अजनाला में 1000 एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समाई:उच्च स्तरीय कमेटी ने बाढ़ की जांच की शुरू; धालीवाल ने 1 लाख दिए

अजनाला में 1000 एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समाई:उच्च स्तरीय कमेटी ने बाढ़ की जांच की शुरू; धालीवाल ने 1 लाख दिए
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पंजाब के अजनाला सेक्टर में आई बाढ़ में 1 हजार के करीब उपजाऊ जमीन इस समय नदी में समा चुकी है। ये जानकारी पंजाब के पूर्व मंत्री एवं विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने दी। मंत्री धालीवाल ने कहा कि अजनाला सेक्टर के सीमावर्ती गांव जैसे बल्ल लभे दरिया, कमीरपुरा और साहोवाल आदि की नष्ट हुई फसलों का जायजा लेने के लिए दौरा किया। बीएसएफ द्वारा उपलब्ध कराई मोटरबोट पर सवार होकर उन्होंने नदी पार जाकर बरबाद हुई फसलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, कुलदीप धालीवाल ने किसानों के 6 ट्रैक्टरों को, जो बाढ़ से 10-10 फुट रेत और गाद में दब गए थे, निकालने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया। मौके पर ही 3 ट्रैक्टर बाहर निकाले गए। मंत्री धालीवाल ने इस दौरान दरिया पार के गांवों के लोगों की मदद के लिए 1 लाख रुपए का योगदान भी दिया। किसानों ने जानकारी दी कि बाढ़ में एक बड़ी नाव और एक बेड़ी बह गई। जिसके बाद धालीवाल ने अपनी निजी पैसों से 1 लाख दान करते हुए कारीगरों को आदेश दिया कि 2 हफ्तों में नई नाव और बेड़ी किसानों को उपलब्ध करवाई जाए। पहाड़ों की आपदा, पंजाब को नुकसान किसानों से समस्याएं सुनने के बाद धालीवाल ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने से आई। जिससे भारी मात्रा में पत्थर, लाल मिट्टी और गाद थीन डैम तक पहुंची। पानी की धार इतनी तेज थी कि इंजीनियर भी गांवों और कस्बों तक सूचना नहीं पहुंचा पाए। इसी बीच, माधोपुर हेडवर्क्स के 3 फ्लड गेट टूटने की जांच के लिए पंजाब सरकार ने 5 विशेषज्ञ इंजीनियरों की समिति गठित की है। जो संरचनात्मक, यांत्रिक, जल विज्ञान और भू-तकनीकी कारणों की जांच करेगी। लापरवाही के आरोप में 3 अधिकारी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। केंद्र पर साधा निशाना धालीवाल ने केंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन बाढ़ से नदी में समा गई है। लेकिन, केंद्र सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज न दिलवाकर किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों के अनुसार, गांव बल्ल लभे दरिया की लगभग 250 एकड़ और अजनाला क्षेत्र की लगभग 1,000 एकड़ उपजाऊ जमीन रावी नदी में समा गई हैं। किसान अपनी “गायब हुई जमीन” खोजने में भटक रहे हैं। धालीवाल ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 20 लाख मुआवजा देना चाहिए।


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