झांसी में गर्लफ्रेंड को मारकर लाश 7 टुकड़ों में काट दी। पुलिस को गुमराह करने के लिए प्रधान ने धड़ के दो हिस्से और एक हाथ बोरियों में भरकर अपने घर से 5KM दूर कुएं में फेंक दिए। बाकी हिस्सों को लेकर 7KM दूर लखेरी नदी पहुंचे और वहां फेंक दिया। 9 अगस्त को हत्या करने के बाद सभी लोग घर वापस आ गए। लेकिन, गुनाह अपने निशान छोड़ ही जाता है। 13 अगस्त को कुएं के पानी में बोरियां ऊपर आ गईं। धड़ के 2 टुकड़े मिलने के बाद कातिलों तक पुलिस को पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। 20 अगस्त को पहली अरेस्टिंग हुई और फिर कत्ल की हिला देने वाली कहानी सामने आई। पुलिस कस्टडी में पूर्व प्रधान संजय पटेल ने कहा- 20 लाख रुपए दे चुका था। अब रचना घर और मेरी जिंदगी में हिस्सा चाहती थी। कैसे देता? इसलिए मैंने मर्डर के 3 प्लान बनाए। पहला प्लान- कार में हत्या करके फिर लाश को लहचूरा डैम में फेंकेंगे, क्योंकि वहां लोग नहीं होते। दूसरा प्लान- लाश को लखेरी नदी में फेंक देंगे, ताकि बहकर दूर चली जाए। लेकिन, दोनों ही प्लान मर्डर के बाद फेल हो गए। तब तीसरा प्लान बनाया- आधी रात को सभी लोग कार से संजय के घर से 5KM दूर खेत के कुएं पर पहुंचे। यहां बसाहट नहीं थी, इसलिए दिन में भी कोई ज्यादा आता-जाता नहीं था। रात में कुल्हाड़ी से रचना की बॉडी के 7 टुकड़े किए गए। वहीं गुरुवार देर रात लाश के सात टुकड़े करने वाले प्रदीप उर्फ दीपक अहिरवार का पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया है। उसके पैर में गोली लगी है। संजय जानता था कि वो लाश को काट नहीं सकता। इसलिए अपने भतीजे संदीप के दोस्त प्रदीप उर्फ दीपक अहिरवार को भी प्लानिंग में शामिल किया। प्रदीप जेल से छूटकर आया था। वह सिर्फ 15 हजार रुपए के लिए तैयार हो गया। कुएं पर उसने बॉडी को 7 टुकड़ों में काट डाला। इसके बाद बॉडी को ठिकाने लगाया गया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पढ़िए पूर्व प्रधान संजय ने पुलिस को जो कहानी सुनाई… वो हॉस्पिटल में बोली, सीधे कोर्ट चलो, वहीं शादी करेंगे पुलिस अफसरों ने संजय से पूछा- रचना के साथ तुम रहने लगे थे, फिर क्यों मार डाला? संजय ने बताया- मैं रचना को चाहता था, लेकिन शादी नहीं करना चाहता था। वो जिद पर अड़ गई थी। फिर 6 अगस्त को उसकी तबीयत खराब हो गई थी। उसे ब्लीडिंग हो रही थी। मैंने झांसी के प्राइवेट हॉस्पिटल में उसको एडमिट कराया था। 8 अगस्त को वो डिस्चार्ज हो गई। मैं लेने पहुंचा तो उसने कहा- यहीं से कोर्ट चलो। शादी करने के बाद ही घर जाएंगे। मैंने उसको बहुत समझाया, लेकिन वो मान नहीं रही थी। फिर वो डिस्चार्ज ही नहीं हुई। इसीलिए मजबूरी में उसको एक और दिन हॉस्पिटल में ही रखा। यही वो टर्निंग पॉइंट था, जब मैंने सोच लिया कि अब रचना को साथ नहीं रखना। उसको रास्ते से हटाना ही होगा। मैंने अपने भतीजे संदीप और उसके दोस्त प्रदीप से बात की। उन्हें अपनी समस्या बताई। भतीजे संदीप ने ही कहा- पहले प्रदीप से धमकवाते हैं कि तुम्हारा पीछा छोड़ दे। अगर रचना नहीं मानी, तो फिर रास्ते से ही हटा देंगे। पुलिस को ऐसे गुमराह कर देंगे कि कभी हम लोगों तक पहुंच ही न सके। इसलिए लाश को कई जगह ठिकाने लगाएंगे। तीनों ने मिलकर तय किया कि मारने के बाद लाश कहां-कहां फेंक सकते हैं। संदीप कार लेकर आया, रास्ते में प्रदीप भी मिला संजय ने आगे कहा- सब कुछ तय होने के बाद 9 अगस्त को संदीप कार लेकर आ गया। मैंने रचना को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कराया। लेकिन, रचना किसी भी कंडिशन में मेरे साथ चलने को तैयार नहीं थी। तब मैंने उससे कहा था कि ठीक है, अभी साथ चलो। हम 10 अगस्त को शादी कर लेंगे। लेकिन, वो फिर भी साथ जाने को तैयार नहीं थी। तब मैंने उससे कहा कि 10 अगस्त को हम शादी कर लेंगे। तुम परेशान क्यों होती हो, फिर साथ ही रहेंगे। तब वो राजी हो गई और कार में पीछे वाली सीट पर बैठ गई। मैं भी उसी के बगल में बैठ गया। इसके बाद मैंने उससे कहा कि थोड़ा घूमने चलते हैं। इतने दिन हॉस्पिटल में रहकर तुम्हारा मन खराब हो गया होगा। हम लोग करीब 70KM दूर मऊरानीपुर हाईवे पर पहुंचे। यहां प्रदीप पहले से ही हमारा इंतजार कर रहा था। वो भी कार में ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठ गया। फिर हम घूमते रहे। एक कस्बे में हमने शराब खरीदी और तीनों ने मिलकर कार के अंदर ही शराब पी। रचना कहती रही कि बहुत रात हो रही है, घर चलो। लेकिन, हम लोग अंधेरा होने का इंतजार कर रहे थे। जब अंधेरा हुआ, तो लहचूरा बांध पर कार लेकर पहुंचे। यहां सन्नाटा था। प्रदीप ने धमकाया- संजय भाई तुमसे शादी नहीं करेंगे इसके बाद प्रदीप ने रचना को धमकाना शुरू किया। कहा- संजय भाई तुमसे शादी नहीं करेंगे, चाहे कुछ भी कर लो। इस पर वो भड़क गई और बोली- तुम कौन होते हो, ये कहने वाले? तब उसने मुझसे पूछा। मैंने भी कह दिया कि ये ठीक बोलता है। मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता। रचना ने गुस्से में कहा कि मैं क्या सिर्फ मजे लेने के लिए हूं। तुम सबको देख लूंगी। एक बार शहर वापस चलो, सबके दिमाग ठिकाने लग जाएंगे। इसके बाद हम लोग समझ गए थे कि अब शहर वापस जाने के बाद रचना पुलिस के पास जाएगी। इसलिए प्रदीप और संदीप ने उसके हाथ-पैर पकड़ लिए। फिर मैंने उसके गले को दबाना शुरू किया। कुछ देर में उसके शरीर में हरकत बंद हो गई। वो मर चुकी थी। डैम पर पुलिस मिली, नदी के करीब सिक्योरिटी गार्ड ने देखा संजय ने आगे बताया- हत्या के बाद हम लोग रचना के शव में पत्थर बांधकर लहचूरा डैम में फेंकने पहुंचे। लेकिन, वहां पुलिस की PVR गाड़ी खड़ी थी। इसलिए हमारा प्लान फेल हो गया। कार में लाश थी, इसलिए हम वहां से भाग निकले। सोचा, रास्ते में खजूरी नदी पड़ती है, वहां पर शव को फेंक देंगे। लेकिन वहां एक गार्ड पहुंच गया। हम वहां से भी निकल आए। अब हम लोग लाश लेकर किशोरपुरा गांव आ गए। यहां खेत के बीच में एक कुआं है। तय किया कि लाश इसमें फेंक देते हैं। लेकिन, यह कुआं महेवा गांव से सिर्फ 5KM ही दूर था। जहां मैं खुद रहता था। कुएं में लाश ऐसे ही फेंक देते, तो पकड़ा जाना तय था। इसलिए प्रदीप ने कुल्हाड़ी से शव को काटकर 7 टुकड़े कर दिए। फिर इनको 4 बोरियों में भरा। 3 बोरियों में 3 टुकड़े भरे और साथ में पत्थर डाले, ताकि बोरियां ऊपर न आएं। इसके बाद तीनों बोरियां कुएं में फेंक दी। इसके बाद हम लोग यहां से 7 किमी दूर रेवन गांव के लखेरी नदी के पुल पर पहुंचे। सिर-पैर समेत अन्य पार्ट वाली बोरी को पुल से नदी में फेंक दिया। इसके बाद प्रदीप को मऊरानीपुर में छोड़ा। फिर हम लोग झांसी लौटे और संदीप को भी उसके घर पर छोड़ दिया। फिर मैं अपने घर लौट आया। पूर्व प्रधान ने पुलिस को चमका दिया, बोला- रचना को लेकर आता हूं संजय पटेल बहुत ही शातिर दिमाग का है। अभी गांव का प्रधान दलित युवक है। लेकिन, संजय ने ही उसे चुनाव में खड़ा किया था। हकीकत में संजय ही प्रधानी चला रहा था। जब पुलिस को गांव के लोगों से पता चला कि संजय और रचना की बीच अफेयर है। अब रचना लापता हो गई है। तब पुलिस संजय के घर पहुंच गई। पुलिस ने कहा कि एक लावारिस महिला का शव मिला है। रचना का हो सकता है। इस पर संजय ने कहा कि रचना तो एकदम ठीक है। हां…उसकी तबीयत जरूर खराब हुई थी। अब वो एकदम ठीक है। आप लोग थाने चलो, मैं 2 घंटे में रचना को लेकर वहीं आता हूं। इसके बाद वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस ने 20 अगस्त (बुधवार) को उसे और उसके भतीजे संदीप को टोड़ी फतेहपुर के लखेरी बांध के पास से गिरफ्तार किया। दोनों की निशानदेही पर नदी से रचना के सिर और बॉडी के बचे हुए पार्ट भी बरामद कर लिए गए। इसके अलावा रचना का मोबाइल भी संजय के घर की तलाशी में मिला है। अब जानिए कि लाश कैसे मिली? फसल की रखवाली करने गया था किसान, वहां दिखी लाश 13 अगस्त को टोड़ी फतेहपुर थाना क्षेत्र के किशोरपुरा गांव में रहने वाला विनोद पटेल अपने खेत पर गया था। उसके खेत में बने कुएं से तेज बदबू आ रही थी। विनोद ने कुएं में झांककर देखा, तो पानी में दो बोरियां तैर रही थीं। उसने तुरंत पुलिस और गांववालों को इस बारे में बताया। पुलिस ने लोगों की मदद से दोनों बोरियों को कुएं से बाहर निकलवाया। एक बोरी में महिला का गर्दन से लेकर कमर तक का हिस्सा था। जबकि, दूसरी बोरी में कमर से लेकर जांघ तक का हिस्सा भरा था। महिला के हाथ-पैर और सिर गायब थे। इसके बाद कुएं को खाली करवाया गया। तब एक हाथ भी मिल गया। लेकिन, बिना सिर के महिला के शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। इसके बाद सोमवार (18 अगस्त) को पोस्टमॉर्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। फिर इस हत्याकांड की जांच करने के लिए पुलिस की 18 टीमें लगाई गई थीं। पुलिस ने कड़ी मेहनत की, तब कामयाबी मिली लाश की पहचान के लिए 50 पुलिसकर्मी झांसी के साथ मध्य प्रदेश के निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर में छानबीन कर रहे थे। गांव-गांव जाकर लापता महिलाओं की डिटेल ली जा रही थी। साथ ही पंपलेट चस्पा कर रही थी। सोशल मीडिया पर डिटेल डाली गई। आशा वर्कर, कोटेदार, बीट प्रभारी समेत कई ग्रुपों में डिटेल डाली गई। 1000 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले गए। इस बीच रचना के रिश्तेदार ने डिटेल पढ़ी और उसे शक हो गया। उसने 19 अगस्त को रचना के भाई को फोन लगाया। भाई ने कहा- 8 अगस्त को बहन से बात हुई थी। तब पूर्व प्रधान ने मोबाइल छीन लिया था। उसने मुझे धमकाया था कि फोन मत लगाया करो। रिश्तेदार के कहने पर भाई ने पूर्व प्रधान को फोन लगाया। बोला कि बहन से बात करवाओ। तब पूर्व प्रधान धमकाते हुए बोला- उसे तो मार दिया। इसके बाद भाई अपने गांव के सरपंच को लेकर टोड़ीफतेहपुर थाने पहुंच गया। पहले 2 शादी कर चुकी थी रचना रचना यादव टीकमगढ़ के चंदेरा थाना क्षेत्र के मैलवारा गांव की रहने वाली थी। उसकी पहली शादी टीकमगढ़ में हुई थी। दोनों के 2 बच्चे भी हो गए। शादी के 5 साल बाद पति से मनमुटाव होने के बाद वह अपने मायके में रहने लगी थी। कुछ समय बाद रचना की दूसरी शादी टोड़ी फतेहपुर के महेवा गांव में रहने वाले शिवराज यादव से हो गई। लेकिन, साल-2023 में रचना ने शिवराज, उसके बड़े भाई पर रेप और हत्या की कोशिश की FIR करा दी। इस मामले का गरौठा कोर्ट में केस चल रहा था। केस की पैरवी में पूर्व प्रधान संजय पटेल ने मदद की। इसके बाद संजय की रचना से दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई। रचना संजय से मोटी रकम भी लेने लगी। 2 साल से दोनों के बीच अफेयर चल रहा था। 2 महीने पहले शिवराज की मौत हो गई। तब से रचना अपने बॉयफ्रेंड संजय पर शादी करने का दबाव बना रही थी। गुरसराय में किराये के घर में रखता था संजय अपनी गर्लफ्रेंड रचना को पहले झांसी में किराए के मकान में रखे था। इसके बाद उसे गुरसराय में किराए के घर में रख दिया था। रचना से रिश्ते के बारे में संजय की पत्नी को भी पता चल गया था। तब से घर में झगड़ा होने लगा था। संजय का एक 21 साल का बेटा भी है। वहीं, आरोपी प्रदीप भी मऊरानीपुर में किराए पर रहता है। इसके अलावा भतीजा संदीप झांसी के बिजौली में किराए पर रहता है। वो एक फैक्ट्री में काम करता था। 2022 में उसने एक युवती का मर्डर कर दिया था। जेल में ही उसकी प्रदीप से दोस्ती हो गई थी। बोरी और ईंट की भी जांच करवाई SSP बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया- शव को खाद की बोरी में भरा गया था, साथ में ईंट मिली थीं। बोरी पर लिखे नंबर के जरिए पुलिस दुकान तक पहुंची। किसने बोरी खरीदी, उसकी डिटेल ली गई। लेकिन, ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा। तब ईंट के सैंपल भेजे गए। पता चला कि ये मिट्टी टोड़ी फतेहपुर गांव के आसपास की है। मिट्टी भी मैच हो गई। खाद की बोरी से अंदेशा हो गया कि इसे किसान यूज करते हैं। यानी लाश ग्रामीण एरिया की है। इसलिए 50 पुलिसकमियों की 18 टीमों को लगाकर सर्च कराया गया। तब लाश की पहचान हो पाई और आरोपी पकड़े गए। ————————— यह खबर भी पढ़े : करोड़पति प्रॉपर्टी कारोबारी की दिनदहाड़े हत्या, VIDEO, वाराणसी में शूटरों ने चलती बाइक से कनपटी वाराणसी में करोड़पति प्रॉपर्टी कारोबारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह 9 बजे वह बाइक से साइट ऑफिस जा रहे थे। रास्ते में 3 नकाबपोश शूटर्स उनके पीछे लग गए। ऑफिस से थोड़ी दूर पहले शूटर्स ने कारोबारी को ओवरटेक किया। जब तक वह कुछ समझ पाते, 2 शूटर्स से पिस्टल निकाली और 3 फायर किए। पढ़िए पूरी खबर..
15 हजार देकर गर्लफ्रेंड की लाश के 7 टुकड़े कराए:झांसी में पूर्व प्रधान बोला- शादी की जिद पर अड़ी थी, इसलिए मार डाला
