गिरिडीह जिले में इस वर्ष दुर्गा पूजा का समापन हर्षोल्लास और भक्तिमय माहौल में हुआ। चार दिवसीय पूजन के बाद गुरुवार को मां दुर्गा की प्रतिमाओं का धूमधाम से विसर्जन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नम आँखों से मां को विदाई दी। शहर के बरगंडा स्थित विश्वनाथ दुर्गा मंदिर, गांधी चौक के आईसीआर रोड पर बड़की मैया और छोटकी मैया सहित विभिन्न पंडालों से प्रतिमाओं को लेकर शोभायात्राएं निकाली गईं। भक्तों ने मां की प्रतिमाओं को कंधों पर उठाकर “जय मां दुर्गा” और “मां की जय” के नारों के साथ विसर्जन स्थल तक पहुंचाया। सिंदूर लगाकर सुख-समृद्धि और पारिवारिक कल्याण की कामना की विसर्जन से पहले कई स्थानों पर पारंपरिक सिंदूर खेला का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सुख-समृद्धि और पारिवारिक कल्याण की कामना की। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं की आंखें मां को विदाई देते समय नम थीं। सुबह से हल्की बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। भक्तों ने पूरे जोश के साथ मां दुर्गा को विदा किया और अगले वर्ष फिर आने की कामना की। गिरिडीह शहर के अलावा धनवार, सरिया, बेंगाबाद, बगोदर, जमुआ सहित अन्य प्रखंडों में भी विसर्जन शोभायात्राएं निकलीं। सभी स्थानों पर प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। पुलिस बल की तैनाती के बीच विसर्जन कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा से जिलेवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए “अगले बरस तो जल्दी आना मां” के नारों के साथ उन्हें विदाई दी।
गिरिडीह में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन:श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी विदाई, सिंदूर खेला का आयोजन
