूं और सोचता हूं कि मैंने किसका क्या बिगाड़ा है? मेरे जीवन में देवी मिली थी, मैंने अपनी जिंदगी में देवी को खोया है। ये मुमकिन नहीं कि वह देवी मुझे फिर से मिल पाएगी। वह मुझे कभी नहीं मिलेगी। इस कंधे पर दाग लिखा है। पवन सिंह बताते हैं कि नीलम और उनका साथ सिर्फ तीन साढ़े महीने तक का ही था। यह दूसरी बात है कि वह मेरी भैया की साली थी, लेकिन शादी के बाद हम एक-दूसरे को ठीक से जान भी नहीं पाए थे। जो लोग मेरे सामने बोल नहीं पाते, वे लोग भी मुझे सुनाकर चले जाते हैं और मैं सुन लेता हूं। अक्षरा सिंह की पवन सिंह की लाइफ में एंट्री
पहली पत्नी के जाने के बाद पवन सिंह अकेले पड़ गए। तभी उनकी लाइफ में एक्ट्रेस अक्षरा सिंह की एंट्री हुई। अक्षरा और पवन के अफेयर की चर्चाएं जोर-शोर से होने लगीं। एक समय ऐसा भी आया कि पवन सिंह अक्षरा से शादी करने वाले हैं। लेकिन, अचानक अक्षरा सिंह ने पवन सिंह पर धोखा देने का आरोप लगाया। दरअसल, दोनों की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद थी, लेकिन ऑफ स्क्रीन उनका रिश्ता कड़वाहट में बदल गया। शुरुआत में दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। अक्षरा सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह बहुत कम उम्र में पवन सिंह से मिली थीं और उन्हें बेहद सम्मान देती थीं। दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया। जिससे उनके बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं। अक्षरा को लगने लगा था कि पवन ही उनके जीवनसाथी बनेंगे। लेकिन, ब्रेकअप के बाद अक्षरा पूरी तरह टूट गईं। उन्होंने मीडिया में खुलकर कहा था कि पवन सिंह ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। यहां तक कि कमरे में बंद कर मारपीट भी की। अक्षरा का कहना था कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। कुछ लोगों ने उन पर तेजाब फेंकने की कोशिश भी की। अक्षरा सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान ये भी कहा था कि उस दौरान उन्हें इंडस्ट्री से बाहर कर दिया गया था। फिल्मों के ऑफर आने बंद हो गए और लोग उन्हें यूपी-बिहार में रहने नहीं देना चाहते थे। इस मुश्किल वक्त में उनके पिता ने उन्हें संभाला और आगे बढ़ने का हौसला दिया। अक्षरा ने कहा था- मैंने बहुत कुछ सहा है, लेकिन जिंदा रहना ही मेरी सबसे बड़ी जीत है। उस समय पूरी इंडस्ट्री एक तरफ और मैं अकेली थी। मैंने आवाज उठाई, जंजीर तोड़ी, इसलिए मुझे सजा मिली। अक्षरा सिंह ने ये भी बताया था कि पवन सिंह ने अपनी दूसरी शादी के पहले उन्हें एक घर में बंद करवा दिया था। लेकिन, किसी तरह वह वहां से निकलने में सफल रहीं। आज दोनों अपने-अपने रास्तों पर हैं। पवन सिंह फिल्मी दुनिया में सक्रिय हैं, जबकि अक्षरा अपनी मेहनत और आवाज के दम पर अलग पहचान बना चुकी हैं। 2018 में पवन सिंह ने ज्योति से दूसरी शादी की थी
पवन सिंह ने ज्योति सिंह से दूसरी शादी की थी। ज्योति सिंह यूपी के बलिया जिले के मिड्ढी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की है। वहीं उनके पति पवन सिंह 10th पास हैं। उन्होंने मध्यमा बोर्ड से पढ़ाई की थी। ज्योति ने पवन सिंह से 6 मार्च, 2018 को शादी की थी। शादी के बाद ज्योति आमतौर पर लोगों की नजरों से दूर रहती थीं। साल- 2022 में ज्योति ने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। उस समय उन्होंने पवन पर मारपीट और जबरन गर्भपात कराने जैसे आरोप लगाए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पवन ने उन्हें शादी के बाद परेशान किया। ज्योति ने यह खुलासा भी किया कि पवन का संबंध पहले भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह से था। अक्षरा 3 महीने की गर्भवती थीं और पवन हमेशा कहते थे कि अक्षरा उनकी पत्नी है। साथी कलाकारों से भी विवाद
साल- 2021 में भोजपुरी एक्टर और सिंगर खेसारी लाल यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसे भोजपुरी गायक रितेश पांडे ने शेयर किया था, जिसमें खेसारी इंडस्ट्री के नए कलाकारों का अपमान करते हुए नजर आ रहे थे। यहां तक कि वो अपशब्द भी बोल रहे हैं। रितेश पांडे ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है- वाह क्या भाषा है आपकी प्रमोद प्रेमी, रितेश, कल्लू और समर सिंह की औकात 5 लाख से ज्यादा की नहीं है। इनमें से किसके घर का खर्च आप चलाते हैं? अपने से छोटों को आप इस नजरिए से देखते हैं? बहुत घटिया है आपकी मानसिकता। इतना घमंड ठीक नहीं है। खेसारी लाल यादव की यही बात भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह को भी खटक गई। पटना में पवन सिंह का एक स्टेज शो था, जिसमें उन्होंने अपने मन का गुबार निकाल दिया। पवन सिंह ने खेसारी का नाम लिए बिना उनपर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा था- कोई यहां जा रहा है कोई वहां, जिसे जहां जाना है वहां जाए। हम वहां कभी का काम करके आ चुके हैं। पवन सिंह ने आगे कहा कि कुछ लोग अकड़ में रहते हैं और 5 हजार में कहीं भी गाना गाते हैं। इसी दौरान पवन ने कुछ भद्दे इशारे भी किए। हालांकि इसके पवन ने बाद में माफी भी मांगी थी। जैसे ही पवन सिंह का वीडियो वायरल हुआ, खेसारी भी मैदान में आ गए। उन्होंने पवन सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि खुद को खड़ा करो, भोजपुरी को बड़ा करो। मैं जिन्हें इतना बड़ा मानता था, उन्हें मेरे नाम से दिक्कत है। मंच पर इंसान को अच्छे मन से रहना चाहिए, दारू पीकर नहीं जाना चाहिए। दारू पीकर जाना अच्छी बात नहीं। पवन और खेसारी के कोल्ड वॉर पर सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने अपनी चुप्पी तोड़ी। निरहुआ ने इन दोनों कलाकारों के बीच हुए विवाद पर कहा कि हम सभी आपस में काफी प्रेम करते हैं। हम लोग अक्सर अवॉर्ड फंक्शन, बर्थडे या फिर कोई इवेंट में मिलते रहते हैं। खेसारी की आदत है कि वह जब भी पवन भैया से मिलते हैं, तो अपनी प्रॉपर्टी के बारे में बात करते हैं। हरियाणवी एक्ट्रेस को लेकर हुए थे ट्रोल
कुछ समय पहले लखनऊ के एक स्टेज शो में पवन सिंह पर हरियाणवी एक्ट्रेस अंजलि राघव की कमर छूने का आरोप लगा था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पवन सिंह ने इंस्टाग्राम स्टोरी डालकर माफी मांगी थी। पवन सिंह ने लिखा था- अंजलि जी, मेरा कोई गलत इरादा नहीं था। अगर मेरे व्यवहार से आपको तकलीफ हुई हो, तो मैं माफी मांगता हूं। पॉलिटिक्स: काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं पवन सिंह
पवन सिंह को पहले भाजपा ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, उन्होंने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। बाद में वह बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय ही मैदान में उतर गए। हालांकि उनको सीपीआई माले कैंडिडेट राजाराम सिंह कुशवाहा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे थे। राजाराम को 3,18,730, पवन सिंह को 2,26,474 और कुशवाहा को 2,17,109 वोट मिले थे। अब एक बार फिर पवन सिंह के भाजपा में शामिल होने के साथ ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि वह बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते थे। हालांकि उससे पहले ही सोशल मीडिया एक्स पर पवन सिंह ने पोस्ट कर दिया- मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी जॉइन नहीं की थी। और न ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा। पत्नी ज्योति PK से मिलीं, अक्षरा ने पार्टी जॉइन की
ज्योति सिंह 10 अक्टूबर को जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर (PK) से मिलीं। प्रशांत किशोर से मिलकर ज्योति सिंह ने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। अब आप ही मुझे इंसाफ दिलाइए। इसके बाद प्रशांत किशोर ने उनको ढांढस बढ़ाते हुए कहा कि आपके अन्याय का बदला लिया जाएगा। इस बीच चर्चा है कि ज्योति जन सुराज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। वह टिकट के लिए PK से मिली थीं। वहीं, साल 2023 में अक्षरा सिंह अक्षरा अपने पिता विपिन इंद्रजीत सिंह के साथ प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल हो गई थीं। जन सुराज कार्यकर्ता अक्षय आनंद ने उन्हें पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित कार्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। सदस्यता ग्रहण समारोह के दौरान PK मौजूद नहीं थे। सदस्यता लेने के बाद अक्षरा सिंह ने कहा था- मैं बिहार की बेटी होने के नाते राज्य को शिक्षित बनाना चाहती हूं। उसी की यह एक छोटी-सी पहल है। इसलिए इतनी कम उम्र में मैं इस जन सुराज अभियान से जुड़ी हूं। अक्षरा ने कहा कि आने वाले समय में प्रशांत किशोर चाहेंगे, तो चुनाव भी लडूंगी। बिहार के लोग मुझे और प्यार दें, ताकि मैं और आगे बढ़कर काम करूं। मैं किसी भी पार्टी में जा सकती थी। मेरे अच्छे-अच्छे दोस्त हैं, जो विभिन्न पार्टियों में हैं। लेकिन मैंने जन सुराज चुना, क्योंकि यह कोई पार्टी नहीं मुहिम है। वहीं 7 अक्टूबर 2025 को अक्षरा सिंह ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की। इसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि अक्षरा चुनाव लड़ने वाली हैं। हालांकि, अभी तक अक्षरा सिंह की तरफ से इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। —————————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी में जिस ड्रोन चोर का शोर, वो कितना सच, मुंहनोचवा के डर से 7 की जान गई; चोटीकटवा-मंकीमैन इन्हीं दिनों में क्यों आते? यूपी में ड्रोन चोर का चारों तरफ शोर है। पुलिस फोन कॉल पर चक्कर लगा रही। खौफ में गांव वाले रातभर पहरा दे रहे। आसमान में लाल-हरी लाइट दिखते ही लाठी-डंडे लेकर दौड़ रहे हैं। जो मिलता है, उसकी बेरहमी से पीटते हैं। रायबरेली में इसी पिटाई में एक युवक की जान चली गई। पश्चिमी यूपी से शुरू हुआ ड्रोन चोर का यह खौफ पूर्वांचल के सभी जिलों में सिर चढ़कर बोल रहा। यह पहली बार नहीं, जब लोग लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर हैं। इसके पहले चोटीकटवा, मुंहनोचवा और लकड़सुंघवा ने लोगों की नींद हराम कर दी थी। मुंहनोचवा का डर इतना था कि छत से कूदने की वजह से 7 लोगों की जान चली गई थी। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए ड्रोन चोर कितना सही है? मुंहनोचवा, चोटीकटवा केस में क्या-क्या हुआ? अभी और उस समय के अफसर क्या कहते हैं? साइकोलॉजी क्या कहती है? क्या ये अफवाह ही है या कुछ और? विदेश में भी इस तरह की घटनाएं होती हैं? पढ़िए पूरी खबर…
पावर स्टार की नेम-फेम और कंट्रोवर्सी:पवन सिंह को पहले स्टेज शो में 10 रुपए मिले, अब लेते हैं 35 लाख; पत्नी-पूर्व प्रेमिका PK के साथ
