गोपालगंज के किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट नीलेश भारद्वाज ने एक अनोखा फैसला सुनाया है। उन्होंने 16 वर्ष पुराने मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के मामले में दोषी पाए गए एक किशोर को स्कूल में 50 पेड़ लगाने और एक महीने तक उनकी देखभाल करने की सजा दी है। मामला 2009 का है जब फुलवरिया थाने के एक गांव में पति-पत्नी सहित तीन लोगों के साथ मारपीट की गई थी। आरोपियों ने पीड़ितों को जाति सूचक शब्द कहकर प्रताड़ित भी किया था। इस घटना में अन्य लोगों के साथ एक किशोर पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सुनवाई के दौरान विधिविरुद्ध बालक ने अपना दोष स्वीकार करते हुए माफी मांगी और सुधरने का मौका देने की गुहार लगाई। उसने कहा कि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़कर देश और समाज की सेवा करना चाहता है। निःशुल्क 50 पेड़ देने का भी दिया आदेश किशोर की बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधान मजिस्ट्रेट ने सामुदायिक सेवा के तहत उसे कुचायकोट प्रखंड के एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 50 पेड़ लगाने और एक महीने तक उनकी देखभाल करने का आदेश दिया। यह कार्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पर्यवेक्षण में किया जाएगा। बोर्ड ने वन प्रमंडल पदाधिकारी गोपालगंज को किशोर को निःशुल्क 50 पेड़ उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। एक महीने के बाद प्रधानाध्यापक इस संबंध में अपना प्रतिवेदन किशोर न्याय बोर्ड को सौंपेंगे।
16 साल पुराने SC/ST एक्ट के मामले में सुनवाई:गोपालगंज किशोर न्याय बोर्ड का स्कूल में 50 पेड़ लगाने और एक महीने देखभाल करने का आदेश
