भारत की समस्याओं को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हल करने की जरूरत : मिथिलेशनंदिनीशरण

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भारत की समस्याओं को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हल करने की जरूरत : मिथिलेशनंदिनीशरण

– सेवाज्ञ संस्थानम् शिविर में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

महाकुम्भ नगर, 11 फ़रवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में सेवाज्ञ संस्थानम् शिविर में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में समाज एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका, संगठन की एकात्मकता और आध्यात्मिकता के महत्व पर गहन चर्चा की गई।

इस अवसर पर आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण महाराज ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में संगठन की एकात्मकता और समर्पण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संगठन की सफलता का आधार यह है कि विभिन्न विचारों और योजनाओं वाले लोग एक लक्ष्य के लिए एकत्रित होकर समूह हित में कार्य करें।

उन्होंने युवाओं को दैनिक जीवन में अनावश्यक गतिविधियों को हटाने, डिजिटल वेलबीइंग को अपनाने और आध्यात्मिक चिंतन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की समस्याओं को केवल तर्कशीलता से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी हल करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता माधव कुमार ने अपने संबोधन में सेवाज्ञ संस्थानम् द्वारा वर्ष भर में किए गए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का परिचय दिया। इसके पश्चात आचार्य रामकृष्ण चौधरी जी ने ‘योग युवा’ विषय पर विचार रखते हुए कहा कि युवा वही है, जो अपने दायित्व को समझता है और उसे निभाने की क्षमता रखता है। उन्होंने युवाओं को सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। इसके अतिरिक्त युवाओं को राष्ट्रहित में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।


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