महाकुम्भ में हादसे के लिए संतों ने मेला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने विभागों की बजट तैयारियों की समीक्षा…

महाकुम्भ में हादसे के लिए संतों ने मेला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया

महाकुम्भनगर,31 जनवरी (हि.स.)। मौनी अमावस्या के दिन महाकुम्भ मेला क्षेत्र में कई स्थानों पर हुई भगदड़ के बाद जहां खुफिया विभाग के कान खड़े हो गए हैं, वहीं संत समाज भी घटना के पीछे षड़यंत्र मान रहा है। साधु संतों का कहना है कि भीड़ अधिक होने की वजह से एक जगह पर किसी कारणवश दुर्घटना हो सकती है लेकिन कई स्थानों पर घटित घटना बड़े षड़यंत्र की ओर इशारा करती है।

अखिल भारतीय वैष्णव चतु: सम्प्रदाय के महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने महाकुम्भ में हुए हादसे के लिए मेला प्रशासन को ​जिम्मेदार ठहराया है। महंत फूलडोल बिहारी दास ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि मेलाधिकारी हिन्दू नहीं हैं। इसलिए उसे हिन्दू परम्पराओं की जानकारी नहीं है। हिन्दुत्व व साधु संतों के प्रति उसके मन में सम्मान का भाव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी को बदनाम करने के लिए साजिश रची गयी है।

निरंजनी अखाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी प्रेमानन्द गिरि ने कहा कि पिछले स्नान के बाद हमने प्रशासन को सचेत किया था जब अंदाजा था कि 40-50 करोड़ लोग आने वाले हैं। तो पूरे मेला क्षेत्र को सेना के हवाले क्यों नही किया गया। यह प्रश्न विचारणीय है। यह पुलिस प्रशासन के बस का काम नहीं है।

आज किसी के बाप का बेटा चला गया है। किसी का बाप, किसी का पुत्र चला गया बहुत दुखद समाचार है। निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल, प्रशासन सिर्फ वीआईपी की जी हुजूरी में लगा रहा। इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नही है।

नाथ पंथ के महंत योगी बालकनाथ ने कहा कि महाकुम्भ की घटना षड़यंत्रों की ओर भी हमारा ध्यान आकर्षित करती है। यह हमारी संस्कृति की एकता को खंडित करने का षड़यंत्र भी हो सकता है।

बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि घटना दुःखद है परन्तु शव व शिव पर राजनीति नहीं की जाती। प्रशासन ने जितनी जल्दी घायलों को अस्पताल पहुंचाया वह प्रशंसनीय हैं। परन्तु इस घटना की सुक्ष्म रूप से जांच की जाये तो अराजक तत्वों की जानकारी मिलेगी।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने परमधर्म संसद में धर्मादेश जारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने का प्रस्ताव पास किया है। शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यमंंत्री ने इतनी बड़ी घटना को अफ़वाह कहकर मखौल भी उड़ाया। अपमानित भी किया और सन्तों व श्रद्धालुओं के साथ छल भी किया। उन्होंने शासन-प्रशासन घटना की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत पुरूष हैं। समुद्र मंथन के बाद निकले हलाहल विषय को जैसे ​भगवान शिव ने उस विष का पान कर ​लिया था ठीक उसी तरह संत महापुरूषों ने इस घटना को अपने ऊपर ले लिया। यतीन्द्रानन्द गिरि ने कहा है कि मेला प्रशासन केवल वीवीआईपी की व्यवस्था में लगा रहा। महाकुंभ से वीवीआई कल्चर समाप्त होना चाहिए। यहां किसी को किसी तरह का प्रोटोकाल नहीं मिलना चाहिए। कुंभ मेला प्रशासन पहली बार बहुत ही नकारात्मक प्रभाव का है।

हनुमान गढ़ी अयोध्या के हरि​द्वारी पट्टी के महंत राजेश दास ने कहा कि मेला प्रशासन अगर पुल बंद नहीं किया होता तो यह घटना नहीं होती। महाकुंभ हादसे के लिए मेला प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।

हनुमानगढ़ी के संत शिवकुमार दास ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि मेला प्रशासन ने दो दिन से सारे पुल बंद कर रखा है। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। संगम पर आने जाने के लिए पुलिस ने अलग—अलग मार्ग बनाये होते तो यह हादसा नहीं होता।

—————

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *