बताया गया है यह आयोजन विश्व के प्रमुख दो अंतरराष्ट्रीय कविता आयोजनों में से एक माना जाता है, जिसमें इस वर्ष 12 देशों के 20 सुप्रसिद्ध कवि भाग लेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रो. मौर्य समकालीन हिन्दी कविता के सशक्त स्वर के रूप में वे अपनी कविताओं के माध्यम से मानवीय संवेदना, सामाजिक सरोकार और जीवन के गहन अनुभवों को अभिव्यक्त करते रहे हैं। इस आयोजन में उनकी सहभागिता न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि बल्कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय एवं उत्तराखंड के लिए भी गौरव का विषय बतायी जा रही है।
महोत्सव के निदेशक सोनेत मोंडल के अनुसार यह आयोजन कविता के माध्यम से वैश्विक संवाद और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने का प्रयास है। आयोजन का समापन सत्र ‘पोएट्री ऑन द क्रूज’ के रूप में गंगा नदी की नौका यात्रा के दौरान होगा। इस अवसर पर प्रकाशित होने वाले विशेष कविता संकलन ‘चेयर पोएट्री सीरीज-2025’ में प्रो. शिरीष मौर्य की कविताएँ भी शामिल की जाएँगी। उम्मीद की जा रही है कि उनकी इस आयोजन में उपस्थिति हिन्दी कविता के वैश्विक प्रसार के साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाने का कार्य करेगी।