झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य के विभिन्न जिलों में पहाड़ों को तोड़े जाने और जंगल बचाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने इस मामले में स्टेट एन्वायरनमेंट असेसमेंट इंपैक्ट अथॉरिटी (सिया) के सचिव को तलब किया है। सिया के सचिव को चार सितंबर को अदालत में सशरीर उपस्थित होकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रार्थी अनुराग राय की ओर से अधिवक्ता विपुल दिव्या ने अदालत को बताया कि पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है। उत्खनन के लिए कई पहाड़ों के अस्तित्व को मिटा दिया गया है। इस मामले में सिया और सरकार ने जो शपथ-पत्र दाखिल किया है, वह विरोधाभासी है। जबकि, सिया की ओर से कहा गया कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है। अदालत ने जानना चाहा कि राज्य में सिया सक्रिय है या नहीं। पहाड़ों को तोड़े जाने के मामले में सिया की ओर से क्या-क्या कार्रवाई की गई है, लेकिन इस पर सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
पहाड़ों को तोड़े जाने पर सिया के सचिव को हाईकोर्ट ने किया तलब
