सुप्रीम कोर्ट बोला-UN भारत में शोरूम खोल सर्टिफिकेट बांट रहा:शरणार्थी कार्ड जारी करना गलत; सूडानी व्यक्ति ने हिरासत से बचने को याचिका लगाई थी

सुप्रीम कोर्ट बोला-UN भारत में शोरूम खोल सर्टिफिकेट बांट रहा:शरणार्थी कार्ड जारी करना गलत; सूडानी व्यक्ति ने हिरासत से बचने को याचिका लगाई थी
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) की ओर से भारत में प्रवासियों को शरणार्थी कार्ड जारी करने पर आपत्ति जताई। जस्टिस​​​​ सूर्य कांत ने कहा- UNHCR ने यहां एक शोरूम खोल रखा है और सर्टिफिकेट बांट रहा है। सुप्रीम कोर्ट 2013 से भारत में रह रहे सूडानी व्यक्ति की हिरासत से बचने के लिए अंतरिम संरक्षण की याचिका सुन रहा था। व्यक्ति का दावा है कि उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं, जिन्हें UNHCR ने शरणार्थी कार्ड जारी किया है। वह ऑस्ट्रेलिया में शरण चाहते हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- शरणार्थी कार्ड पाने वाले लोगों को विदेशों रजिस्ट्रेशन कार्यालय और मानवाधिकार मंत्रालय अलग तरीके से देखते हैं। कार्ड पाने की प्रक्रिया सालों तक चलती है और इसमें जांच होती है। इस पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि वे इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन यह एक गंभीर मामला है। सूडानी व्यक्ति की याचिका खारिज मुरलीधर ने बताया कि पिछले दो महीनों में दिल्ली में अफ्रीकी प्रवासियों को बिना कारण हिरासत में लेने का अभियान चल रहा है, जिससे उन्हें डर है। इसके लिए उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग की है। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज की और कहा कि व्यक्ति को ऑस्ट्रेलिया जाने का प्रयास करना चाहिए और उन्होंने याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अतिरिक्त सुरक्षा के आदेश लेने की अनुमति दी। अंतरिम संरक्षण याचिका- कार्रवाई रोकने के लिए लगाई जाती है अंतरिम संरक्षण की याचिका मतलब अदालत में अस्थायी सुरक्षा मांगना है। यह मुख्य फैसला आने तक व्यक्ति को सुरक्षा देने या उसके खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए दिया जाता है। इसे तुरंत सुरक्षा के लिए अस्थायी आवेदन समझा जा सकता है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… SC का सरकार से सवाल-बॉर्डर पर दीवार बनाना चाहते हैं:पड़ोसी देशों में हमारी तरह बंगाली-पंजाबी बोलने वाले, बस सीमा इन्हें अलग करती है सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह भारतीय सीमा पर अमेरिका की तरह दीवार बनाना चाहता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी वेस्ट बंगाल माइग्रेंट वेलफेयर बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने आगे कहा कि बंगाल और पंजाब के लोगों की संस्कृति और भाषा पड़ोसी देशों से मिलती-जुलती है। उनकी भाषा एक है, लेकिन उन्हें सीमाएं बांटती हैं। पूरी खबर पढ़ें…


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