वाराणसी में पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी ने जेठ पर मारपीट का आरोप लगाया है। दिवंगत ओलंपियन की पत्नी परवीन शाहिद (62) ने कचहरी चौकी पहुंचकर शिकायत की है। दरअसल, हाल ही में सड़क के चौड़ीकरण की वजह से मोहम्मद शाहिद के पुस्तैनी घर पर बुलडोजर कार्रवाई हुई थी। इस दौरान घर का कुछ हिस्सा ढहा दिया गया था। उनका आरोप है कि घर में रखा सामान लेने पहुंचने पर शाहिद के बड़े भाई ने उनके साथ मारपीट की। घर का कुछ हिस्सा गिराया, कुछ में भाई रह रहे उन्होंने पुलिस को बताया- मेरे पति द्वारा बनवाया गया पुश्तैनी मकान अब सड़क चौड़ीकरण की जद में है। ऐसे में हमने मुआवजा लेकर उसे छोड़ दिया। रविवार को घर के एक हिस्से पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। लेकिन, मेरे जेठ रियाजुद्दीन अभी भी उस मकान में रह रहे हैं। रविवार को घर गिराया जा रहा था, तो मैं अपने घर पति का समान निकालने के लिए गई थी। कुछ सामान अगले दिन लाने के लिए वह वहीं छोड़ आई थीं। बचे हुए समान लेने पुश्तैनी मकान दोबारा गई थीं परवीन
परवीन ने बताया- आज मंगलवार को जब दोबारा कुछ समान लेने के लिए मैं घर पहुंची तो जेठ रियाजुद्दीन ने मेरा विरोध किया। इस पर मैंने कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा को इसकी जानकारी दी। इंस्पेक्टर मौके पर आए और उनसे कहा कि इनको जो समान निकालना है, निकालने दिया जाए। रियाजुद्दीन ने गला पकड़कर घर से बाहर निकाला
परवीन शाहिद ने आरोप लगाया कि जैसे ही थाना प्रभारी शिवाकांत वहां से गए, रियाजुद्दीन भड़क गया। कहा- मकान गिरवाने में इनका ही हाथ है। मेरी गर्दन पकड़कर मुझे घर से बाहर निकाल दिया। इसकी सूचना मैंने बेटे को दी। वो मौके पर आया, जिसके बाद मैं थाने गई। वहां से अब कचहरी चौकी आकर शिकायत कर रही हूं। रविवार को पद्मश्री के घर का एक हिस्सा ढहाया था
पद्मश्री ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के घर के एक हिस्से को रविवार को बुलडोजर से ढहाया गया। इसके अलावा 12 मकान और दुकानें भी तोड़ी गईं। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने कहा- उनके मकान में 9 शेयर थे। 6 लोगों ने मुआवजा ले लिया है। जबकि 3 लोगों ने स्टे कराया है तो उनके हिस्से को अभी छोड़ दिया गया है। उनके यहां काम रोका नहीं गया है। दरअसल, सिंधोरा से लेकर गोलघर कचहरी तक फोर लेन बनना है। इसके लिए चौड़ीकरण किया जा रहा है। 2 महीने पहले भी 30 से 40 मकानों और दुकानों को ध्वस्त किया गया था। PWD के एक्सईएन ने बताया- कार्रवाई अभियान से पहले प्रशासन ने लोगों को नोटिस जारी किए थे। अब तक 71 लोगों को 3 करोड़ 52 लाख रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। पद्मश्री मो. शाहिद के बारे में जानिए शाहिद का जन्म 14 अप्रैल 1960 को वाराणसी में हुआ। वह नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। हॉकी के प्रति उनके जुनून ने 1979 में उन्हें जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में पहुंचा दिया। अच्छे प्रदर्शन ने जूनियर वर्ल्ड कप खेलने के महज एक साल के अंदर ही सीनियर टीम में पहुंच गए। हॉकी के ड्रिब्लिंग मास्टर मोहम्मद शाहिद मास्को ओलिंपिक (1980), लॉस एंजिल्स ओलिंपिक (1984) और सिओल ओलिंपिक (1988) में खेल चुके थे। मास्को ओलिंपिक में मोहम्मद शाहिद के गोल ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया था। जबकि अन्य दो ओलिंपिक में भारत को कोई पदक नहीं मिला था। ओलंपियन मोहम्मद शाहिद का निधन 20 जुलाई 2016 को दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में हुआ था। ———————— ये खबर भी पढ़ें…
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पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी से मारपीट:बोलीं- जेठ ने गला पकड़कर घर से बाहर निकाला; काशी में 2 दिन पहले हुआ था बुलडोजर एक्शन
