नालंदा जिले के सरमेरा आदर्श मध्य विद्यालय में बारिश के बाद जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। स्कूल परिसर में पानी भर जाने से कीचड़ हो जाता है। इससे 675 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को आवागमन में परेशानी होती है। विद्यालय के हेड मास्टर अनिल पासवान ने बताया कि स्कूल में वर्तमान में आठ शिक्षक कार्यरत हैं। छह शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल तक पहुंचने के लिए मुख्य सरमेरा ग्रामीण बाजार पथ से पक्का रास्ता नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, 1932 में ब्रिटिश काल में स्थापित इस विद्यालय में जल निकासी की व्यवस्था और स्कूल तक पहुंचने के लिए पीसीसी ढलाई की मांग कई बार जनप्रतिनिधियों से की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर अनेक बार अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकला है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी विकट हो जाती है, जिससे छोटे बच्चों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बारिश के बाद सरमेरा आदर्श मध्य विद्यालय में जलभराव:सैकड़ों विद्यार्थी और शिक्षक कीचड़ से गुजरने को मजबूर, 1932 से चली आ रही समस्या
