रामगढ़ जिले के गोला वन क्षेत्र के परसाडीह जंगल में गुरुवार की सुबह एक हाथी और उसका बच्चा अचानक एक कुएं में गिर गए। घटना की जानकारी जंगल से गांव तक फैलते ही आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए। वन विभाग को तुरंत सूचना दी गई। जिसके बाद अधिकारी और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने बताया कि मां और बच्चा दोनों जिंदा हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश जारी है। जेसीबी मशीन और अन्य की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है। 25 फीट गहरा है कुआं, झाड़ियों से घिरा होने से गिरे हाथी ग्रामीणों ने बताया कि यह कुआं गांव के दीनाराम मांझी की जमीन पर मनरेगा योजना के तहत खोदा गया है। इसकी गहराई लगभग 25 फीट है। कुएं के चारों ओर घनी झाड़ियों का घेरा होने के कारण हाथियों को इसका अंदाजा नहीं हुआ और वे सीधे कुएं में गिर पड़े। जानकारी के अनुसार कुएं में पानी कम होने की वजह से दोनों की जान बच गई। हालांकि, कुएं की गहराई के कारण हाथी और उसका बच्चा खुद बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों से दूरी बनाए रखें और रेस्क्यू कार्य में सहयोग करें, साथ ही भीड़ से बचें। 42 हाथियों का झूंड कर रहा मूवमेंट गोला वन क्षेत्र इन दिनों हाथियों की गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है। हेसापोड़ा जंगल में हाल ही में हाथियों के झुंड में तीन बच्चों का जन्म हुआ था। इस समय से लगभग 42 हाथियों का दल इलाके में मूवमेंट कर रहा है। जंगल और गांवों के आसपास हाथियों की आवाजाही लगातार बनी रहती है, जिससे ग्रामीणों में दहशत और उत्सुकता दोनों का माहौल है। वन विभाग ग्रामीणों को सतर्क रहने और हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहा है। कुएं के चारों ओर नहीं है कोई दीवार ग्रामीणों का कहना है कि यह कुआं खुले में है। इसके चारों ओर कोई सुरक्षा घेरा नहीं है। झाड़ियों में छिपे होने के कारण यह कुआं आसानी से नजर नहीं आता। स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से मांग की है कि जंगल किनारे खोदे गए सभी कुओं को सुरक्षित किया जाए। उनका कहना है कि यदि ऐसी सावधानी नहीं बरती गई, तो भविष्य में इसी तरह की घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।
रामगढ़ में कुएं में गिरा हाथी और उसका बच्चा:जेसीबी से रेस्क्यू की कोशिश, परसाडीह जंगल में घूम रहा 42 हाथियों का झुंड
