राज्य सरकार ने कोयला, आयरन ओर समेत कई खनिजों पर सेस लगा रखा है। बावजूद इसके खजाने में जरूरत के मुताबिक पैसे नहीं पहुंच पा रहे हैं। राजकोष की स्थिति कशमकश है। विकास के लिए पैसे की कमी हो जा रही है। वेतन के लिए भी धन संकट हो जा रहा है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में राजकोष निगेटिव बैलेंस में चला गया था। हालांकि, खनिजों पर सेस लगाने से राज्य के आय में बढ़ोतरी हुई है। पांच माह में ही सरकार को 2000 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त आमदनी हुई है। लेकिन खर्च की अधिकता के कारण यह स्थिति बन गई है। सरकार के पास तय ऋण लेने का विकल्प अभी बचा हुआ है। हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक ऋण नहीं लिया गया है। राज्य सरकार ने इस बार प्रथम अनुपूरक बजट के दौरान ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, वन विभाग समेत एक दर्जन विभागों के योजना बजट की कई मांगों को खारिज कर दिया है। इन विभागों ने 11,800 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बजट की मांग की थी। सरकार ने करीब 3000 करोड़ रुपए ही आवंटित करने का प्रावधान किया। करीब 1200 करोड़ गैर योजना मद में अतिरिक्त प्रावधान हुआ। मंईयां सम्मान, पेंशन व फ्री बिजली पर विशेष फोकस मईयां सम्मान, सर्वजन पेंशन, 200 यूनिट तक फ्री बिजली जैसी योजनाएं सरकार की प्राथमिकता सूची में हैं। फ्री-बीज बाली योजनाओं के लिए करीब 33,250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मंईयां सम्मान योजना पर करीब 16,000 करोड़ खर्च का अनुमान है। इस साल के बजट में सोशल सेक्टर पर विशेष फोकस है। इसके लिए सबसे अधिक 62840 करोड़ का प्रावधान है। जबकि सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 37,884 करोड़ और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 44,675 करोड़ रु. का प्रावधान है। सड़क, पेयजल समेत कई योजनाएं हो सकती हैं प्रभावित वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले तिमाही में खनिज, राजस्व व वाणिज्य कर में थोड़ी वृद्धि हुई है, परंतु कई अन्य मदों में राजस्व वसूली की गति श्रीमी रही है। इधर, समाज कल्याण, शिक्षा, नगर विकास, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास पर खर्च लगातार बढ़ रहा है। इस स्थिति में नई सड़क का निर्माण, पेयजल, अबुआ आवास, ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और वन पौधरोपण इत्यादि का काम प्रभावित होने की संभावना जुताई जा रही है चालू वित्त वर्ष में 1.45 लाख 400 करोड़ का मूल बजट राज्य में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मूल बजट आकार 1.45 लाया 400 करोड़ रुपए का है। इसमें योजना बजट 91741.53 करोड़ रुपए का है। वहीं, केंद्रीय योजनाओं से जुड़ी कुल राशि 17073.61 करोड़ है। रात-प्रतिशत केंद्रीय योजना की राशि 2908.98 करोड़ रुपए है। इसके अलावा योजनाओं के लिए केंद्रांश की राशि 14164.63 करोड़ है। वहीं, राज्य की ओर से योजनाओं के लिए कुल 74667.92 करोड़ रुपए की राशि जुटाना है।
सरकार ने कई खनिजों पर सेस लगया, लेकिन खजाने की स्थिति कशमकश, 5 माह में 33 प्रतिशत ही जमा हो पाई आय
