वर्ल्ड अपडेट्स:रूस ने कैंसर के इलाज के लिए नई वैक्सीन बनाई, प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% इफेक्टिव; हर मरीज के लिए पर्सनलाइज्ड डोज बनेगा

वर्ल्ड अपडेट्स:रूस ने कैंसर के इलाज के लिए नई वैक्सीन बनाई, प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% इफेक्टिव; हर मरीज के लिए पर्सनलाइज्ड डोज बनेगा
Share Now

रूस ने कैंसर के इलाज में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश की नई mRNA बेस्ड वैक्सीन ‘एंटरोमिक्स’ ने प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% प्रभावशीलता और सुरक्षा दिखाई है। रूस के नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजी सेंटर और रूसी एकेडमी ऑफ साइंस के एंगेलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने मिलकर इस वैक्सीन को विकसित किया है। इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स की शुरुआत 48 वॉलंटियर्स के साथ की गई थी। इन ट्रायल्स की घोषणा सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF 2025) में 18 से 21 जून को की गई थी। वैक्सीन कैंसर को रोकने में सक्षम यह वैक्सीन न केवल कैंसर से लड़ने में सक्षम है, बल्कि भविष्य में कैंसर को रोकने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है। फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) ने घोषणा की है कि यह वैक्सीन अब क्लिनिकल उपयोग के लिए तैयार है। FMBA की प्रमुख वेरोनिका स्क्वॉर्ट्सोवा के अनुसार, एंटरोमिक्स एक mRNA आधारित वैक्सीन है, जो हर मरीज के लिए उनकी व्यक्तिगत RNA के आधार पर खास रूप से तैयार की जाएगी। यह वैक्सीन शरीर के इम्यून सिस्टम को सुधारती है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं को पहचान कर उन्हें खत्म कर सके। यह वैक्सीन ट्यूमर को छोटा करने और उनकी वृद्धि को रोकने में बेहद प्रभावी साबित हुई है। खास बात यह है कि इसे बार-बार इस्तेमाल करने पर भी कोई गंभीर साइड इफैक्ट नहीं देखे गए, जो इसे कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे इलाजों से अलग बनाता है। पहली पर्सनलाइज्ड कैंसर वैक्सीन बन सकती है एंटरोमिक्स का पहला संस्करण कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) के इलाज के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा, वैज्ञानिक ग्लियोब्लास्टोमा (मस्तिष्क का कैंसर) और मेलेनोमा (त्वचा का कैंसर) के लिए वैक्सीन के अन्य संस्करणों पर काम कर रहे हैं। अब जब क्लिनिकल ट्रायल्स सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, वैक्सीन को रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार है। अगर यह मंजूरी मिलती है, तो एंटरोमिक्स दुनिया की पहली पर्सनलाइज्ड mRNA कैंसर वैक्सीन बन सकती है। यह वैक्सीन न केवल रूस बल्कि पूरी दुनिया में हजारों लोगों की जान बचा सकती है और कैंसर के इलाज में एक नया युग शुरू कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… वेटिकन सिटी में कार्लो अक्यूटिस पहले मिलेनियल संत बने, ‘भगवान के दूत’ नाम से मशहूर थे, 15 साल की उम्र में मौत हुई थी वेटिकन सिटी में पोप लियो ने रविवार को एक समारोह में 15 साल के कार्लो अक्यूटिस को कैथोलिक चर्च का पहला मिलेनियल (Generation Y) संत घोषित किया। कार्लो की 2006 में ब्लड कैंसर से मौत हो गई थी। वो भगवान के दूत कहे जाते थे। इस मौके पर दुनियाभर से करीब 70 हजार युवा शामिल हुए। कार्लो का जन्म 1991 में ब्रिटेन में हुआ था और वे इटली में रहे। उन्होंने कंप्यूटर कोडिंग सीखकर धार्मिक वेबसाइट्स बनाईं। उनकी कहानी ने कई युवाओं को प्रेरित किया। पोप लियो ने कार्लो के साथ-साथ 1920 में पोलियो से मरे इटली के पियर जियोर्जियो फ्रासाती को भी संत घोषित किया। फ्रासाती अपनी दानशीलता के लिए मशहूर थे। सेंट पीटर्स स्क्वायर में पोप लियो ने कहा, ‘हम सभी के पास संत बनने का मौका है।’ उन्होंने कार्लो के शब्दों को दोहराया, ‘स्वर्ग हमारा इंतजार कर रहा है, और आज अपना सर्वश्रेष्ठ देना जरूरी है।’ पोप ने युवाओं से कहा कि वे कार्लो और फ्रासाती से प्रेरणा लें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं। यह समारोह पहले अप्रैल में होने वाला था, लेकिन पोप फ्रांसिस की मृत्यु के कारण टल गया। यह पहला मौका था जब पोप लियो ने ऐसा समारोह किया। ट्रम्प बोले- यूरोपीय नेता रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के लिए अमेरिका आएंगे, पुतिन से भी बात करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि यूरोपीय देशों के नेता सोमवार और मंगलवार को रूस-यूक्रेन युद्ध को सुलझाने के लिए चर्चा करने अमेरिका आएंगे। न्यूयॉर्क में यूएस ओपन से लौटने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने यह भी बताया कि वह जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे। PAK पीएम को सोशल मीडिया X ने दिया कड़ा जवाब, शरीफ ने 1965 जंग को जीत बताया, X ने लिखा- ये पाकिस्तान की स्ट्रैटेजिक हार थी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के कम्युनिटी पोस्ट ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के 1965 भारत-पाक जंग से जुड़े दावों का भंडाफोड़ कर दिया। शहबाज ने X पर लिखा- 6 सितंबर हमारे देश के लिए वीरता और एकता का प्रतीक है। साठ साल पहले 1965 में हमारे बहादुर सशस्त्र बलों ने, जनता के साथ, दुश्मन के हमले को नाकाम किया और साबित किया कि पाकिस्तान एक मजबूत राष्ट्र है, जो अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। 1965 की वह अटूट भावना आज भी जीवित है। इसपर X ने जवाब देते हुए लिखा- भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ 1965 का जंग पाकिस्तान के लिए एक स्ट्रैटेजिक और पॉलिटिकल हार थी। पाकिस्तान की कश्मीर में विद्रोह भड़काने की रणनीति को भारत ने विफल किया और पाक को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा था। पूरी खबर पढ़ें… नॉर्थ कोरिया में अमेरिका के सीक्रेट मिशन का खुलासा, जासूसी के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाना चाहते थे ट्रम्प; शुरू होते ही फेल हुआ डोनाल्ड ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में एक अमेरिका की नेवी सील टीम ने 2019 में नॉर्थ कोरिया के तट पर एक खुफिया मिशन चलाया था। इस मिशन का मकसद नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग-उन की कम्युनिकेशन व्यवस्था की जासूसी करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाना था। यह मिशन असफल रहा और इसमें निहत्थे नॉर्थ कोरियाई लोग मारे गए। जनवरी 2019 की एक सर्द रात को अमेरिकी नेवी सील की एक टीम चुपचाप एक पनडुब्बी से निकली और नॉर्थ कोरिया के एक चट्टानी तट की ओर बढ़ी। इस टीम में वही सैनिक थे जिन्होंने ओसामा बिन लादेन को मारा था। उनका लक्ष्य किम जोंग-उन की जासूसी करना था ताकि अमेरिका को परमाणु बातचीत में मदद मिल सके। यह मिशन इतना खतरनाक था कि इसकी मंजूरी खुद तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दी थी। हालांकि, यह मिशन शुरू होते ही विफल हो गया। पूरी खबर पढ़ें…


Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *