झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को शहर की जर्जर सड़कों की मरम्मत की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए निगम से जवाब मांगा। नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने अदालत को बताया कि राजधानी में सीवरेज एवं ड्रेनेज बनाने के लिए चार जोन में बांटा गया है। इनमें जोन-एक में नगर निगम की ओर से सीवरेज का निर्माण कराया जा रहा है। जोन एक में रातू रोड, बाजरा, पंडरा, कांके रोड, मोरहाबादी और बूटी मोड़ के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन बिछाई गई है। एसटीपी का भी निर्माण किया गया है। इसका ट्रॉयल भी पूरा हो गया है। जबकि जोन-दो, तीन और चार की जिम्मेदारी राज्य सरकार को कराना है। निगम की इस दलील का प्रार्थी व अधिवक्ता शुभम कटारुका ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा जोन एक में सीवरेज-ड्रेनेज बनाने की अधूरी जानकारी दी जा रही है। निगम ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सीवरेज-ड्रेनेज की पाइप कहां तक बिछाई गई है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कहां स्थापित किया जाएगा और गंदे पानी का निपटारा कैसे किया जाएगा। सीवरेज के साथ ड्रेनेज सिस्टम बनाया जा रहा है या नहीं। इस पर अदालत ने रांची नगर निगम को सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य सरकार को जोन दो,तीन और चार में सीवरेज-ड्रेनेज की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सेवा सदन रोड की मरम्मत इस माह, अन्य सड़कें जर्जर ही रहेगी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी पूछा है कि राजधानी की सड़कों को दुरुस्त करने और जल जमाव की समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सेवा सदन रोड और औघड़ बाबा आश्रम के पीछे से टेलीफोन एक्सचेंज तक सड़क नवीकरण का टेंडर जारी किया गया है। इस रोड का काम 24 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निगम की ओर से बताया गया कि कई सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया गया है। हाईकोर्ट ने नक्शा पास करने की प्रक्रिया की मांगी जानकारी झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को रांची में भवन का नक्शा पास करने में हो रही गड़बड़ी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई के दौरान निगम से नक्शा पास करने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी। अदालत ने कहा कि पूर्व में निगम में जमा हुए नक्शा, स्वीकृत नक्शा और अस्वीकृत नक्शा के आवेदनों का टेबुलर चार्ज मांगा गया था। पूरी जानकारी टेबुलर चार्ट में ही दें। इस पर निगम की ओर से समय की मांग की गई। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए निगम को अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।
सेवा सदन रोड की मरम्मत कराई जाएगी:जोन वन में सीवरेज-ड्रेनेज का काम जल्द, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
