विभाजन की विभीषिका का पीड़ा और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव: मुख्यमंत्री

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उधमसिंहनगर, 14 अगस्त । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि विभाजन की विभीषिका का दर्द हम कभी नहीं भूल सकते, जब मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बांट दिया गया। लोगों ने उस दौर में किस अकल्पनीय पीड़ा, भय और संघर्ष को सहा था। उनके त्याग और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव है।

मुख्यमंत्री धामी गुरुवार को उधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री धामी ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि पूरा देश जब आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था, उससे ठीक एक दिन पहले ही देश को दो टुकड़ों में बांट दिया गया। करोड़ों लोगों को विभाजन की विभिषिका से गुजरते हुए अपने घर, गांव, खेत-खलिहान, दुकान-व्यापार और अपनों से बिछड़कर शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर होना पड़ा। आज भी उन लोगों की आंखों में वो पीड़ा है, जिनके मां-बाप इतिहास के उस काले दौर में उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए यह समझ पाना भी कठिन है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों की ओर से किए गए त्याग और बलिदान को हमेशा याद रख सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विभाजन केवल एक भूभाग का बंटवारा नहीं था, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगियों और उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी विभाजन था। मानव विस्थापन का इतना भयानक और विकराल रूप इतिहास ने पहले कभी नहीं देखा था। मुख्यमंत्री ने उस वैमनस्य और दुर्भावना का डटकर सामना करने वाले लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की जिन्होंने विभाजन की त्रासदी झेलने के बाद भी अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अटूट विश्वास को बनाए रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का समग्र विकास हो रहा है। देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की नई धारा प्रवाहित की जा रही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रहा है। राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारखंड की भांति ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के भी पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। काशीपुर के चैती मंदिर को मानसखंड कॉरिडोर का हिस्सा बनाया है। हेमकुंड साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुरक्षित और सहज बनाने के लिए गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला राज्य है। देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद लगभग 24 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिये पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। प्रदेश में सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद अजय भट्ट, मेयर काशीपुर दीपक बाली, मेयर रूद्रपुर विसा शर्मा, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, स्वामी हरि चैतन्या जी महाराज और अजय मौर्य सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।


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