सपा सांसद बर्क बोले- हर चीज का जवाब बुलडोजर नहीं:क्या मुसलमानों को कभी ये कहते देखा कि मंदिर नहीं, मस्जिद थी

सपा सांसद बर्क बोले- हर चीज का जवाब बुलडोजर नहीं:क्या मुसलमानों को कभी ये कहते देखा कि मंदिर नहीं, मस्जिद थी
Share Now

‘आपने कभी मुसलमानों को ये कहते देखा कि वहां मंदिर नहीं, मस्जिद थी? ये आपस में बांटने की राजनीति गलत है। फतेहपुर जिले के मकबरे में पुलिस की मौजूदगी में तोड़फोड़ हुई। कानून का डर सबको होना चाहिए।’ यह कहना है, यूपी की संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का। UP में सपा के 4 मुस्लिम सांसद हैं, इनमें एक बर्क भी हैं। 24 नवंबर, 2024 की संभल हिंसा के बाद से सांसद बर्क की लगातार घेराबंदी हो रही है। उन पर हिंसा फैलाने, बिजली चोरी करने, अतिक्रमण करके मकान बनाने सहित कई और भी आरोप हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे इन तमाम आरोपों, मंदिर-मस्जिद विवाद, बुलडोजर एक्शन सहित कई मुद्दों पर बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: आप पर संभल में हिंसा फैलाने का आरोप है। घटना के वक्त कहां थे?
जवाब: ऑलरेडी इस बात को पूरा संभल, प्रदेश और देश जानता है। जिस समय ये घटना हुई थी, उस समय मैं संभल से हजारों किलोमीटर दूर बेंगलुरु में था। रही बात, कोई बयान देने की, तो मैं सांसद हूं। मैं जानता हूं कि किस समय कौन-सी भाषा का इस्तेमाल करना है? लीगल तौर पर मैं बयान देता हूं। अब मैं वो बयान नहीं दे सकता, जिससे पुलिस-प्रशासन और सरकार खुश हो। मैं वही कहूंगा, जो जनता के हित में हो और कानून व्यवस्था के दायरे में हो। सवाल: संभल प्रशासन आपसे नाराज है? आप पर धड़ाधड़ कार्रवाई क्यों हो रहीं?
जवाब: ये कारण तो आप उनसे (पुलिस-प्रशासन से) ही पूछो, वही बेहतर बता सकते हैं। लेकिन हां, मेरे अंदर एक आदत है कि मैं अपने दादा की तरह हक और इंसाफ के रास्ते पर रहता हूं। सवाल: यूपी में 2027 के इलेक्शन की बुनियाद संभल से रखी जा रही है?
जवाब: जाहिर सी बात है कि ये वही लोग बेहतर सोच सकते हैं, बता सकते हैं, जिन्होंने ऐसा सोचा होगा। बुनियाद रखी जा रही है या नहीं, इतना मेरी जानकारी में नहीं है। इतना जरूर कहूंगा कि मुद्दों पर राजनीति होनी चाहिए। इस प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए कि हिंदू-मुसलमानों को आपस में बांटकर की जाए। मैं इसके खिलाफ हूं। यकीनन दादा बर्क साहब (डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क) ने राजनीति की थी। वो पूरे हिंदुस्तान के अंदर मुस्लिम चेहरा थे, रहनुमा थे। उन्होंने मुसलमानों की आवाज उठाई। इसके साथ वो हिंदू समाज के भी हक और इंसाफ के लिए आवाज उठाते थे। उन्होंने कभी ये नहीं किया कि मुसलमान के साथ इंसाफ हो और हिंदू समाज को हक न मिले। हमेशा उनका भी ये प्रयास था कि हर मजहब, धर्म, बिरादरी के साथ इंसाफ होना चाहिए। उन्हीं के रास्ते पर हम हैं। सरकार कोई भी हो, किसी की भी हो, लेकिन धर्म-बिरादरी पर आपस में बांटने की जगह सबको यूनाइट करके इस प्रदेश-देश की तरक्की की बात होनी चाहिए। सवाल: क्या संभल हिंसा के बाद से कभी डीएम-एसपी से सीधे तौर पर बातचीत हुई?
जवाब: क्यों नहीं? मैं यहां का सांसद हूं, जनप्रतिनिधि हूं। अगर मुझ पर कोई केस लगा है, तो इसका मतलब ये थोड़े है कि मैं उनसे बातचीत करना बंद कर दूंगा। अगर मेरी जनता का कोई मसला है, जनता को कोई परेशानी आती है, तो उनके मुद्दों को लेकर मैं बात करता हूं। सवाल: आपके मकान का कुछ हिस्सा अवैध बताया गया, ये कितना सही है?
जवाब: मैं तो यही कहूंगा कि ये चीज सही नहीं है। जो जुर्माना लगाया गया है, उसमें ये दिखाया गया है कि नोटिस देने के बावजूद घर पर काम चल रहा था। मेरे घर में CCTV लगे हैं। उनको देखकर ये प्रमाणित होता है कि जब प्रशासन ने नोटिस दिया था, उससे कम से कम एक साल पहले से घर पर निर्माण कार्य बंद था। ये मेरे पास सॉलिड एविडेंस हैं। फिर ये बात कैसे कही जा सकती है कि नोटिस देने के बाद भी काम चल रहा था। खैर, मैंने अपने वकीलों के मशविरा कर जुर्माने का पैसा अदा कर दिया है। सवाल: फतेहपुर जिले के मकबरा वर्सेज मंदिर विवाद पर आपकी क्या राय है?
जवाब: ये विवाद क्यों है? क्यों हो रहा है? क्या आपने कभी मुसलमानों को ये कहते हुए देखा कि वहां मंदिर नहीं, मस्जिद थी या मदरसा था? क्या कभी ये कहते देखा कि गुरुद्वारे पर हमारा कब्रिस्तान था? आपस में लोगों को बांटने के लिए जो राजनीति हो रही है, ये गलत है। जो लोग इसको अंजाम दे रहे हैं, सरकार को उन लोगों को कंट्रोल करना चाहिए। जिससे वो लोग कानून के दायरे में रहें। वहां पर पुलिस की मौजूदगी में प्री-प्लान अनाउंसमेंट करके जिस प्रकार से उपद्रव किया गया। तोड़फोड़ की गई। यह चीज एक सवालिया निशान है कि किस तरह उन लोगों ने कानून-व्यवस्था को दरकिनार किया। हम कहते हैं कि कानून जो भी तोड़े, कानून सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, सभी वर्ग के लिए है। सबको कानून का सम्मान करना चाहिए। सवाल: आपके हिसाब से क्या हिंदू समाज के लोग कानून का सम्मान नहीं करते?
मैं ये नहीं कह रहा कि हिंदू समाज के लोग कानून का सम्मान नहीं करते। लेकिन जो चुनिंदा लोग हैं, वो इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस-प्रशासन को उन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, उनको बचाना नहीं चाहिए। एक व्यक्ति जो इस देश की सबसे बड़ी पंचायत का सदस्य है। वो संभल से हजारों किलोमीटर दूर है और उसका मुकदमे में नाम आ सकता है। मैं पूछना चाहता हूं कि फिर वो व्यक्ति BJP से जुड़े हुए पदाधिकारी हैं, वो लगातार अनाउंसमेंट करके उपद्रव मचा रहे हैं। पुलिस अफसरों को फोन पर धमका रहे हैं, उनका नाम मुकदमे में क्यों नहीं आया? मैं कहना चाहता हूं कि कानून का डर सबको होना चाहिए। जो कानून को तोड़ने की बात कहते हैं, सबसे ज्यादा डर उनको होना चाहिए। ये तभी होगा, जब सबके सम्मान में सबके साथ कार्रवाई की जाएगी। सवाल: यूपी में बुलडोजर एक्शन पर क्या कहेंगे?
जवाब: ये गलत है। किसी भी चीज का जवाब बुलडोजर नहीं है। एक कानूनी प्रक्रिया है। व्यवस्था पालिका, न्याय पालिका, कार्य पालिका सबका काम अलग-अलग है। जिसका जो काम है, वो उनको करना चाहिए। जो गलत कर रहा है, उसको सजा देने का काम न्याय पालिका पर छोड़ना चाहिए। वो काम पुलिस-प्रशासन और सरकारों को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। कोई व्यक्ति गलत कर रहा है तो ये निर्णय न्याय पालिका पर छोड़ना चाहिए। वो देखें और जिसने गलत किया है, उस पर कार्रवाई करें। —————————– ये खबर भी पढ़ें… ठाकुर विधायकों को एकजुट करने वाले रामवीर का इंटरव्यू, बोले-योगी को इस बारे में पता नहीं था मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से BJP विधायक रामवीर सिंह सुर्खियों में हैं। यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान लखनऊ के एक फाइव स्टार होटल में 40 ठाकुर विधायकों को इकट्‌ठा किया। आयोजन को ‘कुटुम्ब-परिवार’ का नाम दिया। अचानक खास बिरादरी के विधायकों की दावत करने की जरूरत क्यों पड़ी? पढ़ें पूरी खबर


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *