बिजनौर में BSF जवान, पत्नी–बेटा गंगा में क्यों कूदे?:बेटे के जन्मजात पैर तिरछे, फौजी को लकवा जैसा सिंड्रोम; घर में भी झगड़ा

बिजनौर में BSF जवान, पत्नी–बेटा गंगा में क्यों कूदे?:बेटे के जन्मजात पैर तिरछे, फौजी को लकवा जैसा सिंड्रोम; घर में भी झगड़ा
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यूपी के बिजनौर जिले में गंगा नदी में कूदे BSF जवान, उनकी पत्नी और मासूम बेटे का अब तक पता नहीं चला है। जिस पॉइंट पर उन्होंने छलांग लगाई, वहां पानी 50 फीट से भी ज्यादा गहरा है। रोजाना डेढ़ से दो लाख क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ा जा रहा है। पहाड़ों पर बारिश की वजह से गंगा उफान पर है। आशंका है, तीनों बहकर बहुत आगे न पहुंच गए हों। सबसे बड़ा सवाल यही है कि कपल ने ये कदम क्यों उठाया? पता चला है कि BSF जवान राहुल GBS (गुइलेन बैरे सिंड्रोम) बीमारी से पीड़ित हो गया था। यह लकवा जैसी स्थिति होती है। एकमात्र मासूम बेटा जन्म से ही क्लब फुट (पैर तिरछे होना) जैसी बीमारी से जूझ रहा था। वहीं, ससुरालवालों की अपनी नाराजगी रहती थी। BSF जवान गंगा में कूदने से पहले अपना मोबाइल गंगा बैराज पर ही लोहे की ग्रिल पर रखकर गए। आशंका ये भी है कि मोबाइल फोन में ही कुछ राज छिपा हो, जिस वजह से वो उसे छोड़ गए हों। ये मोबाइल पुलिस के पास है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर आत्मघाती कदम उठाने के पीछे वजह तलाशने की कोशिश की। परिवारवालों से बात की। मौके पर जो लोग मौजूद थे, उन्होंने क्या देखा, ये भी जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पूरा घटनाक्रम 19 अगस्त को पत्नी, 23 को BSF जवान बेटे को लेकर खुद गंगा में कूदे
जिला बिजनौर में कस्बा नजीबाबाद है। यहां रहने वाले राहुल उर्फ सुमित ने साल- 2023 में दारागंज की मनीषा ठाकुर से लव मैरिज की थी। राहुल साल-2014 में BSF में भर्ती हुए थे। फिलहाल उनकी पोस्टिंग अहमदाबाद में 8वीं बटालियन में रेडियो ऑपरेटर के पद पर थी। मनीषा जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) कोर्स करने के बाद मुरादाबाद में डॉक्टर के यहां प्रैक्टिस कर रही थी। 19 अगस्त को पति से झगड़े के बाद मनीषा घर से निकल गई। वो करीब 45 किलोमीटर दूर मेरठ हाईवे स्थित गंगा बैराज पहुंची। यहां गेट नंबर-17 के सामने से वो गंगा में कूद गई। 23 अगस्त को पति राहुल अपने बेटे संग बैराज पर आया। पुलिसकर्मियों से पत्नी के बारे में पूछा। कोई सुराग नहीं मिलने पर राहुल ने बेटे को गोद में लेकर गंगा में छलांग लगा दी। पुलिस, PAC और SDRF के गोताखोर तभी से तीनों को तलाशने में जुटे हैं। बाढ़ की वजह से खोजबीन अभियान में दिक्कतें भी आ रही हैं। मैं घर जा रही हूं…कहकर निकली और गंगा बैराज पहुंची मनीषा
बिजनौर बैराज से रामराज (मुजफ्फरनगर) की तरफ गंगा किनारे जाने वाले रास्ते पर एक तटबंध पड़ता है। यहां हमें खोजबीन करते हुए राहुल के भाई गोपाल सिंह और कई अन्य लोग मिले। गोपाल बताते हैं- 19 अगस्त की सुबह भाभी मनीषा ने कहा कि मैं घर जा रही हूं। भाई राहुल ने भी बोल दिया कि ठीक है, चली जाओ। कुछ ही देर बाद भाभी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया। इससे मेरा भाई ज्यादा परेशान हो गया। गोपाल बताते हैं- भाई, भाभी को ढूंढने के लिए पुलिस चौकी गया। उनकी सहेली के घर भी गया। भाभी कहीं भी नहीं मिलीं। इसके बाद भाई ने अपने साले को कॉल करके पूछा तो पता चला कि वो मायके भी नहीं पहुंची हैं। शाम 4.26 बजे भाभी के पापा ने मुझे कॉल करके बताया कि उनकी चप्पलें गंगा बैराज पर पड़ी मिली हैं। तब हम कार लेकर गंगा बैराज पहुंचे और खोजबीन शुरू की। ससुरालवाले चाहते थे, पत्नी को राहुल ही सुसराल लाए और ले जाए
गोपाल ने बताया- राहुल 5 महीने से छुट्टी पर चल रहा था। वो 18 मार्च को छुट्टी लेकर घर आया था। उसको GBS (गुइलेन बैरे सिंड्रोम) बीमारी थी। इसमें शरीर का कुछ हिस्सा लकवा जैसा हो जाता है। राहुल के छुट्टी लेने की एक वजह ये भी थी कि हमें अपनी मां का ऑपरेशन करवाना था। 28 मार्च को उनका ऑपरेशन देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में हुआ था। गोपाल कहते हैं- पहले जरूर पति-पत्नी में थोड़ा विवाद रहता था, लेकिन अब सामान्य था। ससुरालवाले चाहते थे कि राहुल ही हर बार अपनी पत्नी को लेकर ससुराल आए और लेकर जाए। एक बार ससुरालवाले हमारे यहां इस विवाद के सिलसिले में आए भी थे। पंचायत भी हुई थी। तब हमने यही कहा कि आपकी बेटी अपने मायके जा तो रही है। अगर राहुल छोड़कर नहीं आता तो कोई और छोड़ आता है। हालांकि ये विवाद इतना भी बड़ा नहीं था कि पति-पत्नी सुसाइड कर लें। क्या ये विवाद अब तक भी था? इस पर गोपाल बताते हैं- नहीं अब तो ऐसा कुछ नहीं था। राहुल खुद अपनी पत्नी को आगे की पढ़ाई कराने में हेल्प करता था। मेडिकल लाइन में कई वैकेंसी निकली हुई थीं। हमारी भाभी इसकी तैयारी कर रही थीं। राहुल उन्हें मदद करता था। बीमारी की वजह से ही फौजी ने ली थी छुट्टी
नजीबाबाद के वेद विहार में BSF जवान राहुल उर्फ सुमित का घर है। घर में अब सिर्फ मां धर्मवती और बेटा गोपाल बचे हैं। घर पर आस-पड़ोस की महिलाएं मौजूद थीं। मां इस घटना के बाद से गहरे सदमे में हैं। जब हमने यहां बात की तो पता चला कि राहुल के डेढ़ साल के बेटे प्रणव को जन्म से ही क्लब फुट बीमारी थी। इस बीमारी में दोनों पैर तिरछे होते हैं। हालांकि लगातार इलाज चलने की वजह से बेटा अब अपने पैरों पर धीरे-धीरे चलने लगा था। इधर, कुछ महीनों पहले BSF जवान राहुल के शरीर के कुछ हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था। जब उन्होंने जांच कराई, तो GBS यानी गुइलेन बैरे सिंड्रोम होने की पुष्टि हुई। ये बीमारी लकवा जैसा होती है। इसमें शरीर के कुछ हिस्से काम नहीं करते। इसी वजह से राहुल अपनी बटालियन से लंबी छुट्टी लेकर आए थे। वह मार्च से घर पर रह रहे थे। हालांकि लगातार इलाज चलने की वजह से राहुल के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार होने लगा था। प्रत्यक्षदर्शी बोला- हमने एक आदमी डूबते देखा, बच्चा नहीं था
बिजनौर गंगा बैराज पर इस वक्त पुल की मरम्मत का काम चल रहा है। इस वजह से प्राइवेट कंपनी के 30-40 मजदूर यहां काम कर रहे हैं। ये घटना उन्हीं के सामने हुई। हमें एक मजदूर मंजूर अहमद ने बताया- जब फौजी गंगा की बीच धारा में पहुंचकर डूबने लगे, तब हमने उनको देखा। तुरंत पुलिसवाले मदद करने के लिए आए, लेकिन तब तक वो डूब चुके थे। जब मेरी नजर पड़ी, तब तक सिर्फ एक ही व्यक्ति डूब रहा था। उनके पास कोई बच्चा नहीं था। राहुल का मोबाइल पुलिस के पास
बिजनौर के SP सिटी संजीव वाजपेई बताते हैं- पुलिस को बीएसएफ जवान राहुल का मोबाइल गंगा बैराज पर लोहे की ग्रिल पर रखा मिला है। ये मोबाइल फिलहाल पुलिस के पास है। उसका लॉक लगा हुआ है। चूंकि मामले की इन्वेस्टिगेशन चल रही है। इसलिए फिलहाल मोबाइल से छेड़छाड़ उचित नहीं लगती। अभी हमारा फोकस सिर्फ गंगा में डूबे तीनों लोगों को ढूंढने पर है। पुलिस की एक टीम ने पीड़ित परिवारवालों से बात की है। उन्होंने भी ऐसा आत्मघाती कदम उठाने की ठोस वजह नहीं बताई। ————————- ये खबर भी पढ़ें… संभल हिंसा से चर्चित ASP अनुज बोले-यहीं कल्कि अवतार होगा, कहा- टिकट ब्लैक करने वाले बड़े नेता बन गए संभल हिंसा के बाद चर्चा में आए अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुज चौधरी का कहना है कि संभल में ही भगवान कल्कि का अवतार होगा। ये बात मैंने भी पौराणिक ग्रंथों में पढ़ी है। ग्रंथों में जो लिखा है, उसको हम कैसे मना कर सकते हैं। अनुज चौधरी से ‘दैनिक भास्कर’ ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। पॉलिटिक्स में आने के सवाल पर कहा- मुझे पॉलिटिक्स में आने की कोई जरूरत नहीं है। टिकट ब्लैक करने वाले लोग बड़े नेता बन गए, मैं तो फिर भी राष्ट्रभक्त रहा और देश के लिए खेला। पॉलिटिक्स भविष्य की बात है। अभी उसके बारे में क्या कह सकता हूं। पढ़ें पूरी खबर


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