लखनऊ में 10 साल में 1000 लोगों को ईसाई बनाया:मलखान ने मैथ्यू बनकर लोगों को फंसाया, SC/ST टारगेटेड

लखनऊ में 10 साल में 1000 लोगों को ईसाई बनाया:मलखान ने मैथ्यू बनकर लोगों को फंसाया, SC/ST टारगेटेड
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लखनऊ मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर लखनऊ-रायबरेली हाईवे पर निगोहां इलाके का बख्तौरी खेड़ा गांव है। यहां पर 10 साल से धर्मांतरण का रैकेट चल रहा था। गांव का साधारण मजदूर मलखान 2015 में खुद ईसाई बना था। इसके बाद अपनी पत्नी और बेटों का धर्मांतरण कराया। मलखान ने गांव में ही अपने खेतों के बीच में एक विशाल हाल बनवाया। उसे यीशु की प्रार्थना सभा स्थल में बदल दिया। मैथ्यू नामक पादरी बनकर लोगों को सभा में आने के लिए प्रेरित करने लगा। धीरे-धीरे जरूरतमंद लोगों को आर्थिक लाभ, बीमारी भागने और मुकदमों में जीत दिलाने की लालच देकर धर्मांतरण कराने लगा। पुलिस ने धर्मांतरण के इस रैकेट को उजागर करते हुए 27 सितंबर को मलखान को जेल भेज दिया है। पूरे रैकेट को जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम बख्तौरी खेड़ा गांव गई। मलखान के परिजनों, ग्रामीणों और पुलिस अफसरों से बातचीत की, तो धर्मांतरण के रैकेट की परतें खुलीं। पता चला कि आर्थिक लाभ और चमत्कार की लालच पर धर्मांतरण के रैकेट की जड़ें टिकी थीं। रैकेट ने 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है। इनमें SC/ST के लोग अधिक हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए मलखान की साधारण मजदूर से पादरी बनने की कहानी हिंदू देवी-देवताओं को नकारने लगा था दैनिक भास्कर की टीम सीधे मलखान के घर गांव बख्तौरी खेड़ा पहुंची। घर पर उसकी भाभी मिली। उसकी भाभी ने कहा ‘मेरे घर की फोटो मत खींचना। मैं अलग रहती हूं। मलखान और उसके परिवार से मेरा कोई मतलब नहीं है। घर में आधा हिस्सा उनका है। हम कोई भी बयान भी नहीं देंगे।’ उसके बाद भास्कर टीम ने गांव के अन्य लोगों से बातचीत की। ग्रामीणों के मुताबिक, मलखान पहले एक साधारण मजदूर था। 2015 में धीरे-धीरे उसका रहन-सहन बदला। पहनावा और बोलचाल ईसाई पादरियों जैसी हो गई। संस्कृत श्लोकों का उच्चारण कर लोगों को प्रभावित करने लगा। यीशु को हिंदू देवी-देवताओं से बड़ा बताने लगा हिंदू देवी-देवताओं को नकारते हुए यीशु को सर्वोच्च बताने लगा। मैथ्यू बनकर गांव-गांव जाकर ईसाई धर्म का प्रचार करने लगा। इस बीच उसने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों का धर्मांतरण करा दिया। बेटी का नाम बदलकर जेसिका और बेटे का जेसी रख दिया। मलखान ने अपनी पत्नी का नाम नहीं बदला। उसकी गिरफ्तारी के बाद से पत्नी और बच्चे कहीं चले गए हैं। बताया जा रहा है वह धर्मांतरण कराने वाले गैंग सरगना के सम्पर्क में हैं। अब पढ़िए पुलिस की अब तक की जांच में जो सामने आया… मोबाइल में मिला चंगाई सभा ग्रुप पुलिस की जांच में आया है कि मलखान 10 साल से ‘पादरी’ बनकर धर्मांतरण करा रहा था। अपने खेत में विशाल हॉल बनवाकर उसे यीशु की प्रार्थना सभा स्थल बना दिया था। हाल में रविवार को चंगाई सभाएं होती थीं। बीमारियों के ठीक होने और आर्थिक मदद की लालच देकर ग्रामीणों को ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर किया जाता था। मलखान के मोबाइल में ‘चंगाई सभा ग्रुप’ मिला है। इसमें 132 लोग जुड़े हैं, जो पहले ही ईसाई धर्म अपना चुके हैं। मलखान नियमित रूप से इन्हें संदेश भेजता था। पुलिस अब इनकी पहचान कर रही है। 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण पुलिस की जांच में सामने आया है कि मलखान और उसके गिरोह ने आर्थिक मदद, राशन और गंभीर बीमारियों के इलाज का लालच देकर 1000 से ज्यादा हिंदू ग्रामीणों का धर्म परिवर्तन कराया है। इनमें से 500 से ज्यादा का धर्मांतरण खुद मलखान ने बख्तौरी खेड़ा में किया है। गिरोह का अनुसूचित जाति वर्ग पर सबसे ज्यादा फोकस रहता था। इलाज और शिक्षा का लालच देकर उन्हें ईसाई बनाया गया है। ईसाई बना, लेकिन आरक्षण का लाभ लेते रहा मोहनलालगंज के एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि मलखान अनुसूचित जाति से है। प्रार्थना सभा में उसे मैथ्यू नाम से पुकारा जाता था। हालांकि, दस्तावेजों में उसका नाम मलखान ही दर्ज है। पुलिस को शक है कि उसने दो आधार कार्ड या फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं। इस एंगल पर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि धर्मांतरण के बाद उसने मूर्ति पूजन बंद कर दिया, लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण का लाभ लेते रहा। यह भी पता चला है कि निगोहां में मलखान ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर प्रार्थना सभा स्थल बना दिया है। तहसील प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। जल्द ही इस अवैध स्थल पर बुलडोजर चल सकता है। फंडिंग और विदेशी कनेक्शन की जांच डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि मलखान के बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक में दो खाते मिले हैं। लेनदेन की जानकारी मांगी गई है, लेकिन खास रकम ट्रेस नहीं हुई है। आशंका है कि लेनदेन अधिकतर नकद किया जाता था। विदेशी फंडिंग और अन्य स्रोतों की भी जांच की जा रही है। इस पूरे रैकेट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को निगोहां थाने में सम्मानित किया गया। समाजसेवी संगठनों और स्थानीय नेताओं ने एसीपी रजनीश वर्मा, थानाध्यक्ष अनुज तिवारी समेत पूरी टीम को सम्मानित किया। अब जानिए ग्रामीणों ने जो कहा… घर-घर जाकर ईसाई बनने के लिए फंसाता था गांव के राकेश कहते हैं कि मलखान लोगों को अपने खेत में बने हाल में बुलाता था। गांव के लोग उसमें जाते थे। एक दो बार मैं भी गया था। वहां लाेग प्रभु यीशु का गुणगान करते थे। पैसा चढ़ाते थे। यीशु की प्रार्थना करते थे। गांव में भी लोग मलखान से मिलने आते थे। मलखान घर–घर जाता था। यीशु की प्रार्थना करने से बीमारियों के सही होने का झांसा देता था। हालांकि, किसी की बीमारी सही नहीं हुई। दयाराम ने कहा कि चंगाई सभा में हम तो नहीं गए हैं, लेकिन यह पता है कि सभा लगती थी। उसमें जाने वाले कई लोग उसके बारे में बताते थे। मलखान के घर से थोड़ी दूरी पर ही रहता हूं। आते–जाते उससे मुलाकात होती थी। वह कहता था कि परमेश्वर को भजो, यीशु को भजो, सब ठीक हो जाएगा। चंगाई सभा में आने से बीमारी ठीक हो जाती है। जरूरत पड़ने पर कई लोगों का ऑपरेशन भी करवाते हैं। मलखान यीशु की प्रार्थना सभा करता था सुरेश का कहना है कि हम मजदूरी करते हैं, जो पकड़ा गया है, उसको जानता हूं। वो यीशु की प्रार्थना सभा करता था, लेकिन मैं नहीं गया हूं। लोग कहते है वहां पर सभा होती थी। हमारा घर उनके घर से दूर है। वहां पर क्या–क्या होता था इसकी जानकारी नहीं है। मलखान से मुलाकात होती रहती थी। राजेश कुमार का कहना है कि धर्मांतरण कराए जाने की जानकारी नहीं है। चंगाई सभा कराई जाती थी। हम वहां पर कभी नहीं गए। लोग जाते थे, उनको फायदा हाेता था। चंगाई सभा में महिलाएं जाती थीं। लोगों से प्रार्थना करने, इलाज कराए जाने की बात कहीं जाती थी। शहर से आते थे पादरी ग्रामीणों का कहना है कि मलखान महीने में एक-दो बार लखनऊ शहर के चर्चों से पादरियों को बुलाता था। तब बड़े स्तर पर विशेष सभा होती थी। गांव-गांव जाकर लोगों को न्योता दिया जाता था। संगीत और प्रोजेक्टर शो के जरिए प्रचार किया जाता। मलखान की गिरफ्तारी के बाद गांव का माहौल बदल गया है। जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया था, वे अब घरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने लगे हैं। कई घरों में पूजा-पाठ शुरू कर दी गई है। पुलिस लगातार गांव में दबिश दे रही है। तीन दशक से मोहनलालगंज-निगोहां धर्मांतरण का गढ़ जानकारों की मानें तो, धर्मांतरण का खेल कोई नया नहीं है। मोहनलालगंज, नगराम, निगोहां और गोसाईंगंज इलाके पिछले 30 साल से इस जाल में फंसे हैं। 80-90 के दशक में केवल एक चर्च था। अब पांच बड़े चर्च और 100 से ज्यादा प्रार्थना स्थल हो चुके हैं। हर रविवार को प्रार्थना सभा होती है। महीने में दो बार बड़े स्तर पर चंगाई सभा होती है। यहां प्रोजेक्टर पर यीशु से जुड़ी फिल्में दिखाकर लोगों को प्रभावित किया जाता है। ————– यह खबर भी पढ़िए …जो राम को लाए हैं गाने पर लखनऊ में बवाल:नशे में धुत युवकों ने मां की ज्योति यात्रा में किया पथराव, 3 लोग घायल लखनऊ में मां की ज्योति यात्रा में बज रहे गाने को लेकर बवाल हो गया। नशे में धुत 2 युवकों ने माता के भक्तों पर पथराव कर दिया। इसमें 3 लोग घायल हो गए। सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक उपद्रवी फरार हो गए। पूरी खबर पढ़ें


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