सपा महासचिव शिवपाल यादव का फोन न उठाना बुलंदशहर डीएम श्रुति को भारी पड़ गया। शिवपाल ने उन्हें 20–25 बार कॉल किया, लेकिन डीएम ने रिसीव नहीं किया। इससे नाराज होकर शिवपाल ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से शिकायत कर दी। शिकायत के बाद महाना ने तत्काल डीएम को नोटिस जारी किया। नोटिस मिलने के बाद डीएम श्रुति को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने शिवपाल यादव को कॉल किया। उनसे माफी मांगी। इसके बाद शिवपाल ने उन्हें माफ कर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर शिवपाल अपने रुख पर अडिग रहते, तो डीएम को विधानसभा में पेश होना पड़ सकता था। चलिए, सिलसिलेवार तरीके से पूरा मामला समझते हैं… जानिए पूरा मामला
शिवपाल यादव ने कुछ महीने पहले एक कार्यकर्ता से जुड़े काम के लिए डीएम श्रुति को कॉल की। श्रुति के निजी सहायक ने कई बार फोन उठाया, लेकिन डीएम बात करने को तैयार नहीं हुईं। शिवपाल के एक करीबी ने बताया- नेताजी ने उनके पर्सनल नंबर पर भी कॉल की, लेकिन मैडम ने कॉल नहीं उठाया। इतना ही नहीं, बुलंदशहर सपा जिलाध्यक्ष मतलूब अली भी डीएम के पास शिवपाल यादव का संदेश लेकर पहुंचे, लेकिन,उन्हें भी टाल कर रवाना कर दिया। डीएम के रवैये से नाराज शिवपाल ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पहले फोन पर जानकारी दी। इसके बाद शिवपाल ने महाना को लिखित शिकायत भेजते हुए मामले को विशेषाधिकार हनन समिति में रखने का आग्रह किया। महाना ने शिवपाल की सीनियॉरिटी और उनके राजनीतिक कद को ध्यान में रखते हुए तत्काल डीएम को नोटिस जारी कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, डीएम को नोटिस मिलने के बाद शासन के आला अधिकारी हरकत में आ गए। सीएम ऑफिस से लेकर शासन के अफसरों ने विधानसभा सचिवालय में संपर्क कर मामले को रफा-दफा कराने का प्रयास किया, लेकिन मामला शिवपाल से जुड़ा होने के चलते सफल नहीं हो सके। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लेकर राय दें- डीएम ने निजी सहायक को जिम्मेदार बताकर हटाया
नोटिस मिलने के बाद डीएम श्रुति ने शिवपाल यादव से बात कर पूरे मामले पर माफी मांगी। उन्होंने इसके लिए अपने निजी सहायक नितेश कुमार रस्तोगी को जिम्मेदार ठहराया। कहा- नितेश ने उन्हें नहीं बताया था कि शिवपाल यादव कॉल कर रहे हैं। डीएम ने पीआरओ को हटा भी दिया। हालांकि, नितेश रस्तोगी 6 साल से वहां तैनात थे, उन्हें हटना ही था। शिवपाल बोले- अब कोई कार्रवाई नहीं चाहते
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखकर दिया है कि वह डीएम से हुई बातचीत से संतुष्ट हैं। वह अब कोई कार्रवाई नहीं चाहते। शिवपाल के पत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को बंद कर दिया है। डीएम को सदन में पेश होना पड़ता राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं- शिवपाल यादव आमतौर पर सहज और नरम रवैया अपनाते हैं। डीएम श्रुति ने उनसे बात कर अपनी सफाई दे दी। इसलिए शिवपाल भी मामले को बंद करने पर सहमत हो गए। अगर शिवपाल अपने रुख पर अडिग रहते तो डीएम को सदन में पेश होना पड़ सकता था। नितेश रस्तोगी ने कहा- सीयूजी फोन सिर्फ मेरे पास ही नहीं रहता वहीं, श्रुति के निजी सहायक रहे नितेश कुमार रस्तोगी का कहना है कि सीयूजी फोन सिर्फ मेरे पास ही नहीं रहता था। ड्यूटी के अनुसार अलग-अलग स्टाफ के हाथ में फोन रहता है। किसका कॉल कब आया, यह संबंधित निजी सहायक ही बता सकते हैं। मुझे डीएम ऑफिस में 6-7 साल हो गए थे, इसलिए हटाया गया है। एडीएम वित्त के यहां मेरा मूल पद है, अब अपने मूल पद पर काम कर रहा हूं। सरकार का आदेश भी नहीं मानते अधिकारी राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं- डीएम-एसएसपी समेत अन्य अधिकारी विधायकों का कॉल नहीं उठाते। यह बात नई नहीं है। यह बात कई बार विधानसभा में विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी उठाई है। विधानसभा अध्यक्ष ने हर बार संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना को इस संबंध में अफसरों को पाबंद करने के निर्देश भी दिए। सुरेश खन्ना ने भी हर बार सदन में आश्वासन दिया कि सरकार विधायकों के सम्मान का ख्याल रखेगी, लेकिन उसके बावजूद स्थिति जस की तस है। पंजाब कैडर से यूपी कैडर में आईं श्रुति
2011 बैच की आईएएस श्रुति को पंजाब कैडर मिला था। शादी के बाद उन्होंने अपना कैडर बदलने के लिए आवेदन किया। केंद्र सरकार ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें यूपी कैडर दिया। उन्होंने 2017 में यूपी कैडर जॉइन किया। —————————- ये खबर भी पढ़ें… दशहरे पर राजा भैया दिखाएंगे अपने शस्त्रागार के हथियार, करीबी MLC बोले- उस दिन पूजा होती है बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास हथियारों का जखीरा है। यह शिकायत उनकी पत्नी भानवी सिंह ने पीएमओ से की है। इस पर राजा भैया के सबसे करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने कहा कि उनकी पत्नी 10 साल से अलग रह रही हैं। ऐसे में उन्हें हथियारों की फोटो कहां से मिल गई? पहले तो उनकी ही जांच होनी चाहिए। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पढ़िए पूरी खबर…
शिवपाल ने 20 कॉल की, महिला DM ने नहीं उठाई:विधानसभा अध्यक्ष से की शिकायत, नोटिस जारी हुआ तो बोलीं- सॉरी
