सुपौल में आदर्श आचार संहिता प्रभावी; DM ने दिए निर्देश : राजनीतिक दलों संग बैठक में कई अहम निर्णय सुपौल में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदर्श आचार संहिता के अनुपालन, निर्वाचन व्यय नियंत्रण, प्रचार सामग्री की स्वीकृति, अपराध रिकॉर्ड से जुड़ी अनिवार्य जानकारी और भारत निर्वाचन आयोग के नवाचारों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के तहत सुपौल जिले की सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में द्वितीय चरण का मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। नामांकन से लेकर चुनाव चिन्ह आवंटन तक की प्रक्रिया संबंधित निर्वाची पदाधिकारी के स्तर से संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित है। इससे अधिक खर्च पाए जाने पर अभ्यर्थिता रद्द की जा सकती है। व्यय अनुश्रवण का कार्य व्यय प्रेक्षक करेंगे, जबकि आवश्यक हस्तपुस्तिका और रजिस्टर निर्वाची पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। अपराध की पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक मामलों की जानकारी बिंदु-1 प्रपत्र में देनी होगी और तीन बार प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित करनी होगी। इसका विवरण बिंदु-4 प्रपत्र में जमा करना अनिवार्य होगा। प्रचार-प्रसार एवं विज्ञापन सामग्री की अनुमति एमसीएमसी समिति द्वारा जांचोपरांत ही दी जाएगी। किसी प्रकार की शिकायत cVIGIL ऐप के माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है, जिसका निष्पादन 100 मिनट के भीतर किया जाएगा। निर्वाचन व्यय हेतु विभिन्न सामग्रियों का बाजार दर भी बैठक में अनुमोदित किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि अब जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इसके पालन के लिए विधानसभा-वार सेक्टर पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आचार संहिता के पूर्ण अनुपालन में सहयोग करने का अनुरोध किया।
सुपौल में आदर्श आचार संहिता प्रभावी:DM ने राजनीतिक दलों संग बैठक में दिए अहम निर्देश
