महंत वेदानन्द गिरी एवं स्वामी रामानन्द गिरी बने महामंडलेश्वर

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महंत वेदानन्द गिरी एवं स्वामी रामानन्द गिरी बने महामंडलेश्वर

महाकुम्भ नगर, 31 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में निरंजनी अखाड़े की छावनी में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज की अध्यक्षता, पंच परमेश्वरों एवं संत महापुरुषों के सानिध्य में महंत वेदानंद गिरी वृंदावन एवं स्वामी रामानंद गिरी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामण्डलेश्वर बनाया गया।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि आज जो सम्मान महंत वेदानंद गिरी वृंदावन और स्वामी रामानंद गिरी परम विष्णु धाम साधु मढ़ी सम्भल को जो सम्मान मिला है, वह किसी व्यक्ति के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक उत्कृष्टता की पहचान होता है। नव नियुक्त महामंडलेश्वरों के द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस तरह के सम्मान से न केवल उनके योगदान को सराहा जाता है, बल्कि संत परंपरा और धर्म की महानता को भी बढ़ावा मिलता है।

आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरि महाराज ने कहा कि संत कभी अहंकार नहीं करते। उनका जीवन विनम्रता, त्याग और आत्मज्ञान से परिपूर्ण होता है। संतों का अहंकार से कोई संबंध नहीं होता, क्योंकि वे स्वयं को बस एक साधारण साधक मानते हैं और अपने ज्ञान या शक्ति का कभी अहंकार नहीं करते। उनका उद्देश्य केवल भगवान की सेवा और दूसरों की भलाई होता है,न कि खुद को श्रेष्ठ दिखाना। इसीलिए नव नियुक्त महामंडलेश्वर अपने तपबल से विश्व के श्रद्धांलु भक्तों का कल्याण कर रहे हैं।

नवनियुक्त महामंडलेश्वर महंत वेदानंद गिरी (वृंदावन), स्वामी रामानंद गिरी (परम विष्णु धाम साधु मढ़ी), सम्भल, उत्तर प्रदेश ने कहा कि जो पद हमें दिया गया है हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरे निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे और संत महापुरुषों का सदा सम्मान करते रहेंगे।

इस अवसर पर स्वामी युगपुरुष स्वामी परमानंद,अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद, महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति, महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी महेश नन्द, महंत दिनेश गिरी, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्रीमहंत राधे गिरी, मा.म.स्वामी मीरा गिरी, मा.म.स्वामी प्रेमानन्द पुरी अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन,प्रो.दिनेश कुमार गर्ग, प्रो.राम सलाही द्विवेदी, प्रो.शिवशंकर मिश्र, मा.म.स्वामी अनंतानंता नन्द, मा.म.स्वामी आदि योगी पुरी,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी,आदि के साथ अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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