पिछले दिनों भारत माला परियोजना में बिना मुआवजा दिए किसानों की फसलें बर्बाद कर दी गई थी। विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश स्तरीय नेता औरंगाबाद पहुंचे। जहां उन्होंने विभिन्न गांव में प्रभावित किसानों से मुलाकात की। नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों हुई घटना के विरोध में 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे। नेताओं ने नवीनगर प्रखंड के पांडेय करमा और इग्नू डीहवार गांव में प्रशासन की ओर से अवैध तरीके से रौंदे गए फसल को देखा। इस दौरान किसान नेताओं ने सरकारी अधिकारियों, पीएनसी कंपनी और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। कहा कि सरकार की फिरंगी नीतियों का जितनी निंदा की जाए उतनी कम होगी। भ्रष्ट अधिकारी कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे पिछले दिनों नबीनगर अंचल के अंचलाधिकारी निकहत परवीन ने पुलिस प्रशासन के दम पर पांडेय कर्मा और इगुनी डिहबार गांव में सैकड़ों बीघा धान की फसल को ट्रैक्टर से रौंदवा दिया था। फसल बर्बाद होने से पूरे क्षेत्र के किसान में सरकार के विरुद्ध रोष है। फसल बर्बाद किए जाने की सूचना पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी दिनेश कुमार सिंह, बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह, बक्सर से प्रभावित किसान मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह और सचिव ब्रजेश राय, किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के महासचिव पशुपति नाथ सिंह पांडेय कर्मा गांव पहुंचे और किसानों से मुलाकात की। भाकियू के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पॉलिटिकल एजेंडा के तहत भूमि अधिग्रहण का काम किया जा रहा है। यहां के भ्रष्ट अधिकारी कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उन्हें किसानों के नफा नुकसान से कोई मतलब नहीं है। कहा कि सुप्रिम कोर्ट का आदेश है कि किसान को बिना मुआवजा दिए किसान की जमीन नहीं ले सकते। इसके बावजूद बिना मुआवजा दिए किसानों की जमीन छिनने की कोशिश की जा रही है। किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो होगा चरणबद्ध आंदोलन मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा कि जिस तरह से लड़ाई के दम पर बक्सर में हमने किसानों के ढाई सौ बीघा जमीन को बचाने का काम किया है। उसी तरह से हम औरंगाबाद के किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे। सरकार नहीं मानेगी तो हम बक्सर की तरह यहां भी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया जाएगा। किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के महासचिव पशुपति नाथ सिंह ने सरकार द्वारा फसलों के नष्ट करने के कृत्य की घोर निंदा करते हुए सरकार को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। कहा कि अपना देश कृषि प्रधान देश है। जहां कृषि की प्राथमिकता सबसे पहले रहती है पर इसी देश की सरकार बिना मुआवजा दिए किसानों से जमीन छीनने और फसलों में आग लगाने लगी तब लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इस मौके पर भाकियू औरंगाबाद के संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष राज कुमार सिंह, किसान नेता नरेंद्र राय, पप्पू तिवारी, विक्की सिंह, किसान अनिरुद्ध पांडेय, मनोज पांडेय, गुप्तेश्वर यादव, अमरेंद्र पांडेय, ब्यांकटेश पांडेय, कामता पांडेय, नीतीश पांडेय समेत अन्य मौजूद रहे।
सीएम का 25 दिसंबर को करेंगे घेराव:औरंगाबाद पहुंचे राज्य स्तरीय किसान नेता, बिना मुआवजा दिए फसल को बर्बाद करने का विरोध
