सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार:1.50 करोड़ की अवैध कमाई और दर्जनों एडमिट कार्ड बरामद, 2023 में दर्ज हुआ था मामला

सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार:1.50 करोड़ की अवैध कमाई और दर्जनों एडमिट कार्ड बरामद, 2023 में दर्ज हुआ था मामला
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बिहार पुलिस में सिपाही की 21,391 रिक्तियों को भरने के लिए केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 9 जून, 2023 को विज्ञापन संख्या 01/2023 जारी किया था। इस बहाली को लेकर राज्यभर के युवाओं में उत्साह था, लेकिन परीक्षा के प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। इसी मामले में मुख्य साजिशकर्ता अरवल निवासी राजकिशोर कुमार को गिरफ्तार किया गया है। पूरे मामले को लेकर कई जिलों में जांच शुरू की गई और आर्थिक अपराध इकाई, पटना ने भी इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी। 31 अक्टूबर 2023 को दर्ज हुआ था मामला इस मामले में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 16/2023 31 अक्टूबर 2023 को दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि राजकिशोर कुमार (35) गिरफ्तारी के डर से फरार था और उस पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। लंबी निगरानी और लगातार छापेमारी के बाद आर्थिक अपराध इकाई, बिहार के विशेष दल ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। मोबाइल फोन के साथ-साथ CTET सहित कई प्रवेश पत्र मिले हैं पकड़े जाने के दौरान उसके पास से मोबाइल फोन के साथ-साथ CTET, बिजली विभाग और सिपाही भर्ती परीक्षा सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रवेश पत्र बरामद किए गए। इसके अलावा जिन अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें परीक्षा में पास कराने का प्रयास किया जा रहा था, उन सभी की एक विस्तृत सूची भी मिली, जिसमें नाम, जिला, रोल नंबर, जन्म तिथि, परीक्षा तिथि, वर्ग और बुकलेट नंबर तक दर्ज थे। दर्जनों अभ्यर्थियों से अवैध रूप से पैसे वसूले हैं प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि राजकिशोर कुमार ने दर्जनों अभ्यर्थियों से अवैध रूप से पैसे वसूले हैं। उसके बैंक खाते में लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपए जमा पाए गए हैं। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि वह पहले भी इस प्रकार की धोखाधड़ी में संलिप्त रहा है। बिहार पुलिस की इसी बहाली परीक्षा के दौरान अरवल पुलिस ने उसे वॉकी-टॉकी और ब्लूटूथ डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया था, जिस मामले में अरवल थाना कांड संख्या 504/23 के तहत IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 120 (बी), 414 और आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) तथा बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के तहत मामला दर्ज किया गया था। फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य शामिल लोगों की पहचान के लिए छापेमारी जारी है।


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