पुलिस का आग्रह बेअसर… ट्रैक से नहीं हटे लोग, रांची… टाटीसिल्वे के पास रेलवे ट्रैक पर सोकर ठप किया परिचालन
कुड़मी समाज अपनी मांग कुड़मी जनजाति को पुनः सूचीबद्ध करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने एवं पेसा नियमावली में संशोधन की मांग को लेकर सुबह से ही महिला-पुरुष व बच्चे घर से निकल गए थे। सभी लोग टाटीसिल्वे स्टेशन जाने की तैयारी में थे, लेकिन वहां काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती को देखते हुए सभी लोग उषा मार्टिन कंपनी के समीप बने फ्लाईओवर के नीचे रेलवे ट्रैक पर जुट गए। सूचना पाते ही रेलवे एवं जिला पुलिस वहां पहुंच गई और उनलोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया। लेकिन कुरमी समाज के लोग वहां से हटने को तैयार नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए रेलवे ट्रैक पर ही लेट गए। धीरे-धीरे समाज के लोगों की संख्या बढ़ने लगी। देखते ही देखते वहां 500 से अधिक लोग जुट गए। पुलिस भी थक-हार कर शांत पड़ गई। बीच-बीच में पुलिस की ओर से एनाउंस कर लोगों को ट्रैक से हटने को कहा जा रहा था, लेकिन इसका किसी पर कोई असर नहीं पड़ा। इस दौरान समाज के लोगों द्वारा 75 साल मारे हो और कितना मारोगे, हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते एवं कुरमी एकता जिंदाबाद सहित अन्य नारे लगा रहे थे। इस दौरान एक भी ट्रेन वहां से नहीं गुजरी। हुजूम आता रहा, ट्रैक पर ही सभी भोजन करते रहे
जैसे जैसे समय बीतता गया कुड़मी समाज के लोगों का हुजूम आता रहा। ट्रैक पर सोकर अपनी मांगों से जुड़े नारे लगाते रहे। बगल में ही सभी लोगों के लिए खिचड़ी बनाई गई और सभी लोगों ने ट्रैक पर ही बैठकर भोजन किया। इसके बाद वहां ढोल-नगाड़े के साथ कुछ लोग पहुंच गए। ढोल-नगाड़े की थाप पर वे लोग नारेबाजी करते रहे। बारी-बारी से लोग वहां पहुंच रहे थे। पुुलिस के साथ बीच-बीच में होती रही नोंक-झोंक
सुबह लगभग 9 बजे कम संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे हुए थे। उस समय पुलिस जवानों की संख्या अधिक थी। पुलिस ने उनलोगों को समझाते हुए ट्रैक से हटाने का प्रयास किया। इस दौरान महिलाओं के साथ पुलिस बल की कई बार नोंक-झोंक भी हुई। देखते ही देखते वहां कुछ मिनटों में ही काफी भीड़ जुट गई। लेकिन वे लोग हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस बल के जवान घेरा बनाकर शांत खड़े हो गए।
75 साल से मारे हो और कितना मारोगे… नारे के साथ ट्रैक पर सो गए कुड़मी समाज के लोग
