7 दिन के नवजात को 50 हजार रुपए में बेचा:पलामू में इलाज के लिए मां ने किया सौदा, सीएम ने डीसी को दिए जांच के आदेश

7 दिन के नवजात को 50 हजार रुपए में बेचा:पलामू में इलाज के लिए मां ने किया सौदा, सीएम ने डीसी को दिए जांच के आदेश
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गरीबी और मजबूरी इंसान से क्या कुछ करवा सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण झारखंड के पलामू जिले में देखने को मिला। यहां लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के लोटवा गांव की रहने वाली पिंकी देवी ने महज सात दिन के नवजात बेटे को 50 हजार रुपए में बेच दिया। इस घटना की जानकारी उसके पति को भी नहीं थी। बच्चे की बिक्री की खबर मिलते ही चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और प्रशासन हरकत में आ गया है। गरीबी ने छीनी मां की ममता पिंकी देवी ने बताया कि उनके स्तन में गांठ हो गई है और इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। परिवार के पास खाने तक के पैसे नहीं थे। मजबूरी में उन्होंने दलाल के जरिए नवजात को निःसंतान दंपती को सौंप दिया। पति रामचंद्र राम मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। घटना की जानकारी उन्हें तब हुई जब काम से लौटने पर बच्चों ने बताया कि मां ने छोटे भाई को बेच दिया है। शेड में गुजर रहा परिवार का जीवन पिंकी देवी की शादी करीब 20 साल पहले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के गोरवा गांव निवासी रामचंद्र राम से हुई थी। पारिवारिक कलह के कारण वह मायके में ही रहती हैं। परिवार पहले झोपड़ी में रह रहा था, लेकिन बारिश में झोपड़ी ढह गई। अब पूरा परिवार गांव के देवी मंडप के शेड में शरण लिए हुए है। दंपति के कुल पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी 10 साल की है और सबसे छोटा बच्चा एक माह का, जिसे बेच दिया गया। सरकारी योजनाओं का नहीं मिला है लाभ परिवार के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड या जॉब कार्ड जैसे कोई दस्तावेज नहीं हैं। इस कारण वे किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। पिंकी देवी कहती हैं कि इलाज और दो वक्त की रोटी के लिए उनके पास कोई सहारा नहीं है। मामले की जानकारी मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम लोटवा गांव पहुंची। बीडीओ सुकेशनी केरकेट्टा ने बताया कि पंचायत सचिव को भेजा गया है। परिवार को तत्काल 20 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है। साथ ही आधार कार्ड बनवाकर आवास योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीएम ने दिए मदद के निर्देश घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने पलामू के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि पीड़ित परिवार की तत्काल मदद की जाए और नवजात को माता-पिता को लौटाया जाए। सीडब्ल्यूसी ने इस मामले में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।


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