पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह आज जालंधर पहुंचे। यहां उन्होंने युद्ध नशे विरुद्ध महिम सहित कई मुद्दों पर बात की। मंत्री बलबीर ने पंजाब में आ रहे नशे का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार अगर सैटेलाइट से एक मिनट में यह पता लगा सकती है कि पराली कहां जल रही तो केंद्र के पास तो इससे ज्यादा सिस्टम है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि पाकिस्तान से ड्रोन नशा लेकर भारत में कैसे पहुंच रहे हैं। केंद्र सरकार चाहे तो इसे एक मिनट में बंद करवा सकती है। ‘युद्ध नशे विरुद्ध मुहिम’ कर रही काम
मंत्री बलवीर ने युद्ध नशे विरुद्ध मुहिम पर कहा कि आप सरकार मार्च 2025 से अब तक करीब 18 हजार से ज्यादा बच्चों को नशे की दलदल से निकाल चुकी है। 6 हजार बच्चे ऐसे हैं जिनको सरकार स्किल्ड बना चुकी है। नशा छोड़ चुके इन बच्चों में से कोई टीचर बन गया है। किसी ने खाना बनाने का काम शुरू किया है तो कोई इलेक्ट्रिशियन बनकर पैसा कमा रहा है। नौकरी के लिए उद्योगपतियों से हुई बात मंत्री बलबीर सिंह ने आगे कहा कि उनकी इंडस्ट्री के कई लोगों से भी बात हुई है। अगर कोई नशा छोड़ता है तो हम भी कोशिश करेंगे कि ऐसे लोगों को नौकरी देकर मदद की जाए। इंडस्ट्री वालों के लिए सुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे पंजाब सुरक्षित रह सके।
मंत्री ने प्रैस कॉन्फ्रेंस में दिया इन सवालों का जवाब… सवाल: जब एंटी-ड्रोन सिस्टम मिला, तो क्यों लगता केंद्र कार्रवाई नहीं कर रहा?
जवाब- मैं पुलिस की तरफ से क्यों करवाऊं? पुलिस वाले भी बैठे हैं। मैं मीडिया के हवाले से केंद्र को सवाल पूछ रहा हूं कि आपको पंजाब के किसान के खेत में आग लगी नजर आती है? आपको किसान का खेत डूबा हुआ, उसकी बहती फसल, उसका ढहा हुआ घर, उसका सामान, उसकी बहती हुई भैंसें पाकिस्तान जाती हुई क्यों नहीं दिखतीं? अपना चश्मा उतारो, वह भी देखो। आपको ड्रोन नशा लाते हुए नजर नहीं आते क्या? मंत्री ने कहा कि मैं मीडिया के हवाले से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री से पूछता हूं कि आपको पंजाब के किसानों के खेतों में लगी आग नजर आती है, तो डूबे हुए खेत क्यों नहीं नजर आ रहे? सवाल: केंद्र से 12,000 करोड़ के सवाल पर कोई जवाब क्यों नहीं आता?
जवाब: जब देश पर दुख आया (भूकंप, बाढ़), तो सबसे पहले पंजाब मदद के लिए पहुंचा (जैसे भुज, केरल में)। हमारे खालसा एड पहुंच जाती है। हम रेस्क्यू, रिलीफ और रिहैबिलिटेशन भी कर लेंगे, पर मेरी बात सुनो… मेरा यह भी सवाल पहुंचा दो कि बिहार में 40 से ज्यादा पुल गिरे हैं। वहां कोई एक्सप्लेनेशन नहीं, सीधा उठाकर 7,500 करोड़ बहनों के खाते में डाल दिया गया। 11,500 करोड़ कोसी नदी में बाढ़ की रोकथाम के लिए दिए गए हैं। पंजाब को कितने दिए हैं? सवाल: सिविल अस्पताल जालंधर में बेड के नीचे लेटने को मजबूर लोग, आप क्या एक्शन लेंगे?
जवाब: आप मुझे यह समस्या जरूर भेजें। मैं तत्काल एक्शन लेता हूं। मैं करूंगा जी। हम सुधार कर रहे हैं। हम 23 जिला अस्पतालों, 41 सब-डिविजनल अस्पतालों और अन्य सेहत केंद्रों में सुधार कर रहे हैं।
अब पढ़िए मंत्री बलबीर सिंह की लाइव बातचीत नशा पंजाब के लिए एक अहम मुद्दा
मंत्री बलवीर ने आगे कहा कि नशा पंजाब के लिए एक अहम मुद्दा है। जैसा कि आप सब जानते हैं, CM भगवंत मान ने पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा किया था। इसे पूरा करने के लिए युद्ध नशे विरुद्ध अभियान शुरू किया गया।
इसमें सबसे अहम कम्पोनेंट नशे को डिक्रिमिनलाइज करना था। इसमें नशा करने वाले को मरीज की तरह ट्रीट करना था और नशा बेचने वाले को क्रिमिनल की तरह ट्रीट करना था।
इससे पहले नशा छुड़ाने की नीति में भेदभाव किया गया। इसमें बहुत सारे कॉम्पोनेंट हैं। पहले मरीज को सेंटर में लाना, उसका नशा छुड़वाना, फिर बात होती थी रिहैबिलिटेशन की। जब मैंने अधिकारियों से पूछा कि रिहैबिलिटेशन में हम क्या करते हैं, तो उन्होंने कहा कि काउंसलिंग करते हैं। इसके कारण फिर से नशा शुरू करने की दर 90% थी। पंजाब सरकार ने नशा छुड़ाने के लिए बनाया नया मॉडल
मंत्री ने बताया कि यह पहली बार हुआ है कि CM की देखरेख में सेहत विभाग, पुलिस महकमे, और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन हमारे साथ हैं। हमने देखा कि पुनर्वास तब तक नहीं हो सकता जब तक आप किसी व्यक्ति का नशा छुड़वाकर उसे कोई काम न सिखा दें, उसे काम पर न लगा दें, कोई गेम खेलने न लगा दें या किसी और रचनात्मक काम से न जोड़ दें। सन फाउंडेशन 23 जिलों में शुरू करेगी स्किल सेंटर
अमृतसर से नशा छुड़ाने वालों को स्किल्ड करने शुरुआत हो चुकी है। सन फाउंडेशन ये काम कर रही है। अब यह 23 के 23 जिलों में लेटेस्ट, मॉडर्न स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू करेगी। यह 6 से 10 तरह के स्किल सिखाएगी। इसमें फुटबॉल-क्रिकेट बॉल की स्टिचिंग, कंप्यूटर, इलेक्ट्रीशियन का काम, कुकिंग, सैलून का काम सिखाना शामिल है। NGOs और पुलिस भी करेगी मदद
राज्यसभा मेंबर डॉ. बिक्रमजीत साहनी, डिप्टी कमिश्नर हिमांशु, जालंधर सीपी धनप्रीत और सिविल सर्जन रमन सहित कई नर्सेज और काउंसलर ‘रंगला पंजाब’ की टीम है। ये टीम बहुत सारे बच्चों का नशा छुड़वा चुकी है। अब एक चेन बन रही है। पहले चेन नशा करने की थी, अब नशा छुड़ाने की चेन है। मंत्री बोले-मैंने नशा छोड़ने वालों का डेटा मांगा तो मिला ही नहीं
मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जब मैंने स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला, मैंने नशे को लेकर रिव्यू किया। मैंने सभी सरकारी और प्राइवेट सेंटरों से पूछा कि आपने नशा किसका छुड़वाया है? प्राइवेट वालों का तो कोई डेटा ही नहीं मिला। सरकारी सेंटरों का भी डेटा अस्पष्ट था। मैंने कहा, “मुझे 10 ऐसे बंदों से मिलाओ जिन्होंने नशा छोड़ दिया है, लेकिन कोई नहीं बता बताया। आज हमारे पास डेटा है। मार्च से लेकर अब तक 18,000 बच्चे नशा छोड़ चुके हैं। इसमें से 5 से 6 हजार काम सीखकर पैसा कमा रहे हैं। ड्रोन से आ रहे नशे पर केंद्र को सवाल
मंत्री ने कहा कि पंजाब में नशे के सप्लायरों के घरों पर बुल्डोजर चला रहे हैं। अब चिंता बॉर्डर पर ड्रोन से नशा गिराने पर है। आप कल्पना नहीं कर सकते कि ड्रोन के ड्रोन इसे लेकर आ रहे हैं। पंजाब में अगर कोई किसान पराली जलाता है, तो सैटेलाइट से पता लगा लेती है और उसे नोटिस आ जाता है। तो क्या नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जैसी एजेंसियों को ये ड्रोन उड़ते हुए नजर नहीं आते? बिरला परिवार की बेटी के सहयोग से डेटा इंटेलिजेंस यूनिट बनाई
मंत्री ने कहा कि हमने अनन्या बिरला (बिरला परिवार की बेटी) के सहयोग से चंडीगढ़ में एक डेटा इंटेलिजेंस टेक्निकल सपोर्ट यूनिट बनाई है। इसके पांच रीजनल सेंटर (जालंधर, अमृतसर, फरीदकोट, पटियाला, मोहाली) हैं। इससे रियल टाइम इन्फॉर्मेशन आती है कि कहां क्या हो रहा है।
मंत्री बलबीर का केंद्र पर हमला:जालंधर में बोले- जलती फसल दिख जाती, नशा लाते ड्रोन नहीं दिखते; बाढ़ राहत पैकेज पर उठाए सवाल
