गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के पतरोडीह गांव में दर्दनाक हादसा हुआ। मनरेगा योजना के तहत बने डोभा में डूबने से दो सगे भाई-बहन की मौत हो गई। मृत बच्चों की पहचान प्रिंस कुमार (6 वर्ष) और रितिका कुमारी (4 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों मासूम खेलते-खेलते डोभा के गहरे पानी में समा गए और उनकी जिंदगी पर दुखद विराम लग गया। परिवार पर टूटा दुख का पहाड़ घटना के बाद पूरे परिवार में मातम पसर गया है। मृत बच्चों के पिता दिनेश दास सूरत में मजदूरी करते हैं। हाल ही में वे अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए गांव लौटे थे। हादसे के दिन बच्चों की मां सोनी देवी भी बीमारी से जूझ रही थीं। ऐसे में प्रिंस और रितिका बुधवार शाम शौच के बहाने घर से निकले और घर के पास बने डोभा के किनारे खेलने लगे। खेल-खेल में दोनों का पैर फिसल गया और वे गहरे पानी में डूब गए। देर तक घर नहीं लौटे तो शुरू हुई खोजबीन काफी समय गुजर जाने के बाद जब बच्चे वापस नहीं आए तो परिजनों को चिंता हुई। खोजबीन शुरू हुई तो बच्चों के चाचा ने डोभा में उन्हें देखा। तत्काल ग्रामीणों की मदद से दोनों मासूमों को बाहर निकाला गया और बेंगाबाद अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस सूचना के बाद परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में पसरा मातम दो छोटे बच्चों की असमय मौत ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। हर किसी की आंखों में आंसू हैं और गांव का माहौल बेहद दुखद बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि डोभा या अन्य गड्ढों में अगर सुरक्षा घेराबंदी की जाती तो शायद यह हादसा टल सकता था। ग्रामीणों की मांग, हो सुरक्षा व्यवस्था गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मनरेगा या अन्य योजनाओं के तहत गांवों में बने डोभों और गहरे गड्ढों के चारों ओर सुरक्षा घेराबंदी हो। इससे मासूम बच्चों और ग्रामीणों की जान पर मंडराने वाला खतरा टल सकेगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी न हो।
गिरिडीह में डोभा में डूबने से दो मासूमों की मौत:खेल-खेल में दोनों का पैर फिसला, गहरे पानी में डूब गए, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
