मेरे चाचा की सरेआम दिनदहाड़े हत्या करने वाला पूर्व प्रधान का परिवार बहुत खूंखार है। 26 साल पहले सिपाही की तीन अंगुलियां काट दी थी। कुछ समय बाद गांव में भाई-बहन की आंखें फोड़ दी थी। न जाने कितने केस, उस परिवार पर दर्ज हैं। उस परिवार के खौफ से इलाके के लोग कांपते हैं। हमारे परिवार को भविष्य में भी उनसे जान का खतरा है। यह कहना है रवि यादव का। रवि के चाचा अरविंद यादव (38) को भोजला गांव में सोमवार को पूर्व प्रधान और उसके परिवार ने गोलियों से भून डाला था। 2019 में मामूली विवाद में मारे गए एक थप्पड़ का प्रतिशोध तीन हत्याओं के बाद भी खत्म नहीं हुआ। अरविंद यादव की हत्या के बाद उसके परिवार की सुरक्षा के लिए पीएसी कैंप कर रही है। थाने की पुलिस भी लगातार गश्त कर परिवार से संपर्क बनाए है। उधर, सीपरी पुलिस ने बुधवार रात में तीन शूटर्स को अरेस्ट कर लिया। अभी भी मुख्य आरोपी पूर्व प्रधान सहित 7 आरोपी फरार हैं। पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश में हैं। 2019 में शुरू हुई रंजिश की पूरी कहानी… भोजला गांव में 2019 में मामूली विवाद में शुरू हुई दुश्मनी छह साल बाद भी खत्म नहीं हो सकी है। दरअसल, तत्कालीन प्रधान रिंकू यादव एक सीसीरोड बनवा रहे थे। 2019 की घटना को याद करते हुए गांववाले बताते हैं कि अरविंद के परिवार का एक लड़का सड़क सूखने के पहले ही उस पर चलकर खराब कर दिया। इस पर प्रधान समर्थकों ने उसे थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच भीषण विवाद हुआ। गोली चली। तत्कालीन प्रधान रिंकू यादव के चाचा मुन्ना यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में अरविंद यादव समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। गांव के लोगों के अनुसार, मुन्ना के मर्डर के अगले दिन ही अरविंद के बड़े भाई नरेश यादव लापता हो गए थे। परिजन कहते हैं कि नरेश का मर्डर कर दिया गया था। आज तक हम लोगों को न तो नरेश मिले और न ही उनकी लाश मिली। हम लोगों ने पुलिस से शिकायत भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ समय बाद दतिया के परासरी गांव के जंगल में नरेश का मोबाइल भी मिला था। 6 साल में नरेश का कोई सुराग नहीं मिला है। 2 भाइयों में नरेश बड़ा और अरविंद छोटा था। जेल से छूटने के बाद अरविंद गांव के बाहर रहने लगा था, घर कर विरोधियों ने मारा मुन्ना मर्डर केस में अरविंद यादव की 4 साल पहले हाईकोर्ट से जमानत हो गई थी। जमानत पर बाहर आने के बाद गांव के बाहर भरारी फार्म हाउस के पास रहने लगा था।अरविंद खेती-किसानी के साथ दूध बेचने का काम करता था। अरविंद की पत्नी संगीता ने बताया- मेरे ननदोई की मौत हो गई थी। सोमवार को मैं पति अरविंद के साथ झांसी बाजार गई थी। बैंक से पैसे निकालने गए तो निकले नहीं। तब बुलेट बाइक से घर लौट रहे थे। गांव में बाइक्स पर पूर्व प्रधान रिंकू यादव और उसके परिवार के लोग हथियार लिए खड़े थे। हम लोगों को रोककर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। मैंने कहा भी कि गोली मत मारो, लाठी-डंडे मार लो। मगर मेरी किसी ने नहीं सुनी और गोलियां चलाते रहे। बचाने गई तो मुझे भी थप्पड़ मारे और धक्का देकर गिरा दिया। पति को गोली मारकर हमलावर मौके से फरार हो गए। मैं एम्बुलेंस से पति को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां मेरे पति को मृत घोषित कर दिया गया। अब पढ़िए, भतीजे की जुबानी, पूर्व प्रधान के परिवार के खाैफ की कहानी सिपाही की अंगुलियां काट दी थी अरविंद के भतीजे रवि यादव ने बताया कि बात 1999 की है। पूर्व प्रधान के परिजन भरारी स्थित कृषि केंद्र में मवेशियों को चरा रहे थे। चौकीदार के मना करने पर झगड़ा करने लगे। तब चौकीदार ने पुलिस को फोन लगा दिया। ग्वालियर रोड चौकी से सिपाही अवधेश दुबे और जयकरण धरपकड़ करने आए। उनको देखते ही पूर्व प्रधान के परिवार ने हमला बोल दिया। प्रधान ने फरसा मारकर सिपाही अवधेश की 3 अंगुलियां काट दी थी। जबकि जयकरण को भी घसीटकर बेरहमी से पीटा था। इस मामले में प्रधान समेत अन्य परिजनों के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ था। भाई-बहन की फोड़ दी थी आंखें भतीजे रवि यादव ने बताया कि सन 2000 में पूर्व प्रधान के परिवार का एक व्यक्ति से विवाद हो गया था। उसमें गांव के सहकारी समिति के तत्कालीन निदेशक कोमिल मास्टर बीच में बोल पड़े। इस पर कोमिल मास्टर से झगड़ा हो गया। पूर्व प्रधान के परिवार ने तमंचा से गोली मारकर कोमिल मास्टर और उनकी चचेरी बहन सिद्धवती की आंखें फोड़ दी थी। कुछ साल बाद सिद्धवती की मौत हो गई थी। जबकि कोमिल मास्टर अभी भी आंख से देख नहीं पाते। परिवार के 8 लोगों पर 23 से ज्यादा केस पूर्व प्रधान रिंकू यादव के परिवार के 8 सदस्यों के खिलाफ सीपरी बाजार थाने में 23 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सबसे अधिक छह मामले रिंकू के चचेरे भाई अशोक उर्फ कुल्लू पर हैं। उस पर जानलेवा हमला, धमकी, अपहरण, घर में घुसकर मारपीट, छेड़खानी, सीएलए एक्ट, नाबालिग को अगवा करने जैसे आरोप हैं। इसके साथ ही अजीत पुत्र वान सिंह पर 5, कैलाश पर 5, धनीराम पर 2, मिथुन पर 2, अनिल पर 3, पूर्व प्रधान रिंकू पर 2 एवं राहुल पर 3 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अरविंद की पत्नी ने लगाई न्याय की गुहार अरविंद की सरेआम सड़क पर हत्या से पूरा इलाका दहल उठा। 48 घंटे बाद भी आसपास के लोगों में खौफ हावी है। घटनास्थल के पास के दुकानदार भी घटना के बारे में कुछ बोलने को राजी नहीं हैं। उधर, अरविंद के घर पहुंचकर गांव के लोग उसके परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। बुधवार को भी गांव के लोगों का जमावड़ा रहा। अरविंद की पत्नी संगीता 48 घंटे बाद भी बदहवास है। वह लगातार अपने पति के हत्यारों को अरेस्ट करने की मांग कर रही। अरविंद के घर के आसपास पीएसी समेत पुलिस बल को भी तैनात रखा गया है। पुलिस के हत्थे चढ़े तीन हत्यारोपी, पूर्व प्रधान अभी फरार अरविंद यादव हत्याकांड में करीब 48 घंटे बाद पुलिस ने मिथुन यादव, अजीत और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मुख्य हत्यारोपी पूर्व प्रधान रिंकू यादव अभी पुलिस के हाथ नहीं आ सका है। पुलिस उसकी तलाश में मध्य प्रदेश समेत आसपास के जिलों में सुराग लगा रही है। पुलिस पकड़े गए तीनों हत्यारोपियों से पूछताछ में जुटी है। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई अहम सुराग बताए हैं। उसके सहारे अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। अरविंद की पत्नी संगीता की तहरीर पर हत्या के आरोप में भोजला के पूर्व ग्राम प्रधान रिंकू यादव समेत अनिल, मिथुन, अजीत, कुल्लू, राहुल, कैलाश, अमित, संजय एवं सुरेश के खिलाफ नामजद रिपोर्ट की गई थी। ……………….. यह भी पढ़ें : प्रयागराज में टीचर ने कराया 12वीं के छात्र का कत्ल?:पिता बोले- हमलावर दोनों छात्र मोहरा, असली विवाद- 5 बिस्वा जमीन कॉलेज में इंटरवल की बेल बजती है। क्लास के अंदर से शोर बाहर तक सुनाई पड़ता है। बच्चे क्लास से निकलकर बाहर मैदान की तरफ भागने लगते हैं। इसी बीच 12वीं का स्टूडेंट अवनीश सीढ़ियों पर भागता दिखता है। उसके चेहरे पर दहशत थी। क्लासमेट अभिषेक सोनी और अभय पाठक उसके पीछे दौड़ रहे थे।
सिपाही की अंगुलियां काटी, भाई-बहन की फोड़ आंखें फोड़ी:झांसी में युवक बोला-पूर्व प्रधान से लोग कांपते हैं, रंजिश में हो चुकी हैं 3 हत्याएं
