नामकुम स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में प्रशिक्षण रांची | भारत सरकार ने वर्ष 2027 तक देश से कुष्ठ रोग को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए झारखंड को ‘निकुष्ठ 2 पोर्टल’ के पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। यह जानकारी राज्य कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने दी। गुरुवार को नामकुम स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कुष्ठ उन्मूलन के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनभागीदारी भी आवश्यक है। डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘निकुष्ठ 2’ इस दिशा में एक प्रभावशाली पहल है, जो मरीजों के इलाज और दवा वितरण की निगरानी को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगा। निकुष्ठ 2 पोर्टल के माध्यम से देशभर में कुष्ठ रोगियों की पहचान, इलाज की स्थिति, और मल्टी-ड्रग थैरेपी (एमडीटी) की उपलब्धता से संबंधित आंकड़ों का प्रभावी प्रबंधन होगा। इससे रोग की शुरुआती पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित हो सकेगा। प्रशिक्षण सत्र में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार डॉ. करुणा निधि कौर और डॉ. श्वेता राणा ने प्रतिभागियों को पोर्टल की तकनीकी जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ से अभिषेक पॉल, बीएफओ रंजीत पाठक सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस पहल के तहत झारखंड के सभी जिलों से एक-एक प्रतिनिधि को पोर्टल के लिए नामित किया जाएगा। उम्मीद है कि इस डिजिटल प्रयास से कुष्ठ उन्मूलन की रफ्तार को नई दिशा मिलेगी।
2027 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य, झारखंड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू
