झारखंड हाईकोर्ट में रिम्स की लचर व्यवस्था दूर करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बुधवार को फिर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में सरकार से जवाब मांगा। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से अदालत को बताया गया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में जवाब तैयार कर लिया गया है। लेकिन अभी दाखिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की। 22 अगस्त को रिम्स निदेशक की ओर से दाखिल किए गए जवाब पर राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाब पर सुनवाई होगी। इस दौरान रिम्स की ओर से अस्पताल के बेहतर संचालन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी शपथपत्र के माध्यम से दाखिल कर दिया गया। मालूम हो कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान रिम्स निदेशक ने अदालत को बताया था कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने एक पीत पत्र जारी करके दैनिक कार्य और जरूरी दवाओं की खरीदारी की ही छूट दी है। आधुनिक और बड़ी मशीन व अन्य सामग्री की खरीदारी के लिए अनुमति लेने का निर्देश दिया है। इस वजह से रिम्स की व्यवस्था बेहतर नहीं हो रही है। जबकि, पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि रिम्स निदेशक पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। उन्हें निर्णय लेने और कार्य करने का पूरा अधिकार है। इस पर अदालत ने महाधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट में रिम्स की व्यवस्था पर फिर सुनवाई, महाधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मांगा समय
