समस्तीपुर पहुंची कांग्रेस की अति पिछड़ा न्याय यात्रा:समाज के हक-अधिकार को लागू करना उद्धेश्य, अत्याचार रोकने के लिए विशेष अधिनियम की मांग

समस्तीपुर पहुंची कांग्रेस की अति पिछड़ा न्याय यात्रा:समाज के हक-अधिकार को लागू करना उद्धेश्य, अत्याचार रोकने के लिए विशेष अधिनियम की मांग
Share Now

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बैनर तले अति पिछड़ा न्याय यात्रा रथ गुरुवार को समस्तीपुर पहुंचा। समस्तीपुर पहुंचने पर रथ पर सवार लोगों ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव पितौझिया में उनके स्मारक भवन पर माल्यार्पण कर रथ को आगे बढ़ाया। समस्तीपुर शहर में रथ के पहुंचने पर इस यात्रा के उद्देश्य पर लोगों ने चर्चा की। इस यात्रा के राज्य संयोजक कुनाल बिहारी ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य अति पिछड़ा समाज के हक और अधिकार को लागू करना है। यात्रा में यह संकल्प लिया गया कि अति पिछड़ा समाज पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए विशेष अत्याचार निवारण अधिनियम बनाया जाएगा। स्थानीय निकायों में अति पिछड़ों का आरक्षण 22% से बढ़ाकर कम-से-कम 33% किया जाय। उन्होंने कहा कि बिहार की 38% अति पिछड़ा आबादी के लिए स्वतंत्र अति पिछड़ा कल्याण मंत्रालय की स्थापना होनी चाहिए। आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाएगा उन्होंने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो शिक्षा और नौकरी में वर्तमान 18% आरक्षण को बढ़ाकर न्यायिक सेवा की तर्ज पर 21% किया जाएगा। जैसे पिछड़ा वर्ग आयोग है, वैसे ही अति पिछड़ा आयोग को कानूनी दर्जा दिया जाएगा। पंचायतों के सभी तीनों स्तरों पर अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा। अति पिछड़ों का आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने और संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। विधानमंडल, सरकार और पार्टी संगठन में अति पिछड़ों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में पूरा प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यहां तक की ठेका और आपूर्ति कर्म में अति पिछड़ों को विशेष छूट और आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाएगा। कपूरी रथ समस्तीपुर से अगले पराग दरभंगा के लिए रवाना हुई। इस मौके पर अति पिछड़ा नया ए रथ पर सवार लोगों में शाकिर अंजुम, गुलाब ठाकुर, सुभाष कुमार, हेसमुद्दीन अंसारी, Thithar प्रजापति, शाहादत हुसैन, कमल जावेद, राहुल कुमार, रामकेश कुमार आदि शामिल हैं। फूले मूवी का भी किया गया प्रदर्शन रात्रि में ‘फुले मूव’ का प्रदर्शन किया गया, जिससे अति पिछड़ा आंदोलन के इतिहास और प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाया गया। यह यात्रा आगामी 40 दिनों में बिहार के सभी 38 जिलों को कवर करेगी और अति पिछड़ा समाज के हक, सम्मान और न्याय की नई इबारत लिखेगी।


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *